छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य अंचल है जहां जंगल है, वन्य प्राणी है . और जंगल के दंतैल प्राणियों से बचने के लिए गांव में अक्सर ग्रामीण कुछ ऐसे गैरकानूनी और खतरनाक हथकंडे अपनाते हैं कि वन्य प्राणी के साथ-साथ इंसान भी अपनी जान खो बैठते हैं.
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ऐसे में यह कल्पना बेहद मुश्किल है कि कोई इंसान इन के फंदे में फंस जाता है और बेवजह बेमौत मारा जाता है. आइए! आपको बताते हैं एक सच्चा घटनाक्रम जिसमें जंगली सूअर को मारने के लिए ग्रामीणों ने बिजली के नंगे तार गांव में बिछा दिया और गांव के 24 लोग अपराधी बन गए. इसमें मारा गया एक युवक आनंद अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा था…..! आगे क्या हुआ, शायद इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते! हम आपको आगे वह सारा घटनाक्रम बता रहे हैं.
पहली घटना-
जिला कोरबा के बालको नगर के निकट दोंदरो में एक ग्रामीण ने अपने फसल को बचाने के लिए चारों तरफ विद्युत करंट बिछा दिया. एक हाथी आया और करंट के चपेट में आकर मारा गया.
दूसरी घटना-
जिला रायगढ़ के धर्मजयगढ़ वन मंडल में ग्राम हाटी में एक ग्रामीण ने हाथी से बचने के लिए घर के आस-पास करंट के तार बिछा दिए. जिसमें एक व्यक्ति चपेट में आकर हलाक हो गया.
तीसरी घटना-
अंबिकापुर के एक ग्राम में ग्रामीणों ने हाथियों से बचने के लिए आसपास करंट बिछा दिया जिसमें दो व्यक्ति आकर मृत्यु का ग्रास बन गए. अनेक ग्रामीणों को इस कारण पुलिस ने जेल भेजा है.
आनंद राठिया की मौत का रहस्य
आनंद राठिया नामक एक युवक की मौत के रहस्य से पर्दा उठाते हुए हुए एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि प्रार्थी मनबहाल राठिया निवासी ग्राम बेहरचुवा द्वारा थाना करतला में रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रार्थी का सुपुत्र आनंद राठिया 8 सितंबर 2020 के रात्रि करीब 8 बजे घर से बिना बताये कहीं चला गया है. काफी खोजबीन करने पर भी पता नहीं चल रहा है. मामले में थाना करतला में गुम इंसान कायम कर आनंद राठिया का पतासाजी की जा रही थी. प्रथम दृष्टया मामला प्रेम संबंध का प्रतीत हुआ एवं आनंद राठिया के संदिग्ध परिस्थितियों में गायब होने के कारण पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक मीणा द्वारा इस प्रकरण को गभीर मामला मानकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन कर आनंद राठिया के तलाश करने हेतु निर्देशित किया गया था . पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक मीणा को मुखबीर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि दिनांक 8 सितंबर 2020 को ग्राम सुमरलोट के जंगल में ग्रामीणों द्वारा जंगली सुअर मारने हेतु विद्युत करंट प्रवाहित तार बिछाया गया था जिसकी चपेट में आने से आनंद राठिया की मृत्यु हो गई थी. ग्रामीणों द्वारा मृतक आनंद राठिया के मौत को छिपाने के उद्देश्य से आनंद राठिया के शव को ग्राम सुअरलोट दमक पहाडी धोरा डोगरी में मोहलाईन पेड़ के नीचे जंगल में ही गाड़ दिया गया है . पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा द्वारा उपरोक्त सूचना के तस्दीक हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर को तत्काल मौके पर भेजा गया.
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करंट से मौत का खुलासा
मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर कार्यपालिक दण्डाधिकारी करतला के उपस्थिति में मृतक आनंद राठिया के शव को उखड़वाकर मर्ग पंचनामा कार्यवाही किया गया . संपूर्ण जांच पर पाया गया कि आरोपीगण मयाराम राठिया एवं उसके अन्य 23 साथियों द्वारा जंगली सुअर का शिकार करने के उद्देश्य से दिनांक 8 सितंबर 2020 को रात्रि में ग्राम खुंटाकुड़ा से ग्राम सुअरलोट के बीच पहाड़ी में लगभग 1.5 किलोमीटर दूरी तक नंगा जीआई तार में बिजली करंट जोड़ा गया था. रात मे आनंद राठिया जंगल में आरोपीगण द्वारा जोड़े गये बिजली करंट प्रवाहित तार के चपेट में आ गया जिससे मौके पर उसकी मौत हो गई आरोपीगण द्वारा मृतक आनंद राठिया के मौत को छिपाने के उद्देश्य से रात्रि में ही मृतक के शव को एक प्लास्टिक के चटाई में लपेटकर नईखार पहाड़ी के पास झाड़ी में छिपाकर रख दिये एवं दूसरे रात्रि में सभी लोग मृतक के शव को ग्राम सुअरलोट दमक पहाड़ी मे एक पेड़ के नीचे जंगल में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया .मामले में आरोपी मयाराम राठिया सहित कुल 24 आरोपीगण के खिलाफ मामला पंजीबद्ध हुआ है. प्रकरण में अब तक 14 आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये है शेष 10 आरोपी फरार है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
हत्या का सच छुपाने गांव वालों ने ली शपथ
पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि सुअरलोट के कुछ ग्रामीणों द्वारा जंगली सुअर फंसाने के लिए खूंटकुडा से सुअरलोट के मध्य डेढ़ किलोमीटर लंबा जीआई तार खींच करंट प्रवाहित किया गया. घटना की रात प्रेमिका से मिलने आया आनन्द टॉर्च की रोशनी को समझा कि प्रेमिका के परिजन जान गए हैं और उसे मारने आ रहे हैं.इसी भय में भागते वक्त करेंट के तार की चपेट में आ गया जबकि उसका दोस्त दूसरी दिशा में भाग निकला .इधर तार के सम्पर्क में आते ही स्पार्क हुआ और सुअरमारने वालों को लगा कि सुअर फंस गया, तब मौके पर पहुंचे तो युवक का शव देखकर सभी भयभीत हो गए.
लाश देख कर सुअर मारने वाले शव को चटाई में लपेटकर नरईखार पहाड़ी के पास झाड़ी में छिपा दिया दूसरी रात 5 -7 लोग करीब साढ़े 5 किलोमीटर दूर पहाड़ के ऊपर ले जाकर लकड़ी के सहारे गड्ढा खोदकर शव को लकड़ी सहित दफना दिया. आनन्द का मोबाइल, मेमोरी चिप, सिम कार्ड को बंद बोर के गड्ढे में डाल दिया व फेंक दिया. मृतक के कपड़े भी जला दिए. तत्पश्चात गांव में बैठक कर राज छिपाए रखने की शपथ ली गई.पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित शव को ठिकाने लगाने और जान कर भी नहीं बताने वाले कुल 24 लोगों पर जुर्म दर्ज हुआ है पुलिस के अनुसार सुअरलोट करीब 100 परिवारों का छोटा सा गांव है जिनमें आधे परिवार से कोई न कोई सदस्य आरोपी है.
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यह घटना एक सबक है!
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला के करतला थाना अंतर्गत यह घटना बताती है कि किस तरह ग्रामीण अंचल में आज भी समझदारी के अभाव में “विद्युत करंट” जैसे माध्यमों का उपयोग जंगली जानवरों के आखेट करने के लिए नासमझी का खेल जारी है. पुलिस अधिकारी विवेक शर्मा बताते हैं कि ग्रामीण अंचल में पहले ग्रामीण गड्ढे खोदकर के वन्य प्राणियों को अपना शिकार बनाया करते थे अथवा खाने में जहर देकर के भी वन्य प्राणियों को मारा जाता रहा है मगर अब जिस तरीके से “करंट” का उपयोग किया जा रहा है’, वह अपने आप में बहुत ख़तरनाक और चिंता का सबब है.
सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर रमाकांत श्रीवास के अनुसार ग्रामीणों को यह समझ दे जा रही है की किसी भी हालत में “करंट फैलाना” एक गंभीर अपराध है. वहीं इसका शिकार उनके अपने परिजन, बच्चे अभी भी हो सकते हैं. अतः ऐसे कृत्य से ग्रामीणों को बचना चाहिए.
डॉक्टर जी आर पंजवानी कहते हैं सुअरलोट गांव की यह घटना यह संदेश देती है कि सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को ग्रामीण अंचल में विद्युत के खतरनाक खेल से बचने के लिए जागरूकता प्रसारित करना अपरिहार्य है. एक व्यक्ति की हत्या में 24 लोगों का अपराधी बनना समाज के लिए चिंता का विषय है.