बिहार के बक्सर जिले के अहिरौली गांव में पलेबढ़े 9 साल की उम्र से ही भोजपुरी गीतों के गायन में तहलका मचाने वाले अरविंद अकेला ‘कल्लूजी’ अब 19 साल के हो चुके हैं. भोजपुरी गायन के इन 10 सालों के पड़ाव में उन्होंने कई सुपरहिट गीत गाए हैं. अब वे भोजपुरी फिल्मों में अपनी ऐक्टिंग का भी लोहा मनवा रहे हैं. अरविंद अकेला ‘कल्लूजी’ की चौकलेटी इमेज का ही कमाल है कि उन के पास ऐक्शन, प्यार व रोमांस से सजी फिल्मों की भरमार है. उन्होंने लीड रोल में ‘हुकूमत’, ‘त्रिदेव’, ‘दिल भईल दीवाना’, ‘मंगिया सजाई दा हमार’, ‘दिलदार सजना’ जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:
9 साल की बेहद कम उम्र में आप का भोजपुरी गायन के क्षेत्र में कैसे आना हुआ?
इस का श्रेय मेरे पिता चुन्नूजी चौबे को जाता है, क्योंकि मेरे पिताजी पहले अपने गांव में रंगमंच के लिए भोजपुरी पटकथा लेखन व निर्देशन का काम करते थे. मैं उन के साथ मंच पर बचपन में भोजपुरी में गीत गाता था, जिसे लोगों ने खूब सराहा. इसी बात से खुश हो कर मेरे पिताजी ने बिहार की बी सीरीज नाम की एक कैसेट कंपनी से 9 साल की उम्र में मेरा पहला अलबम ‘गवनवा कहिया ले जइवा’ रेकौर्ड कराया और उन्होंने खुद घरघर जा कर मेरे अलबम के कैसेट को पहुंचाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया.
आप कौन से म्यूजिक अलबम से मशहूर हुए?
मुझे भोजपुरी गायकी में मुकाम दिलाने का श्रेय वेव कैसेट से आए मेरे अलबम ‘लभ के टौनिक पियल करा’ और इस के बाद ‘लगाई देता चोलिया में हुक राजाजी’ को जाता है.
आप भोजपुरी गायन के साथसाथ कई फिल्मों में भी ऐक्टिंग कर चुके हैं. क्या अपने गायन की वजह से आप फिल्मों में आए?
भोजपुरी फिल्म जगत में जितने भी हीरो हैं, उन में से ज्यादातर भोजपुरी गायकी के सुपरस्टार हैं. मेरे भोजपुरी गायन को ही भोजपुरी फिल्में दिलाने का सारा श्रेय जाना चाहिए.
आप ने भोजपुरी फिल्मों के कई बड़े फिल्म स्टारों के साथ बतौर सहकलाकार के रूप में काम किया है. अब आप भोजपुरी की फिल्मों में लीड रोल भी कर रहे हैं. ऐसे में अपनी इस कामयाबी के पीछे किस हीरो को श्रेय देंगे?
वैसे तो मैं ने भोजपुरी फिल्मों की शुरुआत पवन सिंह, मनोज तिवारी ‘मृदुल’, विराट भट्ट, रानी चटर्जी, पाखी हेगड़े, अक्षरा सिंह, नेहाश्री, मोनालिसा, निशा दुबे सरीखे कलाकारों के साथ की और इन सब ने फिल्म सैट पर मेरा भरपूर सहयोग किया, लेकिन मेरी कामयाबी में सब से बड़ा योगदान पवन सिंह का है. वे मेरे मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि गुरु भी हैं.
आप की उम्र अभी 19 साल है और आप की इमेज भी एक चौकलेटी हीरो के तौर पर है. ऐसे में आप को फिल्में मिलने में भी आसानी रही है. अभी तक आप ने किन विषयों पर ज्यादा फिल्में की हैं?
लोग मुझे चौकलेटी हीरो और गायक के रूप में देखते हैं, ऐसे में मेरी इमेज के मुताबिक ही मुझे रोल भी मिल रहे हैं, जिन में प्यार, रोमांस, मारधाड़ होती है.
आप वर्तमान में किन फिल्मों में काम कर रहे हैं?
मेरी आने वाली फिल्म ‘रंग’ प्यार, रोमांस और ऐक्शन से भरपूर है. इस फिल्म में मेरे साथ रितिका शर्मा ने काम किया है. मेरी एक और फिल्म ‘त्रिशूल’ भी आने वाली है.
आप फिल्म की कहानी को कितनी अहमियत देते हैं?
जितनी भी फिल्में करता हूं, उस की कहानी पढ़ने के बाद ही मैं फिल्में करने की हामी भरता हूं.
आप को अगर किसी फिल्म में नैगेटिव रोल का औफर मिले, तो क्या उस फिल्म को करना चाहेंगे?
अगर मुझे किसी फिल्म की कहानी अच्छी लगी, मैं जरूर नैगेटिव रोल करना चाहूंगा.
भोजपुरी फिल्में बौलीवुड की हिंदी फिल्मों की तरह कमाई में पीछे छूट जाती हैं. इस पर क्या कहेंगे?
अगर राज्य सरकारें टैक्स में छूट दे कर भोजपुरी फिल्मों को भी बढ़ावा दें, तो ये भी हिंदी फिल्मों की तरह कमाई करने लगेंगी.
भोजपुरी फिल्मों में आने के बाद आप के गायन पर कोई असर?
जी नहीं, मैं आज भी गायन को उतनी ही तवज्जुह देता हूं.
आप ने सामाजिक बुराइयों पर चोट करता भोजपुरी अलबम लौंच किया है. इस में किस तरह के गीतों को शामिल किया है?
मैं ने अलबम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ लौंच किया है, जिस में मैं ने बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव पर चोट की है.
आप अभी 19 साल के हैं और 11वीं जमात में पढ़ भी रहे हैं. ऐसे में जब कभी आप स्कूल जाते हैं, तो क्या आप को अपने फैंस की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा?
बिलकुल नहीं. मैं अपने फैंस की वजह से ही आज इस मुकाम पर पहुंच पाया हूं. वर्तमान में मैं बनारस के बीएमसी कालेज में 11वीं का छात्र हूं और स्कूल के दोस्तों के साथ मिल कर आम आदमी की तरह ऐंजौय करता हूं.
खाली समय में मन बहलाने के लिए आप क्या करते हैं?
जब भी मेरे पास खाली समय होता है, तो मैं अपने गांव में जा कर मम्मीपापा के साथ समय बिताना पसंद करता हूं. इस के अलावा टीवी देखना और खाली समय में ‘सरस सलिल’ पत्रिका जरूर पढ़ता हूं.