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सौजन्य- सत्यकथा

लेखक-  दिनेश बैजल ‘राज’/संजीव दुबे

पुलिस ने प्रेमी युगल की खोजबीन करते हुए 24 अगस्त को नेहा के पिता देवीराम को शक के आधार पर हिरासत में ले लिया. पुलिस को किसी अनहोनी का शक था क्योंकि देवीराम ने अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने के संबंध में थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई थी?

पुलिस ने जब उस से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया. उस ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए कहा, ‘‘बेटी नेहा के अपने प्रेमी उत्तम के साथ भाग जाने से उस के परिजन काफी नाराज थे. इस कृत्य से बेटी ने परिवार की नाक कटवा दी.’’

इस सनसनीखेज अपहरण व हत्याकांड का रहस्योद्घाटन करते हुए पुलिस को देवीराम ने जो खौफनाक जानकारी दी, वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली थी.

देवीराम ने बताया कि 31 जुलाई, 2021 को नेहा जब उत्तम के साथ घर से भाग गई तो सभी लोग उस के लिए परेशान हो गए. इस बीच उन की खोजबीन की गई. इसी दौरान दोपहर को उत्तम के दोस्त वीनेश निवासी कुतुकपुर ने फोन पर उसे सूचना दी कि दोनों पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हैं. तब उस ने वीनेश से कहा कि वह किसी तरह वीनेश को वहीं रोके रहे. वह दिल्ली पहुंच रहा है. वीनेश ने ऐसा ही किया.

उधर देवीराम कुछ लोगों को साथ ले कर कार से दिल्ली के लिए निकल गया और पुरानी दिल्ली पहुंच गया. पिता और अन्य को देख कर नेहा डर गई. प्रेमी युगल समझ नहीं पा रहा था कि उन के साथ अब क्या होगा.

देवीराम नेहा और उत्तम को रात करीब 2 बजे थाना नसीरपुर स्थित बांकलपुर भट्ठे पर ले आया. यहां दोनों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन वे नहीं माने.

उन के न मानने पर उस ने अपने साथ आए लोगों को घर भेज दिया. इस के बाद फोन कर अपने भाई शिवराज को इस घटनाक्रम की जानकारी दी.

शिवराज आगरा जिले के पिनाहट स्थित बाबा बर्फानी कोल्ड स्टोर पर मुनीम की नौकरी करता था. शिवराज कार ले कर भट्ठे पर आ गया. यहां से नेहा और उत्तम को कार में बैठा कर वे नौरंगी घाट पहुंचे.

उन्होंने पहले बेटी नेहा की गला दबा कर हत्या कर लाश यमुना में फेंक दी. इस बीच उत्तम ने शोर मचाया. तब उत्तम की भी गला दबा कर हत्या कर उस की लाश भी उसी स्थान पर यमुना में फेंक दी. शिवराज गाड़ी ले कर पिनाहट चला गया. जबकि देवीराम पैदल ही गांव पहुंचा.

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इस के बाद एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने आगरा पुलिस से संपर्क किया. प्रेमी युगल के शवों की तलाश के लिए गोताखोरों की टीम बुलाई गई.

26 अगस्त को पीएसी के गोताखोर स्टीमर ले कर बटेश्वर के नौरंगी घाट पहुंचे और देवीराम द्वारा यमुना में शव फेंके जाने वाले स्थान व आसपास कई किलोमीटर के क्षेत्र में शवों की तलाश शुरू की गई.

19 घंटे तक पुलिस के गोताखोरों ने तलाशे शव

19 घंटे की तलाश के बाद भी युवक व किशोरी नेहा के शव बरामद नहीं हुए. एसपी अशोक कुमार शुक्ला के अनुसार शवों को फेंके हुए काफी समय हो चुका है. ऐसे में शवों के बह कर जाने और जलीय जंतुओं द्वारा खाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि पुलिस ने हार नहीं मानी और शवों की अपने स्तर से यमुना व आसपास के क्षेत्रों में तलाश जारी रखी.

जबकि वास्तविक कहानी कुछ और ही निकली. जहांगीरपुर गांव का यह प्रेमी जोड़ा औनर किलिंग का शिकार तो हुआ था. लेकिन पूरे मामले के तार उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, राजस्थान व मध्य प्रदेश से जुड़े निकले.

राजस्थान व मध्य प्रदेश में एक युवक और एक किशोरी के शव मिलने के बाद इस मामले में 42 दिन बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ.

प्रेमी युगल का देवीराम व घरवालों ने दिल्ली से अपहरण कर दोनों की हत्या कर शव राजस्थान व मध्य प्रदेश में फेंक दिए थे. देवीलाल पुलिस को गुमराह कर दोनों के शवों को बटेश्वर स्थित नौरंगी घाट स्थित यमुना में फेंकने की बात कहता रहा.

इस घटना का खुलासा दूसरे आरोपी शिवराज, जोकि नेहा का चाचा है, ने पुलिस रिमांड के दौरान किया. नामजद आरोपी शिवराज ने 3 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

पुलिस ने उस की रिमांड के लिए 13 सितंबर को प्रार्थनापत्र दिया. इस पर कोर्ट ने 14 सितंबर को 48 घंटे का रिमांड स्वीकृत किया.

थाना सिरसागंज के थानाप्रभारी प्रवेंद्र कुमार व आईओ एसएसआई मोहम्मद खालिद आरोपी शिवराज को ले कर थाने आए और उस से पूछताछ की. इस संबंध में जो असली कहानी सामने आई, वह इस प्रकार निकली—

31 जुलाई, 2021 को नेहा व उत्तम गांव से भाग कर दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. वहां पहुंच कर उत्तम ने रहने के लिए कमरा किराए पर लेने का निर्णय लिया. इस काम में मदद के लिए उस ने कुतुकपुर निवासी अपने करीबी दोस्त वीनेश को फोन किया.

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वीनेश के पिता विनोद दिल्ली में काम करते हैं. वीनेश दिल्ली आताजाता रहता था. वीनेश उस समय अपने गांव में था. उसे उत्तम ने पूरी बात बताई और दिल्ली में रहने के लिए कमरा किराए पर दिलाने की बात कही.

वीनेश ने यह जानकारी नेहा के पिता देवीराम को दे दी. जानकारी मिलते ही देवीराम ने कहा, ‘‘वीनेश, तुम उसे वहीं रोक कर रखो.’’

इस पर वीनेश ने उत्तम से कहा, ‘‘तुम मैट्रो पर ही मिलना. मैं दिल्ली आ रहा हूं. वहां तुम्हें कमरा दिलवा दूंगा.’’

यह सुन कर उत्तम और नेहा को तसल्ली हुई. वे वीनेश के आने का इंतजार करने लगे.

देवीराम अपने भाई शिवराज व गांव के श्याम बिहारी, रोहित, राहुल, अमन उर्फ मोनू व कुतुकपुर के वीनेश व गुंजन ड्राइवर के साथ ईको कार से 31 जुलाई को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. रास्ते में बीचबीच में वीनेश उत्तम से मोबाइल पर बात करता रहा.

दिल्ली पहुंच कर वीनेश ने उत्तम से संपर्क किया. अचानक वीनेश के साथ अपने घरवालों को देख कर नेहा व उत्तम डर गए. लेकिन देवीराम ने दोनों को प्यार से समझाते हुए कहा, ‘‘तुम लोगों को इस तरह नहीं भागना चाहिए था. इस से दोनों ही परिवारों की गांव में बदनामी होगी. तुम लोग घर चलो.’’

बहलाफुसला कर वे दोनों को दिल्ली से अपने साथ ले आए. रात करीब एक बजे वे लोग थाना नसीरपुर स्थित बांकलपुर भट्ठे पर पहुंचे. यहां दोनों को समझाते रहे कि वे एकदूसरे को भूल जाएं. लेकिन दोनों एक साथ रहने की जिद पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि वे शादी करना चाहते हैं और शादी के बाद वे गांव नहीं आएंगे.

दगाबाज निकला जिगरी दोस्त वीनेश

उत्तम ने जिस जिगरी दोस्त वीनेश से सिर छिपाने के लिए मकान दिलाने को कहा था. वही दोस्त प्रेमी युगल की जान का दुश्मन बन गया. उस ने फोन कर नेहा के पिता देवीराम को दोनों के ठिकाने की जानकारी दे कर दिल्ली ले जा कर उन्हें धोखे से पकड़वा दिया. दोस्त यदि दगा न करता तो आज प्रेमी युगल जिंदा होता.

तभी देवीराम के भाई शिवराज ने अपने परिचित जितेंद्र शर्मा को फोन कर आलू व्यापारी सुनील की बोलेरो ले कर आने को कहा. कुछ देर बाद जितेंद्र शर्मा सुनील के साथ उस की बोलेरो ले कर रात 3 बजे भट्ठे पर पहुंच गया.

उत्तम और नेहा को भट्ठे से पिनाहट स्थित कोल्ड स्टोरेज पर ला कर शिवराज ने एक कमरे में दोनों के हाथपैर बांध कर बंधक बना कर 2 दिन यानी 2 व 3 अगस्त को रखा. यहां देवीराम ने अपने भाई व अन्य के साथ एक खौफनाक साजिश रची.

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इस के बाद देवीराम ने अपने परिचित बालकराम को फोन कर मध्य प्रदेश के भिंड शहर में मिलने के लिए कहा. 3 अगस्त की रात साढ़े 10 बजे देवीराम उस का भाई शिवराज, देवीराम का भतीजा जैकी, सुनील प्रेमी युगल नेहा व उत्तम को ले कर भिंड पहुंच गए. वहां उन्हें बालकराम मिल गया. वह भी गाड़ी में बैठ गया. गाड़ी झांसी ग्वालियर मार्ग होते हुए ग्वालियर जिले के डबरा पहुंची.

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