त्योहार अपनों के साथ मिल कर मनाने में ही आनंद मिलता है, फिर चाहे आप कितने भी दूर क्यों न रह रहे हों. आप अपने करीबियों से त्योहार में मिलते हैं तो वे मीठे पुराने पल फिर से याद आते हैं जिन्हें आप ने कभी साथ में जिया था.
आज सुबहसुबह अंकित के पास मां का फोन आया. मां ने बड़े प्यार से उसे घर पर बुलाया तो अंकित चिढ़ता हुआ बोला,
‘‘नहीं मां, मैं नहीं आ पाऊंगा. औफिस में इतना सारा काम है. वैसे ही सब संभालना मुश्किल हो रहा है. आने का प्लान बनाया तो आनेजाने में 4 दिन बरबाद हो जाएंगे.’’
मां खामोश रह गई और उस ने फोन काट दिया. वह सोचने लगा एक तो दीवाली के समय काम इतना ज्यादा होता है, दूसरे, घरवाले बुलाने लगते हैं. उसे याद आया कि कैसे पिछले साल उस के पिता ने उसे बुलाने के लिए फोन किया था तब भी उस ने मना कर दिया था, मगर इस साल तो पिताजी गुजर चुके हैं, इसलिए मां ने फोन किया. तभी उसे खयाल आया कि कैसे एक साल में जिंदगी बदल जाती है.
पिताजी हर साल कितने प्यार से उसे दीवाली पर घर बुलाते थे पर अब वे हैं ही नहीं. वह अब उन से कभी मिल नहीं पाएगा. अब मां बुला रही हैं. कल को क्या जाने कहीं अचानक वे भी बुलाने के लिए न रहीं तो, अचानक यह खयाल आते ही उस ने मन ही मन फैसला किया कि उसे जाना है.
पिताजी के जाने के बाद वह सम झ चुका था कि जिंदगी बहुत छोटी होती है. अपनों के साथ जितना वक्त गुजार लो, वे ही सब से खूबसूरत लमहे होते हैं. बहन प्रिया भी शादी के लायक है. अगले साल तक शादी कर के वह अपने घर चली जाएगी. फिर वह दीवाली का त्योहार मनाने भाइयों के पास कहां आ पाएगी.
अंकित ने तुरंत अपने भाई कुशल को फोन किया जो बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. फोन कर के वह भाई से बोला, ‘‘इस बार दीवाली में घर चलते हैं.’’
‘‘अरे नहीं भैया, मैं नहीं जा पाऊंगा. एग्जाम आने वाले हैं.‘‘
‘‘कुशल, मैं कह रहा हूं न, आ जा मां के लिए. मां अकेली है. तू घर आ जा, बस. मैं कुछ नहीं सुनूंगा. मैं भी जा रहा हूं.’’
कुशल सहमति देता हुआ बोला, ‘‘ठीक है भैया, मैं भी आ रहा हूं.’’
दीवाली से 2 दिनों पहले जब चुपके से कुशल और अंकित दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हुए तो मां और छोटी बहन प्रिया खिलखिला कर हंस पड़ीं. मां ने दौड़ कर दोनों बच्चों को सीने से लगा लिया. उन की आंखों से खुशी के आंसू बह रहे थे.
वह दीवाली बहुत खूबसूरत गुजरी. मां ने तरहतरह के पकवान बनाए. अंकित प्रिया के लिए खूबसूरत सी ड्रैस ले कर आया था जिसे दीवाली के दिन पहन कर वह शहजादी लग रही थी. मां की खुशी की सीमा न थी. पति के जाने के गम में वह इतने महीने तक मुसकराई नहीं थी. मगर दीवाली के नाम पर बच्चों के एकसाथ आ जाने से उस की जिंदगी में खुशियां जैसे फिर से लौट आई थीं.
मिल कर दीवाली मनाने के फायदे
आप त्योहार का असली मजा तभी ले पाते हैं जब अपनों के साथ होते हैं. इस से किसी भी त्योहार में जो खूबसूरती और रंगत आती है वह बड़े शहरों में अकेले एक या दो कमरे के फ्लैट में सिमट कर बैठे रहने से नहीं मिल सकती. मांबाप का प्यार, मां के हाथों की मिठाइयां, पिता की प्यारीप्यारी िझड़कियां, भाईबहनों की मीठीमीठी लड़ाइयां और प्यारभरी बातें त्योहार का आनंद कई गुना बढ़ा देती हैं.
यह वो खुशी है जो और किसी भी तरह नहीं मिल सकती. भले ही आप की शादी हो जाए, बच्चे हो जाएं, आप करोड़ों कमा लें या फिर सफलता का आसमान छू लें मगर तब भी आप मांबाप, भाईबहन के साथ त्योहार मनाने की खूबसूरत यादें नहीं मिटा पाएंगे.
त्योहार एकसाथ मिल कर मनाने से प्यार बढ़ता है. आप को यह सम झ आता है कि आप इन लोगों के साथ कितने प्यारे से बंधन में बंधे हुए हैं. आप का आत्मविश्वास बढ़ता है. किसी भी चीज को देखने और महसूस करने का सकारात्मक रवैया मिलता है. जैसेजैसे इंसान बड़ा होता जाता है और अपनों से दूर होता जाता है, वैसेवैसे पुरानी बातें त्योहारों के मौके पर ही याद आती हैं.
आप जब अपने हाथों से पूरे घर को दीपों से सजाएंगे और खूबसूरत लाइटिंग कर के अपने जगमगाते घर के साथसाथ मांबाप के मुसकराते चेहरे को देखेंगे तो उन पलों को कभी नहीं भूल सकेंगे. दीवाली के दिन अपनों को गिफ्ट्स दे कर जो खुशी मिलती है वह खुद के लिए हजारों की शौपिंग कर के भी नहीं मिलती.
दीवाली में जब आप घरवालों के साथ होते हो तो रिश्ते को एक नया ठहराव मिलता है. आपसी प्यार और विश्वास की नींव मजबूत होती है. जीवन में सही माने में नया सवेरा आता है. इसलिए जब भी मौका मिल रहा हो, इस मौके को न गंवाए. कोई नहीं जानता, आगे जिंदगी में क्या होगा, इसलिए यादगार लमहों का कारवां इकट्ठा करते जाइए.
हमेशा घरवालों के साथ ही दीवाली मनाएं. औफिस का काम ज्यादा है या एग्जाम की तैयारी करनी है तो इस में भी कोई समस्या नहीं है. आप कुछ दिनों पहले से ज्यादा मेहनत शुरू कीजिए ताकि समय आने पर जिम्मेदारी निभा कर घर के लिए निकल सकें और कोई बहाना न बनाते हुए रिलैक्स हो कर घरवालों के साथ दीवाली मना सकें.