सवाल
मैं एक 19 साल का छोटी जाति का लड़का हूं और शहर में रह कर पढ़ाई कर रहा हूं. यहां शहर में मेरा एक दोस्त है, जो ऊंची जाति का है, पर उसे मेरी दोस्ती बड़ी अच्छी लगती है और वह ऊंचनीच के भेदभाव को नहीं मानता है.
लेकिन जब कभी मैं अपने उस दोस्त के घर जाता हूं तो महसूस होता है कि जैसे उस के परिवार वाले मुझे पसंद नहीं करते हैं. वे एक तरह से ताने मारते हैं कि रिजर्वेशन वालों ने उन का हक मार लिया है.
इस बात से मुझे तनाव हो जाता है, जबकि मेरा दोस्त ऐसी बातों को इग्नोर करने की कहता है, पर मेरे लिए यह सब इतना आसान नहीं है. मैं क्या करूं?
जवाब
दोस्ती धर्म और जाति से कहीं ज्यादा अहम जज्बा है, इसलिए दोस्त के घर वालों की बातों पर टैंशन मत पालिए. जब दोस्त समझदार और आधुनिक खयाल वाला है, तो बात गौर करने के लायक ही नहीं.
दोस्त के घर वाले पुराने और दकियानूसी खयालों के हैं, जिन की तकलीफ रिजर्वेशन कम, दिमाग में ठुंसी जातपांत ज्यादा है. वे आप को उकसा कर आप की दोस्ती अपने बेटे से तुड़वाना चाहते हैं, क्योंकि आप उन से बहस करेंगे या जवाब देंगे तो भी दोस्त को यह नागवार गुजरेगा, इसलिए उस की बात मानते हुए इन बातों को इग्नोर करें और जिंदगी में कुछ बन कर पूरी दुनिया को जवाब दें.
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