यह मामला बेहद अमानवीय और इनसानियत को शर्मसार करने वाला है. बेजुबान जानवर ऊंटनी के बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि उस ने खेत में जा कर फसल खराब कर दी थी. इतनी सी गलती के लिए 3 लोगों ने न सिर्फ उस पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार किया, बल्कि उस की आगे की टांगें भी काट दीं. इलाज के दौरान देर रात उस ऊंटनी के बच्चे की मौत हो गई.

बेजबान जानवरों को भले ही जबान न दी गई हो, पर वह समझता हर बात है. चाहे वह गायभैंस, भेड़बकरी हों या गधासांड या फिर हाथी, शेर, चीता, सांपबिच्छू वगैरह ही क्यों न हों. लेकिन इन पर अत्याचार के मामले देशभर में थमने का नाम ही नहीं ले रहे. चाहे केरल में गर्भवती हथिनी को विस्फोटक भरा अनानास खिलाने का मामला हो या राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के साजनसर गांव में ऊंटनी के बच्चे को कुल्हाड़ी से काटने का.

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18 जुलाई, 2020 को राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के साजनसर गांव में यह ताजा मामला देखने को मिला, जहां एक ऊंटनी के 4 साला बच्चे के साथ कुछ दबंग युवकों ने बर्बरता की. इतना ही नहीं, ऊंटनी के बच्चे पर आरोपियों ने ताबड़तोड़ कुल्हाडियों से वार किए. साथ ही, उस के आगे के पैरों को तोड़ कर अलग कर दिया.

दर्द से कलपते ऊंटनी के बच्चे को बचाने गए 2 लोगों को भी आरोपियों ने कुल्हाडी से काट देने की धमकी दी.

घायल ऊंटनी के बच्चे को गांव कल्याणपुरा बिदावतान की गौशाला में इलाज के लिए पहुंचाया गया, जहां देर रात दम तोड दिया.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मेहरासर चाचेरा गांव के ओमप्रकाश सिंह ने सरदारशहर थाने में इस मामले की शिकायत  दर्ज कराई. गांव के पन्नाराम, गोपीराम और लिछूराम के खिलाफ दी गई शिकायत में बताया कि ये ही 2 बाइक से उस का पीछा कर रहे थे.

प्रत्यक्षदर्शी ओमप्रकाश सिंह के मुताबिक, 18 जुलाई की सुबह 10 बजे वे गांव साजनसर की गोचर जमीन में अपने पशु चरा रहे थे. इस दौरान उन के साथ वहां नोपाराम जाट भी थे, तभी  एक ऊंटनी का बच्चा भागता हुआ आया. उस के पीछेपीछे 2 मोटरसाइकिल पर 3 लोग पीछा करते हुए आए.

ऊंटनी का बच्चा बदहवास भागा जा रहा था, तभी आगे का रास्ता बंद होने से जैसे ही वह रुका, तो उसे तीनों ने घेरा दे कर जमीन पर पटक दिया और कुल्हाड़ी से उस के आगे के दोनों पैर काटने लगे.

इस दौरान ऊंटनी का बच्चा तड़पता रहा, कलपता रहा, पर उन दरिंदों के दिल नहीं पसीजे. उस की आवाज सुन कर कुछ लोग वहां पहुंचे, तो आरोपियों ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दे दी.

उन दबंगों या कहें दरिंदों का कहना था कि इस ऊंटनी के बच्चे ने हमारे खेत में नुकसान किया है, लेकिन लोगों ने जब शोर मचाना शुरू किया, तो तीनों मोटरसाइकिल ले कर भाग गए. बाद में पुलिस को खबर की गई और घायल ऊंटनी के बच्चे को गांव कल्याणपुरा बिदावतान की गौशाला में इलाज के लिए पहुंचाया गया था, जहां देर रात उस ने दम तोड दिया.

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18 जुलाई, 2020 को गांव के पन्नाराम, गोपीराम और लिछमणराम के खिलाफ ओमप्रकाश सिंह की शिकायत सरदारशहर थाने में ले ली गई और अगले दिन यानी 19 जुलाई, 2020 को पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया, पर आने वाले समय में देखते हैं कि कोर्ट में इन तीनों पर क्या कार्यवाही होती है?

इन तीनों ने 4 साल की ऊंटनी के बच्चे को बड़ी  निर्ममतापूर्वक मारा, काटा, जगहजगह जख्मी किया.  इनसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी वारदात अब कम ही  लोगों के दिल दहलाती है. वजह, इनसानियत धीरेधीरे खत्म जो होती जा रही है. वहीं सोचनेसमझने की ताकत भी.

पर क्या किसी को मार देने से उस नुकसान की भरपाई हो पाएगी? नामुमकिन. पर, ऐसे बेजबान जानवरों के साथ अमानवीयता की सारी हदें लांघ दी जाती हैं. कोई हमदर्दी नहीं, कोई रहम नहीं. यही वजह है कि ये बेजबान जानवर भी अनदेखी के शिकार होते जा रहे हैं.

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