समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर पार्टी के आगरा अधिवेशन में आने का न्यौता दिया है. माना जा रहा है कि मुलायम बेटे की अध्यक्षता में होने जा रहे पार्टी के अधिवेशन में शामिल हो सकते हैं.

तीन रोज पहले सार्वजनिक तौर पर पिता का आशीर्वाद मिलने के बाद अखिलेश मुलायम के आवास पहुंचे. पिता पुत्र के बीच करीब पौन घंटा बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने पार्टी के पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में आने को कहा है. मुलायम पार्टी के संरक्षक है. पिछले दिनों में उन्हें सपा के राज्य अधिवेशन में नहीं बुलाया गया था. हालांकि हाल ही में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुलायम ने आगरा अधिवेशन में जाने से इंकार किया था.

मुलायम द्वारा नई पार्टी बनाने से इंकार करने से प्रसन्न अखिलेश ने ट्वीट कर मुलायम सिंह जिंदाबाद सपा जिंदाबाद का नारा दिया था. उत्साहित सपा मुखिया अखिलेश यादव अब नेताजी को अधिवेशन में लाकर पार्टी के भीतर अपने विरोधियों को सख्त संदेश देना चाहते हैं. अगर मुलायम अधिवेशन में शामिल होते हैं तो यह उनके छोटे भाई शिवपाल के लिए दूसरा बड़ा झटका होगा.

राज्य अधिवेशन में सपा ने मुलायम व शिवपाल दोनों को नहीं बुलाया था. इस कारण भी शिवपाल मुलायम को अपने साथ खड़ा जानकर खुद को मजबूत मान रहे थे. पर लोहिया ट्रस्ट में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुलायम ने अखिलेश की आलोचना की थी लेकिन संदेश साफ दे दिया कि वह उन्हीं के साथ हैं. इसलिए पार्टी बनाने की शिवपाल की मांग को मानने से इंकार कर दिया.

काफी दिन बाद हुई सियासी मुलाकात

इससे पहले अखिलेश व मुलायम की मुलाकात तब हुई थी जब विधानसभा चुनाव में सपा हार गई थी. तब अखिलेश जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में थे. मुलायम ने वहां पहुंच कर अकेले में काफी देर बात की. चुनाव प्रचार के वक्त जब पार्टी को घोषणा पत्र जारी करना था तब मुलायम नहीं आए लेकिन समारोह के बाद मुलायम अखिलेश की पार्टी दफ्तर में मुलाकात हुई. सूत्र बताते हैं कि पिता पुत्र के रूप में दोनों की मुलाकात इसके अलावा भी होती रहीं हैं.

क्या केवल संरक्षक बने रहेंगे मुलायम?

सपा अधिवेशन में मुलायम क्या केवल संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका चाहते हैं या अध्यक्ष पद भी वापस चाहते हैं. मुलायम वायदे के मुताबिक अध्यक्ष्र पद वापस न करने के कारण कई बार अखिलेश को उलाहना देने चुके हैं. बताया जा रहा कि मुलायम के मान सम्मान के लिए नए फामरूले पर विचार हो सकता है. इसके तहत मुलायम अध्यक्ष बनें और अखिलेश कार्यकारी अध्यक्ष बन कर सारे बड़े फैसले करें. हालांकि इसके लिए पार्टी संविधान में बदलाव करना होगा.

सम्मेलन में तैयार होगी मिशन 2019 की रणनीति

समाजवादी पार्टी अपने राष्ट्रीय सम्मेलन के जरिए अगले लोकसभा चुनाव के लिए खास रणनीति बनाएगी. इसके अलावा देश की सियासी व आर्थिक स्थिति पर प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को निशाने पर रखा जाएगा. सपा का सम्मेलन 5 अक्टूबर को आगरा में होगा. इसके एक दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी.

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि आगरा में सम्मेलन स्थल तार घर का मैदान सदर बाजार कैंट पर प्रतिनिधि सम्मेलन की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सहित 25 राज्यों के लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे. सम्मेलन में नए संविधान के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पांच साल के लिए चुनाव होगा.

अखिलेश यादव पांच अक्टूबर को सुबह प्रात: नौ बजे झण्डारोहण करेंगे. इसी दिन आर्थिक राजनीतिक प्रस्ताव पेश होगा जिस पर प्रतिनिधि सम्मेलन में चर्चा होगी. आज की राजनीतिक स्थिति, केन्द्र सरकार की नीतियों तथा राष्ट्र के समक्ष अन्य ज्वलंत समस्याओं पर भी विचार होगा. सम्मेलन में 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी पर भी विचार किया जायेगा. चार अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. शाम को अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.

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