स्वस्थ रहने की पहली शर्त यह है कि शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता हो. शरीर बीमार न पड़े, यह अच्छी बात है, लेकिन ऐसा होता नहीं है. शरीर में मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है तो बीमारी आप को दबोच लेगी. यानी बीमार पड़ने और बीमार न पड़ने के बीच की सब से मजबूत दीवार है रोग प्रतिरोधक क्षमता या बौडी इम्यून. जिस का बौडी इम्यून जितना ताकतवर होगा उस के सेहतमंद रहने और लंबी उम्र तक जीने के उतने ही ज्यादा आसार होंगे.
आज की तेज रफ्तार जीवनशैली ने इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पहले के मुकाबले कमजोर कर दिया है. नियमित ऐक्सरसाइज, संतुलित आहार व समय पर भोजन के चौतरफा सुझाव मिलते हैं ताकि मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहा जा सके लेकिन मल्टीनैशनल कल्चर के इस दौर में हम अपने खानपान व सेहत संबंधी कार्यक्रमों को जानतेबूझते हुए भी नियमित व अनुशासित नहीं कर पाते. ऐसी स्थिति में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी का कमजोर होना स्वाभाविक है. नतीजतन, शरीर में विभिन्न प्रकार के भौतिक व पर्यावरणीय तनावों को सह पाने की क्षमता नहीं होती.
आज अनुशासित जीवन जीना बहुत ज्यादा कठिन है फिर भी अगर बेहतर स्वास्थ्य चाहिए तो इस कठिन अनुशासन को भी अपनाना ही पड़ेगा. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने शरीर को रोग प्रतरोधात्मक क्षमता के नजरिए से ऐसा बनाएं कि वह तमाम रोगों से लड़ सके और उन्हें शरीर में प्रविष्ट न होने दे. इस के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपनी सेहत, जीवनशैली और कार्यस्थल के माहौल पर विशेष ध्यान दे.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप