छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद एक नासूर बन चुका है. लगभग 50 वर्षों से नक्सलवाद की घटनाएं कुछ इस तरह घट रही हैं, नक्सलवादी कुछ इस तरह पैदा हो रहे हैं मानो छत्तीसगढ़ में कानून और शासन नाम की चीज ही नहीं है. अगर कानून और सरकार अपना काम ईमानदारी से कर रहे होते तो क्या नक्सलवाद सर उठा कर छत्तीसगढ़ में अपने क्रूर तेवर दिखा पाता? शायद कभी नहीं.
यही कारण है कि अविभाजित मध्यप्रदेश हो अथवा सन 2000 में बना छत्तीसगढ़. यहां नक्सलवाद अपने उफान पर रहा है, कोई भी सरकार आई और चली गई, नेता, मंत्री आए और चले जाते हैं मगर नक्सलवाद एक ऐसी त्रासदी बन चुकी है जो छत्तीसगढ़ की रग रग में समाई हुई है.
नित्य प्रतिदिन नक्सलवादी घटनाएं छत्तीसगढ़ के बस्तर में घटित हो रही हैं, आए दिन मुठभेड़ हो रही है जनहानि धन हानि नित्य जारी है. मगर नक्सलवाद के खात्मे की कोई बात नहीं हो रही है. लाख टके का सवाल यह है कि जब सरकार के पास इतने वृहद संसाधन हैं इसके बावजूद नक्सलवाद समाप्त क्यों नहीं हो रहा.
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सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जिस कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को खोया हो जिनमें विद्याचरण शुक्ल पूर्व केंद्रीय मंत्री, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, बस्तर टाइगर के नाम से विख्यात महेंद्र कर्मा थे. इसके बावजूद कांग्रेस सत्ता में आने के बावजूद अखिर नक्सलवाद को खत्म क्यों नहीं कर पा रही है.
जवानों की जान जा रही है!
छत्तीसगढ़ में नक्सली और जवानों की मुठभेड़ जारी है. जैसा कि हमेशा होता है कभी नक्सली मारे जाते हैं तो कभी हमारे जवान शहीद हो रहे हैं. मगर चिंता का सबब यह है कि हमारे जवानों की जान ज्यादा जा रही है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में 23 मार्च नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बलों के एक बस को उड़ा दिया. इस घटना में चार जवान शहीद हो गए हैं जबकि 14 जवान घायल हुए हैं.
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने हमारे संवाददाता को बताया नारायणपुर जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कन्हरगांव—कड़ेनार मार्ग पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बलों के बस को उड़ा है. घटना में वाहन चालक समेत चार जवान शहीद हो गए हैं तथा 14 अन्य जवान घायल हो गए हैं.
सुंदरराज ने बताया, -‘‘डीआरजी के जवान नक्सल विरोधी अभियान में रवाना हुए थे.अभियान के बाद जवान एक बस में से नारायणपुर जिला मुख्यालय वापस लौट रहे थे. रास्ते में कन्हरगांव—कड़ेनार मार्ग नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया. घटना में चार जवान शहीद हो गए तथा 14 अन्य जवान घायल हो गए.’’
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पुलिस अधिकारी के मुताबिक घटना की जानकारी मिलने के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा घायलों को वहां से निकाला गया। घायलों को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा जा रहा है उल्लेखनीय है कि बीते एक वर्ष के दौरान नक्सलियों ने डीआरजी के जवानों पर दूसरा बड़ा हमला किया है. इससे पहले 21 मार्च 2020 को नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले में डीआरजी के 12 जवानों समेत 17 जवान शहीद हो गए थे.
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के जिलों में डीआरजी के जवान तैनात हैं. खास बात यह है कि डीआरजी के जवान स्थानीय युवक हैं और क्षेत्र के कोने-कोने से परिचित रहते हैं. मगर इसके बावजूद मुठभेड़ में जनहानि जारी आहे .
क्या नक्सलवाद का खात्मा हो पाएगा?
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने नक्सलवाद में संभवत अपने सबसे बड़े नेताओं की हत्या देखी है. झीरम घाटी हत्याकांड भारतीय इतिहास में नक्सलवाद की भूमिका को लेकर एक “काला धब्बा” बन चुका है. जिसे शायद कभी नहीं भुलाया जा सकता.इस परिपेक्ष में कांग्रेस पार्टी की सरकार जब छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ हुई तो यह माना जा रहा था कि अब नक्सलियों का अंत समय आ गया है. क्योंकि जिस पार्टी ने अपने दर्जनों बड़े नेता नक्सलवाद की भेंट चढ़ा दिए जिन्हें क्रुर तरीके से नक्सलियों में मार डाला हो, ऐसी पार्टी सत्ता में आने के बाद नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने को विवश कर देगी.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि अब नक्सलियों का सफाया हो सकता है. मगर समय बीतता चला गया.आज लगभग कांग्रेस पार्टी का आधा कार्यकाल भी बीत चुका है मगर कहीं से भी नक्सलियों का अंत दिखाई नहीं देता. ऐसे में सवाल यही है कि क्या कांग्रेस पार्टी नक्सलियों को, उनके उन्मूलन को गंभीरता से नहीं ले रही है. क्या नक्सलवाद छत्तीसगढ़ की पहचान बनकर ही रह जाएगा. क्या इसी तरह मुठभेड़ में जनहानि होती रहेगी. प्रदेश और देश का हित इसी में है कि जितनी जल्द हो सके नक्सलवाद का खात्मा हो.
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दूसरी तरफ 23 मार्च को जब नारायणपुर जिला में जवान मारे गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हमेशा की तरह एक दुखद घटना बताकर इतिश्री कर ली .