जब न्यूज चैनल पर एक क्लिप दिखाया गया जिसमे एक प्रवासी मजदुर साइकिल पर अपने बीवी बच्चे को बिठाकर सैकड़ो किलोमीटर की दूरी तय कर रहा था उसका बच्च्चा  निढाल सा साइकिल के डंडे पर बैठा था , बैठा क्या था लेटा हुआ था और उसका माथा साइकिल के हैंडल पर टिका हुआ था, कसम से हलक से खाना नही उतरा.

सरकार की अदूरदर्शिता और अनियोजित कदम का नतीजा है कि लाखों दिहाड़ी मजदूर, ग़रीब तबक़े के लोग आज सड़कों पर भुखमरी और महामारी का शिकार होने के कगार पर हैं. सैंकड़ो किलोमीटर दूर अपने घरों की ओर पैदल जाने को मजबूर ये ग़रीब लोग. इनकी दुर्दशा को देखकर – जानकर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. कल से लाखों की संख्या में ऐसे लोगों को यूपी सरकार ने बुलंदशहर जिले की बॉर्डर पर रोक रखा है. रोटी-पानी को तरसते इन लोगों का हाल बेहाल है. अभी टीवी पर देख रहा था कि एक पुलिस अधिकारी माइक पर घोषणा करते हुए इन्हें झिड़कते हुए कह रही थी कि बस यहीं बैठे रहो. आगे बढ़ने की कोशिश की तो ठीक नहीं रहेगा.

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जब संवाददाता ने उस अधिकारी से पूछा कि कल से इन्हें यहीं रोक रखा है, कब तक इन्हें आगे जाने की कोई व्यवस्था की जाएगी. जबाब मिला कि सरकार इस पर गंभीरता से सोच रही है. कोई निर्णय होने पर आगे के क़दम का ऐलान किया जाएगा. त्वरित फैसले लेने का ढो.ल पीटने वाली सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं ले सकी है. मुसीबत में फंसे इन गरीबों के प्रति सरकार की ये हद दर्जे की बेदर्दी है. अधिकांश राज्य में कमोबेश यही स्थिति है.

दूसरी तरफ अमीरों एवं खाते-पीते घरों के लोगों को यही सरकार उन्हें चीन, इटली आदि देशों से विमान के ज़रिए सरकारी खर्चे पर इस देश में ससम्मान लाने का काम किया है. त्वरित कार्यवाही करने की राग अलापते हुए सरकार ने अपनी पीठ ख़ूब थपथपाई है.

15 लाख लोग जनवरी से इस देश में आए हैं. ये लोग ही बाहर से इस बीमारी को हमारे देश में लाए हैं. एयरपोर्ट पर रोककर उनको 14 दिन तक अलग रखकर उन पर निगरानी रखनी चाहिए थी. सरकारी तंत्र में घुसपैठ रखने वाली संभ्रांत वर्ग की कनिका कपूर तो बेरोकटोक पार्टियां करती रही और औरों को बीमारी का तोहफा बांटती रही.

आज सड़को पर फंसे ये ग़रीब अगर कावड़ियों के वेश में होते या फिर धार्मिक उन्माद से परिचालित होकर कहीं तोड़फोड़ करने के लिए आगे बढ़ रहे होते तो इनकी ख़ूब आवभगत होती. याद कीजिए पिछले कुछ सालों में यूपी के डीजीपी सड़कों पर हुड़दंग करते चलते कावड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा करते रहे हैं. सरकार की आंखों का तारा बनने की होड़ में कई धनाढ्य लोग धर्म की चादर ओढ़े हुड़दंगियों की खाने-पीने की मुफ़्त सेवा कर धन्य होते हैं. पर इन गरीबों के लिए कुछ सुविधा जुटाने में किसी की कोई रुचि नहीं.

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नोट: ताज़ा समाचार के अनुसार अब यूपी सरकार ने रोडवेज की कुछ बसें भेजने का फ़ैसला किया है. बेहिसाब भीड़ और बसों की संख्या सीमित.

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