बौलीवुड सिंगर शाल्मली खोलगडे के गाने ‘बेबी को बेस पसंद है…’, ‘मुझे तो तेरी लत लग गई…’, ‘बलम पिचकारी…’, ‘मैं परेशां…’ हर पार्टी की शान बन गए हैं. वैसे, शाल्मली खोलगडे को केवल गाने गाना ही पसंद नहीं है, बल्कि वे डांस और ऐक्टिंग का भी शौक रखती हैं. स्कूली दिनों में उन को यह तय करने में बहुत मुश्किल आई थी कि कैरियर के रूप में वे इस दिशा में जाएं. शाल्मली खोलगडे की मां उमा खोलगडे क्लासिकल सिंगर और थिएटर आर्टिस्ट हैं. वे बेटी को भी उसी दिशा में ले जाना चाहती थीं. शाल्मली खोलगडे ने अपने कैरियर की शुरुआत एक मराठी फिल्म से की थी. उन को असल पहचान फिल्म ‘इशकजादे’ के गाने ‘मैं परेशां…’ से मिली. इस के बाद उन्होंने एक के बाद कई हिट गाने गाए. पेश हैं, उन के साथ की गई बातचीत के खास अंश:
ऐक्टिंग और डांस के शौक के बाद आप सिंगिंग की लाइन में कैसे आईं?
मेरी मां क्लासिकल सिंगर हैं. उन की कोशिश थी कि मैं भी क्लासिकल सिंगर बनूं. मैं उन दिनों गानों को ले कर बहुत गंभीर नहीं थी. 8वीं क्लास में मां ने मेरी बात मान ली और कहा कि जो तुम को बनना है, बनो.
स्कूल के बाद कालेज तक मैं यह समझ नहीं पा रही थी कि किस राह पर आगे जाऊं. मैं ऐक्टिंगडांस सबकुछ पसंद कर रही थी. हमारे कालेज में मल्हार फैस्टिवल हुआ था. उस में सोलो सिंगिंग का एक कंपीटिशन था. उस में मैं गाना गा रही थी. गाने के साथ म्यूजिक और सबकुछ देख कर मैं काफी प्रभावित हुई और सोच लिया कि अब तो मुझे सिंगर ही बनना है.
क्या अब सिंगिंग महज प्लेबैक सिंगिंग नहीं रह गई है?
अब गायकी का दौर बदल रहा है. गायकों को स्टेज पर एक अच्छा परफौर्मर होना भी जरूरी होता है. इस में आप का ग्लैमर और लुक भी अहम रोल अदा करता है.
मेरा डांस और ऐक्टिंग का जो शौक था, वह परफौर्मर के रूप में मुझे काम देता है. टैलीविजन चैनल ‘स्टार प्लस’ के सिंगिंग रिएलिटी शो ‘दिल है हिंदुस्तानी’ में करन जौहर और शेखर रविजानी के साथ जज की भूमिका में मुझे बहुतकुछ सीखने को मिला है.
सिंगिंग के रिएलिटी शो के कई विजेता बौलीवुड सिंगिंग में अपनी जगह क्यों नहीं बना पाते हैं?
बौलीवुड में भी कंपीटिशन बहुत है. रिएलिटी शो में केवल वे लोग होते हैं, जो उस शो में हिस्सा ले रहे होते हैं. बौलीवुड सिंगिंग में और लोग भी मुकाबले में होते हैं.
शो जीतने के बाद ही किसी सिंगर का असल कैरियर शुरू होता है. कई बार विजेता संघर्ष करना बंद कर देता है. ऐसे में उस की पहचान वहीं खो जाती है.
यह बात जरूर है कि आज के दौर में अगर आप की आवाज में दम है, तो मौके जरूर मिलेंगे. कई ऐसे कलाकार भी हैं, जो शो में विजेता नहीं बन सके, पर बाद में सिंगिंग में बेहतर कैरियर बनाने में कामयाब हो गए.
आप मराठी हैं, पर हिंदी बहुत अच्छी तरह से बोलती हैं. कैसे?
स्कूल में हिंदी गलत लिखने और बोलने को ले कर मुझे कई बार मार भी खानी पड़ी है. हिंदी बोलने में मुझे काफी मुश्किलें आईं. मुझे मराठी और अंगरेजी अच्छी आती थी. जब हिंदी गाना शुरू किया, तो हिंदीं सीखना शुरू किया. सच कहूं, तो गाना सीखने से ज्यादा मुश्किल हिंदी सीखने में आई. अब मेरी हिंदी अच्छी है, यह सुन कर अच्छा लगता है.
आप सिंगिंग में किस तरह का कंपीटिशन देखती हैं?
एक सिंगर के रूप में मुझे हर गाने के लिए कंपीटिशन से गुजरना पड़ता है. एक गाने को म्यूजिक डायरैक्टर अलगअलग सिंगर के साथ गवा कर देखता है. इस के बाद किसी एक सिंगर की आवाज में उस को फाइनल करता है. यह हर किसी के साथ होता है, चाहे सिंगर नया हो या पुराना.
क्या आप को वैस्टर्न गाने ज्यादा पसंद हैं?
ऐसा नहीं है. ज्यादातर म्यूजिक डायरैक्टरों को लगता है कि मुझ पर वैस्टर्न गाने ज्यादा अच्छे लगते हैं. यही वजह है कि मेरे हिस्से में पार्टी गाने ज्यादा आए हैं. मेरे कई स्लो गाने भी पसंद किए गए हैं.
वैसे, अच्छा सिंगर वही माना जाता है, जो हर तरह के गाने को बखूबी गा सके.