देश के नक्सलियों की मार  झेल रहे राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार से सटे हुए उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में चंदौली, मीरजापुर और सोनभद्र का नाम सुनते ही लोगों की कभी रूह कांप उठती थी.

कुछेक घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो नक्सलियों का नैटवर्क अब इन इलाकों में खत्म होता जा रहा है. औरतों को चौखट से बाहर निकाल कर मर्दों के बराबर खड़ा किया जा रहा है. औरतों के ग्रीन ग्रुप बनाए जा रहे हैं. इन औरतों को पुलिस के बराबर हक हासिल हैं. यह इलाका उत्तर प्रदेश के उन जिलों में शुमार है जहां नक्सलियों का असर रहा है. लेकिन अब धीरेधीरे इन में कमी आ रही है.

मीरजापुर के पुलिस सुपरिंटैंडैंट की अनोखी पहल का ही नतीजा कहा जा सकता है, जिन्होंने कुछ नया करने के मकसद से औरतों को इकट्ठा किया और उन्हें ट्रेनिंग देते हुए आगे लाने का काम किया है.

पुलिस सुपरिंटैंडैंट आशीष तिवारी बताते हैं कि ग्रीन ग्रुप में एक गांव की 15 औरतें शामिल होंगी. इन को पुलिस का दर्जा मिलेगा. इस ग्रुप की औरतें नशे और जुए के लती नौजवानों को सुधारने का काम करेंगी. वे घरेलू हिंसा और औरतों को सताने के दूसरे मामलों को भी सुलझाएंगी. गांव में खुली चौपाल लगा कर तरक्की और दूसरे मुद्दों पर चर्चा करेंगी. साथ ही, इलाके में संदिग्ध लोगों और नक्सलियों की हरकतों के बारे में भी जानकारी देंगी.

women of green group against the bad practices

ग्रीन ग्रुप से जुड़ीं औरतों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी वाराणसी की एक होप संस्था को दी गई है.

होप संस्था द्वारा पुलिस सुपरिंटैंडैंट आशीष तिवारी के डायरैक्शन में मीरजापुर जिले के नक्सली इलाके के 10 गांवों में नौजवानों को नशे, जुए व दहेज जैसी कुरीतियों से दूर कर औरतों व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के खिलाफ जागरूक करने के मकसद से चलाई गई मुहिम और इस के लिए बने ग्रीन ग्रुप के कामों के नतीजे अब दिखने लगे हैं.

कुछ समय पहले ही होप संस्था द्वारा इन औरतों को अपनी हिफाजत के लिए कराटे की ट्रेनिंग भी दी गई थी. अब ये औरतें इतनी ताकतवर हो चुकी हैं कि नशेड़ी इन्हें दूर से देख कर या तो रास्ता बदल लेते हैं या फिर छिप जाते हैं.

अति पिछड़े खासकर नक्सली इलाके में रहने वाले लोगों की जिंदगी में सुधार लाने व उन्हें कुरीतियों की जकड़न से बाहर निकालने की गरज से बीएचयू, जेएनयू और काशी विद्यापीठ के छात्रों द्वारा बनाई गई होप संस्था ने वाराणसी के देहाती इलाके से अपनी इस मुहिम को शुरू किया था जो अब मीरजापुर और चंदौली इलाकों में भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.

संस्था की ओर से हरी साड़ी पहनी 150 ग्रीन ग्रुप की औरतों द्वारा दूसरी औरतों को नशामुक्ति, जुआ व औरतों के साथ होने वाले जोरजुल्म के बारे में समझाया व जागरूक किया गया.

मडि़हान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल कहते हैं कि अगर औरतें अपने मन में ठान लें कि नशा, जुआ व उन्हें सताया जाना रोकना है तो यह काफी हद तक रुक सकता है. इन की कोशिशों से गांव में फैली तमाम तरह की बुराइयों को भी खत्म करने में मदद मिल सकती है.

ग्रीन ग्रुप की औरतें गांव में होने वाले छोटेमोटे अपराधों की रोकथाम की दिशा में भी काम कर रही हैं. वे लीगल लैवल पर गांव की समस्याओं को सुलझाने के साथसाथ बड़े अफसरों के यहां भी जा कर अपनी और गांव वालों की बातों, समस्याओं को बड़े ही दमदार तरीके से रख रही हैं.

मीरजापुर के कलक्टर अनुराग पटेल ने ग्रीन ग्रुप की औरतों को भरोसा दिया है कि उन्हें जल्द से जल्द होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाया जाएगा.

इस दौरान कलक्टर ने इस ग्रुप की औरतों को एक ड्रैस में देख कर पहले तो हैरानी जताई, बाद में ग्रुप की औरतों के साथ आए एसपी आशीष तिवारी द्वारा उन्हें ग्रुप की औरतों की कोशिशों के बारे में बताए जाने पर कलक्टर ने उन की समस्याओं के निबटान के साथ ग्रीन ग्रुप के कामों की तारीफ की.

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