आमतौर पर किसी आम व्यक्ति की सेवाएं लेना जीवन को सहज बनाने के लिए एक जरूरी आवश्यकता होती है. घर हो या दफ्तर अथवा कोई दुकान किसी न किसी शख्स की सेवाएं तो लेनी पड़ती है. यह सेवा हमारे काम को सहज बनाने में मददगार होती है.
मगर आपके यहां काम करते हुए अगर "सेवक" यानी सर्वेंट से मनमुटाव हो और उसे आप काम से अलग कर दें तो यह कोई बड़ी गंभीर घटना नहीं मानी जाती. छत्तीसगढ़ से जिला रायगढ़ में एक शख्स ऊपर यह घटना मानो एक आफत बनकर गिर पड़ी. उसके मासूम बालक का अपहरण का शिकार हो गया.
छ: साल के मासूम शिवांश के अपहरणकर्ताओं के इरादे खतरनाक थे. अगवा करने के बाद बच्चे को छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखंड के खूंखार "किडनैपर्स गैंग" के हवाले कर 25 लाख फिरौती वसूली की योजना बन गई थी, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने रास्ते में ही अपहर्ताओं को धर दबोचा.
यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किडनैपिंग का मास्टर माइंड एक रसोईया खिलावन महंत है, जो पेशेवर रसोईया है और हाल तक शिवांश के घर ही खाना बनाने का काम किया करता था. यही रह उसने घर परिवार को देखा और घुलमिल गया, मगर जब परिस्थितियां बदली तो उसके तेवर भी बदल गए.
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जब "सेवक राम" को हटा दिया गया...
जब हम किसी सर्वेंट और घरेलू नौकर की बात करते हैं तो अनेक चित्र हमारे सामने खींचे जाते हैं.
फिल्मकार ऋषिकेश मुखर्जी की मशहूर फिल्म "बावर्ची" का रसोईया राजेश खन्ना का चरित्र जो कि एक आदर्श प्रस्तुत करता हमें दिखाई देता है.
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