कोरोना के कहर से जहां पूरे देश में लौकडाऊन है, वहीं कुछ असामाजिक तत्व भी हैं जो न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, संगीन अपराध करने से भी बाज नहीं आ रहे.
घटना उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के विंध्याचल की है. लौकडाउन के कारण वहां जरूरी दुकानें ही खुली थीं. इसी दौरान कुछ असामाजिक लोग एक दुकान में गुटखा लेने पहुंचे. दुकानदार ने कहा कि हमारे दुकान पर नहीं बिकता. इस बात को ले कर बदमाशों का दुकानदार से झगङा हो गया. दुकानदार ने इस बीच बदमाशों से कहा भी कि अभी लौकडाऊन में सब बंद है और दुकान में जरूरी सामनों की ही किल्लत है तो फिर गुटखा तो दूर. इस पर बदमाश कहने लगे कि दुकान के अंदर जा कर देखेंगे. दुकानदार ने इस का विरोध किया. बात काफी बढ गई. बदमाशों ने पहले तो दुकानदार को गंदीगंदी गालियां दीं और फिर उन में से एक ने उस की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद सभी बदमाश फरार हो गए.
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घटना ने खोली सतर्कता की पोल
यह सनसनी घटना अमरावती चौराहा पैट्रोल टंकी के पास रात 9:00 बजे की है. घटना की जानकारी मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली, मगर इस वारदात ने पुलिस की सतर्कता की भी पोल खोल कर रख दी है कि अपराधी कैसे लौकडाउन की चौकसी के बीच ही असलहा ले कर घूम रहे थे और पुलिस को इस की भनक तक नहीं लगी थी?
वारदात के बाद अब पुलिस अधिकारी आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से सुराग की कोशिश में जुटी है.
पिस्तौल लहराते भागे बदमाश
जानकारी के मुताबिक, अमरावती चौराहा पैट्रोल टंकी के पास राधेश्याम मौर्य की दुकान है और यह इलाका काफी चहलपहल वाला है. गोली की आवाज लोगों ने सुनी तो आसपास के लोग जुटने लगे. मगर इस से पहले कि लोग जुटते बदमाश पिस्तौल लहराते भाग गए.
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आननफानन में घटना की सूचना पुलिस को दी गई और 108 नंबर पर काल कर ऐंबुलेंस बुलाया गया.तत्काल दुकानदार को अस्पताल के लिए भेजा गया लेकिन रास्ते में ही उस की मौत हो गई.
वारदात के वक्त पहुंचे एसपी सिटी प्रकाश स्वरूप पांडेय और थानाध्यक्ष वेद प्रकश राय ने परिजनों और अन्य लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की. वायरलेस से सूचना प्रसारित कर बाइक सवारों को देखते ही पकड़ने के लिए बोला गया, लेकिन काफी देर बाद भी सफलता नहीं मिली.
खुद भी रहें सावधान
इस घटना से आसपास के लोग सकते में हैं और पुलिस पर सवाल भी खङे कर रहे हैं कि लौकडाऊन में इतनी सतर्कता के बावजूद भी अगर बदमाश पिस्तौल ले कर चल रहे हैं तो जाहिर है वे बङीबङी वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं. जगहजगह पुलिस बेरिकेड के बावजूद कोई असलहा ले कर घूमे तो जाहिर है लोगों का पुलिसप्रशासन से विश्वास भी डगमगाएगा ही.
ऐसे में पहली बात तो यह कि लोगों को चाहिए कि वे घरों में रहें और किसी अनजान व्यक्ति को घर में कतई न आने दें. लौकडाऊन में अपराधी किस्म के लोग इस का फायदा उठा कर गंभीर वारदात को अंजाम दे सकते हैं.
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लत है गलत
दूसरा, नशा चाहे शराब की हो या गुटखा अथवा सिगरेट की, लत लग गई तो छोङे नहीं छूटती. परिवार के लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें खासकर लड़कों पर कि उन की किनकिन से दोस्ती है और वे कहांकहां आतेजाते हैं. पुलिसप्रशासन से जरूरी यह भी है कि अभिभावक अपने बच्चे पर भी कङी नजर रखें ताकि बेहतर परवरिश से उन को शिक्षित बना सकें, उन्हें अपने पैरों पर खङे कर सकें. लत अगर बुरी लग गई तो इस की जद में आरोपी के साथ परिवार वाले भी आ जाते हैं.
पुलिस आज न कल बदमाशों को गिरफ्तार जरूर कर लेगी. वे सालों जेलों में सङेंगे पर सवाल अब भी और तब भी वही होगा कि बुरी लत को मन पर हावी करने का हस्र हमेशा गलत और खतरनाक ही होता है.