नेपाली मूल के लाल शर्मा और उस की पत्नी बिजनैसमैन आर. श्रीकांत के बंगले पर पिछले 20 सालों से नौकर थे. इतना ही नहीं, श्रीकांत ने लाल शर्मा के बेटे पदम लाल उर्फ कृष्णा को न सिर्फ अपनी औलाद की तरह पाला बल्कि उसे अपना ड्राइवर बना दिया. इस सब के बावजूद भी 40 करोड़ रुपए के लालच में कृष्णा ने बंगले में ऐसा खून बहाया कि…
अपनी पत्नी अनुराधा (55 वर्ष) के साथ अमेरिका से भारत लौट रहे श्रीकांत (58 वर्ष) ने अपने सहायक और ड्राइवर कृष्णा को फोन कर के बता दिया था कि उन की फ्लाइट सुबह करीब साढ़े 3 बजे चेन्नई पहुंच जाएगी. वह समय पर उन्हें लेने पहुंच जाए.
श्रीकांत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित माईलापुर थाना क्षेत्र की द्वारका कालोनी के निवासी थे. ड्राइवर कृष्णा मूलरूप से नेपाल का रहने वाला था. वह अपने दोस्त रवि राय को साथ ले कर अपने मालिक आर. श्रीकांत को लेने के लिए समय पर चेन्नई एयरपोर्ट पहुंच गया था.
फ्लाइट निश्चित समय पर चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंच गई. वहां ड्राइवर कृष्णा पहले से मौजूद था. वह श्रीकांत और उन की पत्नी को ले कर सवा 4 बजे घर की ओर चल दिया.
संयुक्त राज्य अमेरिका से दंपति की बेटी सुनंथा का फोन आ गया. पिता श्रीकांत ने बेटी को बताया कि उन की फ्लाइट ने ठीक साढ़े 3 बजे लैंड कर लिया था, उन्हें लेने के लिए कृष्णा आया हुआ है. वे अब माईलापुर के लिए निकल चुके हैं.
बताते चलें कि आर. श्रीकांत चार्टर्ड एकाउंटेंट थे, साथ ही रियल एस्टेट का काम भी करते हैं. वह एक फाइनैंस कंपनी में कारपोरेट फाइनैंस का प्रमुख होने के साथसाथ गुजरात में एक निजी आईटी कंपनी भी चलाते थे. अमेरिका के राज्य कैलिफोर्निया में उन की बेटी सुनंथा और बेटा शाश्वत डाक्टर हैं. दंपति अपने बच्चों के पास लगभग 6 माह रह कर 7 मई, 2022 को चेन्नई वापस आए थे.
इस के बाद सुबह साढ़े 8 बजे बेटे शाश्वत ने फोन लगाया तो श्रीकांत का मोबाइल बंद था. तब पापामम्मी का हालचाल लेने के लिए उस ने ड्राइवर कृष्णा को फोन लगाया. कृष्णा ने बताया कि दोनों सो रहे हैं.
लगभग 2 घंटे बीतने के बाद शाश्वत ने फिर फोन किया तो कृष्णा ने ऊटपटांग जबाव दिया. इस से शाश्वत को संदेह हुआ. जब यह बात शाश्वत ने बहन सुनंथा को बताई तो वह घबरा गई. उस ने भाई को राय दी कि वह तुरंत वहां रह रहे रिश्तेदारों से संपर्क करे.
शाश्वत ने तब इंद्रानगर निवासी अपने चचेरे भाई रमेश परमेश्वरन को फोन किया कि पापामम्मी सुबह चेन्नई वापस आ गए थे. अब उन से बात नहीं हो पा रही है, दोनों के मोबाइल फोन भी स्विच्ड औफ हैं और कृष्णा भी सही जबाव नहीं दे रहा है. वह घर जा कर देखे कि वहां क्या हुआ है.
रमेश पत्नी दिव्या और अपने मित्र श्रीनाथ के साथ माईलापुर थाना क्षेत्र की द्वारका कालोनी स्थित श्रीकांत के घर दोपहर साढ़े 12 बजे पहुंचे. उन्हें दरवाजा पर ताला लगा मिला. किसी अनहोनी की आशंका पर उन्होंने माईलापुर थानाप्रभारी एम. रवि को सूचना देने के साथ ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. इस के साथ ही अमेरिका में शाश्वत को भी अवगत कराया.
बगले के हालात दे रहे थे अनहोनी के सबूत दंपति के गायब होने की सूचना मिलते ही थानाप्रभारी तुरंत हरकत में आ गए और वह टीम के साथ श्रीकांत के बंगले पर पहुंच कर छानबीन में जुट गए. बंगले के गेट पर लटके ताले ने थानाप्रभारी की भी बेचैनी बढ़ा दी. लिहाजा उन्होंने गेट का ताला तुड़वा दिया. जैसे ही पुलिस बंगले में दाखिल हुई तो अंदर का नजारा देखते ही सभी के होश उड़ गए.
सूटकेस और 3 लेयर वाला लौकर और अलमारी खुले पड़े थे. पुलिस ने घर की तलाशी ली. घर के फर्श पर खून के हलके दाग मिलने के साथ ही फर्श को डेटोल से धोए जाने की महक भी आ रही थी. यूटिलिटी रूम में खून के धब्बे मिले. वहीं टायलेट के ड्रेन होल में भी खून था. हालांकि वहां दंपति दिखाई नहीं दिए. दंपति घर से गायब थे.
ड्राइवर कृष्णा भी दिखाई नहीं दे रहा था. इस के साथ ही श्रीकांत की कार भी नहीं थी. घर में लगे सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकौर्डर) व पलंग से बैडशीट भी गायब थी.
थानाप्रभारी एम. रवि ने मामले की गंभीरता को देखते हुए माईलापुर के डीसीपी गौतमन को अवगत कराया. वे कुछ देर में फोरैंसिक टीम के साथ वहां पहुंच गए और जांच शुरू की.
जैसे ही अमेरिका में रह रहे भाईबहनों को इस की जानकारी दी गई तो दोनों परेशान हो गए और मातापिता की कुशलता की प्रार्थना करने लगे. दोनों ही बहुत घबराए हुए थे और बारबार पुलिस तथा चचेरे भाई रमेश को फोन कर रहे थे.
दंपति के मोबाइल स्विच्ड औफ आ रहे थे. इस पर पुलिस ने ड्राइवर कृष्णा के मोबाइल पर काल की लेकिन अब उस ने अपना फोन भी स्विच्ड औफ कर लिया था. पुलिस को आशंका हुई कि कहीं ड्राइवर कृष्णा ने ही दंपति का अपहरण तो नहीं कर लिया? वह उन से बड़ी रकम तो वसूलना नहीं चाहता.
लेकिन पुलिस के सामने प्रश्न यह था कि कृष्णा यह काम अकेले नहीं कर सकता, जरूर कुछ लोग उस के साथ होंगे.
लेकिन दूसरी ओर घर में खून के दाग मिलने व डेटोल की महक से ऐसा लगता था कि अपहरण घर से ही किया गया था और शायद लौकर व सूटकेस की चाबी मांगने के दौरान दंपति के साथ मारपीट करने से खून निकला होगा.
पुलिस ने दंपति के फोन नंबरों की लोकेशन चैक की. तब पता चला कि एअरपोर्ट पर उतरने के बाद दोनों के साथ कृष्णा भी था. तीनों के फोन नंबरों की लोकेशन साथ आई थी, घर तक तीनों साथ आए थे. इस के कुछ देर बाद दंपति के मोबाइल फोन स्विच्ड औफ हो गए थे.
कुछ देर बाद कृष्णा का भी फोन स्विच औफ आने लगा था. पुलिस के सामने सब से बड़ी चुनौती दंपति का शीघ्र पता लगाने की थी कि वे कहां हैं और किस अवस्था में हैं?
पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी. पुलिस ने कृष्णा का पता लगाने के लिए घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और काल डिटेल्स का इस्तेमाल किया.
इस के साथ ही श्रीकांत के फोन के काल डेटा रिकौर्ड को एक्सेस किया, जिस में फास्ट टैग संदेश प्राप्त हुए थे. उस में दिखाया गया था कि कई टोल बूथों से हो कर कार गुजरी थी. उस के फास्ट टैग रिकौर्ड को खंगालने पर पता चला कि उन की कार चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर जा रही है.
आंध्र प्रदेश पुलिस ने धर दबोचे आरोपी
कंट्रोल रूम की मदद से कृष्णा और कार खोजने के लिए नाकाबंदी शुरू कर दी गई. चूंकि कृष्णा नेपाल का रहने वाला था और उस के नेपाल भागने की आशंका ज्यादा थी, इसलिए देश छोड़ने से पहले उसे पकड़ने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया.
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एसपी मलिका गर्ग के निर्देश पर हाईवे थाना ओंगोल के डीएसपी यू. नागराजू के आदेश पर तंगुटुक टोलगेट पर हाईवे पुलिस ने कृष्णा और उस के साथी रवि को कार सहित 7 मई, 2022 की शाम साढ़े 4 बजे ओंगोल पर दबोच लिया.
इस के बाद मामला परत दर परत खुलता चला गया. दोनों की गिरफ्तारी के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने चेन्नई पुलिस को सूचित किया. चेन्नई पुलिस की एक टीम आंध्र प्रदेश के लिए रवाना हो गई. पुलिस टीम दोनों आरोपियों कृष्णा व रवि राय को कार व लूटे गए 8 किलोग्राम सोना, 50 किलोग्राम चांदी के बरतन, नकदी और 5 करोड़ के जेवरात सहित उन्हें ले कर माईलापुर थाना ले आई.
यहां दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई. दोनों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि 40 करोड़ रुपयों के लिए दंपति की हत्या की थी. आरोपियों ने बताया कि दोनों लाशों को उन के ही चेन्नई के बाहर स्थित फार्महाउस में दफन कर दिया था. इस के बाद वे लोग नेपाल जा रहे थे.
लाशों को बरामद करने के लिए थानाप्रभारी एम. रवि दोनों आरोपियों को ले कर दंपति के नेमिलीचेरी स्थित फार्महाउस पर पहुंचे. वहां आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने फार्महाउस में पीछे की ओर पेड़ों के बीच एक जगह पर ताजा मिट्टी को हटाया तो वहां गड्ढा खोदा हुआ मिला.
कत्ल कर उन के ही फार्महाउस में दफना दिया दंपति को आरडीओ थिरूपोरूर की मौजूदगी में दंपति के नेमिलीचेरी स्थित फार्महाउस में गड्ढे से मिट्टी हटाने पर श्रीकांत और उन की पत्नी अनुराधा की खून से लथपथ लाशें बरामद हुईं. गड्ढे से दंपति के मोबाइल फोन और फ्लाइट टिकट के आधे जले हुए अवशेष भी बरामद हुए.
जब माईलापुर थाने की पुलिस टीम शवों को निकालने की काररवाई कर रही थी, तब वहां फावड़ा व एक आधा जला हुआ क्रिकेट स्टंप मिला. संभवत: यह वही स्टंप था, जिस का प्रयोग हत्यारों ने दंपति की हत्या में किया था. इसी के साथ लाशों को दफन करने के लिए इसी फावड़े से गड्ढा खोदा गया था.
पुलिस ने सभी चीजों को अपने कब्जे में ले लिया. पुलिस को बाड़ से जुड़ा एक बिजली का तार भी मिला, इस तार को हत्यारों ने इसलिए लगाया था ताकि सुरक्षा गार्ड के न होने पर लोग फार्महाउस में प्रवेश न कर सकें और जहां शव दफनाए गए थे, उस स्थान पर न पहुंच सकें. इस पूरी काररवाई की वीडियो रिकौर्डिंग की गई. मौके पर फोरैंसिक टीम भी मौजूद रही.
पुलिस ने मौके की काररवाई निपटा कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए चेंगल पट्टू के सरकारी अस्पताल भेज दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दंपति की मौत अत्यधिक पिटाई से आई चोटों व खून बहने से हुई थी.
हत्यारोपियों ने दंपति को बेरहमी से पीटा था, जिस से उन की मौत हो गई थी. मामला दर्ज होने के 8 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपियों को आंध्र प्रदेश पुलिस की मदद से पकड़ कर अपहरण, हत्या और 5 करोड़ की लूट का परदाफाश कर दिया.
चार्टर्ड एकाउंटेंट श्रीकांत ने सिम्मापुर, नेपाल निवासी लाल शर्मा व उन की पत्नी को 20 साल पहले अपने यहां काम पर रखा था. लगभग 10 साल पहले उन्होंने उन के बेटे कृष्णा उर्फ पदमलाल कृष्णा को भी घरेलू सहायक व ड्राइवर के रूप में रख लिया था.
अब कृष्णा के पिता सिक्योरिटी गार्ड के रूप में फार्महाउस की देखभाल करते थे. बंगले में श्रीकांत ने रहने के लिए कृष्णा को एक क्वार्टर दे रखा था. इस के साथ ही देश से बाहर जाने पर वह कृष्णा को कार के प्रयोग की अनुमति दे जाते थे.
40 करोड़ की डील के लिए आए थे दंपति
कृष्णा घरेलू कामों के साथ ही श्रीकांत की कार भी चलाता था. उसे श्रीकांत के व्यापार के संबंध में जानकारी रहती थी. एडिशनल सीपी (दक्षिण) डा. एन. कन्नन ने प्रैस कौन्फैंस में बताया कि चार्टर्ड एकाउंटेंट श्रीकांत रियल एस्टेट का काम भी करते थे.
श्रीकांत अमेरिका जाने के बाद मार्च, 2022 में अकेले अमेरिका से संक्षिप्त यात्रा पर चेन्नई वापस आए थे.
उस अवधि में कार में यात्रा के दौरान ड्राइवर कृष्णा ने श्रीकांत को 40 करोड़ रुपए की एक बड़ी संपत्ति की बिक्री के बारे में फोन पर डील करते सुन लिया था. इस के बाद उस ने मान लिया कि घर के लौकर में 40 करोड़ कैश रखा हुआ है.
कृष्णा भले ही बंगले में मिले एक बाहरी क्वार्टर में रह रहा था, लेकिन उसे बंगले के अंदर की सारी जानकारी रहती थी. श्रीकांत को प्रौपर्टी बेचने के बाद वापस अमेरिका चले जाना था. विश्वासपात्र और घरेलू सहायक व ड्राइवर होने के कारण कृष्णा को श्रीकांत के बिजनैस और घर के अन्य क्रियाकलापों की पूरी जानकारी रहती थी.
वह जानता था कि दंपति की हत्या के बाद ही वह 40 करोड़ की रकम हासिल कर सकता है. पुलिस ने जांच में पाया कि दंपति की नृशंस हत्या के पीछे का मकसद पैसा था. इसलिए लूट की योजना के लिए उस ने दंपति के आने का इंतजार करने का फैसला किया.
सावधानी से बनाई थी लूट की योजना
हत्या के बाद लूट की योजना सावधानीपूर्वक बनाई गई थी. कृष्णा इस बात को अच्छी तरह जानता था कि श्रीकांत और उन की पत्नी अमेरिका में रहते हुए भी मोबाइल के जरिए यहां बंगले पर लगे सीसीटीवी के माध्यम से अपने घर को देख रहे थे. वे कृष्णा को फोन करते थे और उस के ठिकाने के बारे में पूछते रहते थे.
पकड़े जाने के डर से वह बंगले के ताले व लौकर को तोड़ने से बचता रहा. उस का सोचना था कि दंपति के आने पर ही हत्या कर उन से चाबी ले कर 40 करोड़ रुपयों को हासिल किया जा सकता है.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी नेपाल मूल के कृष्णा ने एक तमिल महिला से शादी की थी और अब वे अलग हो गए हैं. उन का बेटा दार्जिलिंग में पढ़ रहा है.
इस बीच अपने दार्जिलिंग के एक दोस्त रवि राय को इस योजना में शामिल कर लिया. कृष्णा का जो दोस्त रवि राय इस अपहरण, हत्या व लूट में शामिल था, उस से कृष्णा परिचित था.
जब कृष्णा अपने बेटे का दार्जिलिंग के एक स्कूल में दाखिला कराने का प्रयास कर रहा था, तब रवि ने इस में उस की मदद की थी. तभी से वे दोस्त बन गए थे.
बड़ी रकम हाथ लगने की बात सुन कर रवि लालच में आ गया और कृष्णा का साथ देने को तैयार हो गया.
दोस्त को भी योजना में किया शामिल
घटना से एक महीना पहले कृष्णा ने रवि को 40 करोड़ की पूरी बात बताई और उसे अपनी योजना में शामिल कर लिया. दोनों हत्यारों का ऐसा मानना था कि श्रीकांत की तिजोरी में 40 करोड़ रुपए रखे हैं. तय हुआ कि दंपति की हत्या के बाद वे रकम को ले कर नेपाल भाग जाएंगे.
तिजोरी की चाबियों के लिए वे दंपति के लौटने का बेसब्री से इंतजार करने लगे. घटना से 2 सप्ताह पहले श्रीकांत ने फोन कर कृष्णा को बताया था कि वे 7 मई, 2022 को चेन्नई लौट रहे हैं.
माईलापुर की डीसीपी दिशा मित्तल के अनुसार माईलापुर क्षेत्र निवासी श्रीकांत अपनी पत्नी अनुराधा के साथ पिछले साल नवंबर में अमेरिका के कैलिफोर्निया में बसी बेटी सुनंदा और बेटे शाश्वत से मिलने गए थे. बेटी सुनंदा गर्भवती है.
हवाई अड्डे पर कार में दंपति को बैठाने के बाद योजनानुसार कृष्णा दंपति को माईलापुर उन के बंगले में ले गया. उस समय सुबह के साढ़े 8 बजे का समय था. घर पहुंचते ही हत्यारों ने योजनानुसार घर की बिजली आपूर्ति बंद कर दी.
श्रीकांत कुछ समझ पाते, इस से पहले ही अंधेरे की आड़ में कृष्णा ने श्रीकांत को भूतल के कमरे में बंद कर दिया. जबकि उस का दोस्त रवि अनुराधा के पीछे पहली मंजिल तक गया.
कृष्णा ने श्रीकांत को क्रिकेट के स्टंप से बुरी तरह से पीटा और उन से जबरन लौकर व सूटकेस की चाबियां छीन लीं. इस के बाद उन के गले में नुकीली ओर से स्टंप घोंप दिया. इसी तरह अनुराधा को मौत के घाट उतार दिया गया. दोनों को अलगअलग कमरों में मार दिया गया.
आरोपी यहां लगभग 2 घंटे तक रहे. इस दौरान उन्होंने खून के धब्बों को साफ करने के साथ ही सोने और डायमंड के जेवरात, जिन की संख्या एक हजार से अधिक थी, व चांदी के बरतनों आदि को पैक किया. बंगले से निकलने से पहले आरोपी सीसीटीवी रिकौर्डर अपने साथ ले गए.
दोनों के शवों को बैडशीट में लपेट कर श्रीकांत की कार में रखा. इस के बाद रवि और कृष्णा घर में ताला लगा कर निकल गए. दोनों सुबह लगभग साढ़े 10 बजे लाशों को चेन्नई के बाहर ईस्ट कोस्ट रोड पर नेमिलीचेरी स्थित फार्महाउस ले गए, जहां पहले से खोदे गए गड्ढे में दंपति को दफना दिया.
10 दिन पहले खोदा था गड्ढा
हत्यारों को बड़ी नकदी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें लगभग 5 करोड़ कीमत के 8 किलोग्राम सोने के आभूषण तथा 50 किलोग्राम चांदी के बरतन, कुछ नकदी ही मिली थी.
दंपति की हत्या करने के बाद ही उन्हें पता चला कि 40 करोड़ रुपए की रकम श्रीकांत के बैंक एकाउंट में पहले ही जमा हो चुकी थी.
कृष्णा ने दंपति की हत्या की योजना एक माह पहले रची थी. श्रीकांत ने अमेरिका से जब फोन कर कृष्णा को बताया कि वह 7 मई को वापस आ रहे हैं. तब कृष्णा ने साथी रवि के साथ मिल कर अपनी योजना को कार्यान्वित करते हुए उन के फार्महाउस में घटना से 10 दिन पहले 6 फुट गहरा गड्ढा खोदा.
यह कार्य गोपनीयता के चलते दोनों ने स्वयं किया. हत्या के बाद उन्होंने दंपति की लाशों को इसी गड्ढे में दफन कर दिया. अमेरिका से लौटे दंपति को शायद भनक भी नहीं थी कि चेन्नई एयरपोर्ट पर विश्वसनीय ड्राइवर कृष्णा के रूप में मौत उन का इंतजार कर रही है.
विधानसभा में गूंजा यह मामला
दोहरे हत्याकांड की दिल दहलाने वाली इस घटना से चेन्नई में सनसनी फैल गई थी. दंपति की हत्या के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. इस की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी.
विधानसभा में विपक्ष के नेता एडपाडि पलनीसामी द्वारा उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जानकारी दी कि लूट के इरादे से दंपति की हत्या की गई थी और हत्या की रिपोर्ट दर्ज होने के 8 घंटे के अंदर हत्यारों को लूटे गए माल सहित गिरफ्तार कर लिया गया.
हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए विशेष दल का गठन किया गया था और आंध्र प्रदेश की पुलिस की मदद से दोनों आरोपी अपहरण, हत्या व लूट के बाद आभूषण ले कर नेपाल भाग रहे थे. लेकिन पुलिस की तत्परता के चलते घटना को अंजाम देने के 12 घंटे के अंदर वे पकड़ लिए गए.
पुलिस को जांच से यह भी पता चला कि फार्महाउस पर गार्ड के रूप में कार्यरत 70 वर्षीय पिता लाल शर्मा व मां को कृष्णा ने कुछ समय पहले नेपाल स्थित घर भेज दिया था. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि कृष्णा के पिता का भी इस घटना में हाथ तो नहीं है?
चेन्नई पुलिस ने तुरंत लाल शर्मा से संपर्क किया, जो अब नेपाल में हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया. उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा मेरे मालिक के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? मैं हैरान हूं.’’
शुरू में उन्होंने यह मानने से इंकार कर दिया कि उन के बेटे ने दंपति को मार डाला है. उन्होंने पुलिस को बताया कि दंपति द्वारा उन का और परिवार का अच्छी तरह से खयाल रखा जाता था. हालांकि पुलिस सतर्क है और उस का कहना है कि वह जांच पूरी होने तक पिता को बेगुनाह नहीं कह सकते.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दंपति के बंगले से लूटे गए आभूषण, कार, घर का सीसीटीवी रिकौर्डर जिस में हत्या किए जाने के सबूत हैं, के साथ ही, फार्महाउस में शव दफन करने के बाद लौटते समय के सीसीटीवी फुटेज, हवाई यात्रा के टिकट, स्टंप, फावड़ा आदि बरामद किए हैं.
पुलिस के पास आरोपियों का दोष साबित करने के लिए पर्याप्त मजबूत सबूत हैं. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.
इस संबंध में आरोपियों से पूछताछ करने पर जो बात उजागर हुई, उस पर कोई भी व्यक्ति सोचने को मजबूर हो जाता है कि दंपति ने जहां अपनी औलाद की तरह कृष्णा को अपने पास रखा और उस की व उस के वृद्ध मातापिता की सुखसुविधाओं का पूरा ध्यान रखा.
दगाबाज कृष्णा ने अपने दोस्त के साथ मिल कर 40 करोड़ रुपयों की खातिर अपने मालिक के भरोसे का कत्ल कर दिया. पालनहारों की जान ले ली.
जहां कृष्णा इन रुपयों से नेपाल में रह कर शाही अंदाज में जीवन गुजारना चाहता था, वहीं अब उसे अपने किए गुनाह के लिए सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित