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17 वर्षीय शिवानी खोबियान 24 जून, 2020 को भी रोजाना की तरह नियत समय पर अपने ब्यूटी पार्लर टच एंड फेयर पहुंच गई थी. उस का यह पार्लर कुंडली थाने के पौश एरिया टीडीसी सिटी में था. शिवानी ने पार्लर की देखरेख के लिए अपनी छोटी बहन श्वेता के दोस्त नीरज को जौब पर रख लिया था. वह सुबह साढ़े 10 बजे तक पार्लर की साफसफाई कर के रेडी रखता था. शिवानी 11 बजे तक पार्लर आती थी.

सुंदर और गुणी शिवानी टिकटौक स्टार थी. उस के लाखों फौलोअर्स थे. दीवाने उस की मोहक अदाओं पर मर मिटे थे. कई तो उसे प्रेम निवेदन भी भेज चुके थे, लेकिन शिवानी पागल दीवानों की अनदेखी कर टिकटौक प्लेटफार्म पर वीडियो बना कर पोस्ट करती रहती थी. वह सोनीपत के कुंडली में अपने मांबाप और 3 बहनों के साथ रहती थी.

24 जून दोपहर 2 बजे की बात है. शिवानी ने ग्राहकों से फारिग हो कर पार्लर का मुख्य द्वार बंद कर दिया और टिकटौक के लिए वीडियो शूट करने लगी. उस ने वीडियो बना कर टिकटौक पर पोस्ट कर दी और फिर अपने काम में जुट गई.

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रात के 8 बज गए. लेकिन शिवानी घर नहीं लौटी तो उसे ले कर घर वालों को थोड़ी चिंता हुई. छोटी बहन श्वेता ने उस के फोन पर काल किया. लेकिन उस का फोन स्विच्ड औफ  था. शिवानी कभी फोन औफ नहीं रखती थी. श्वेता ने अपने फोन से उस के वाट्सऐप पर मैसेज किया, ‘‘दी, तुम कहां हो? तुम्हारा फोन औफ क्यों आ रहा है? मम्मीपापा और हम सभी तुम्हारे लिए परेशान हैं, जल्दी बताओ.’’

श्वेता के मैसेज भेजने के कुछ देर बाद शिवानी ने श्वेता के वाट्सऐप पर जवाब दिया, ‘‘श्वेता, मैं जरूरी काम से हरिद्वार जा रही हूं. 3-4 दिन बाद घर लौटूंगी, तुम लोग परेशान मत होना, तब तक मम्मीपापा का ध्यान रखना.’’

शिवानी का मैसेज पढ़ कर श्वेता ने यह बात मम्मीपापा को बता दी. सुन कर सभी ने चैन की सांस ली.

शिवानी के पिता विनोद खोबियान बेटी की ओर से इसलिए भी निश्चिंत हो गए, क्योंकि वह अकसर पार्लर से ही बाहर चली जाती थी लेकिन कहीं जाने से पहले वह घर पर बता देती थी. इस बार उस ने बाहर जाने की बात घर में नहीं बताई थी.

26 जून की सुबह साफसफाई करने नीरज 11 बजे ब्यूटी पार्लर पहुंचा. उसे शिवानी के हरिद्वार जाने की बात पता चल गई थी, इसलिए वह शिवानी के हरिद्वार से लौटने वाले दिन आया था.

दुकान खोल कर नीरज जैसे ही अंदर गया, दुकान के भीतर से  किसी चीज के सड़ने की इतनी तेज दुर्गंध आई कि वह उल्टे पांव बाहर आ गया.

उस ने सोचा कि दुकान कई दिनों से बंद थी, हो सकता है कोई चूहा मर गया हो और उसी के सड़ने की बदबू आ रही हो. फिर वह नाक पर रूमाल बांध कर दुकान के अंदर गया. दुकान के भीतर ग्राहकों के मसाज के लिए एक बैड बिछा था. कई मामलों में शिवानी बैड पर लेटा कर अपने ग्राहकों को मसाज किया करती थी. उस ने महंगे क्रीम पाउडर रखने के लिए एक बड़ी अलमारी भी रखी हुई थी.

हो गया शिवानी का कत्ल

नीरज ने फौरी तौर पर कमरे का निरीक्षण किया. अलमारी भी देख ली. उसे कहीं भी कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिस में से दुर्गंध आ रही हो. लेकिन जब वह बैड के पास पहुंचा तो वहां से तेज बदबू आई. उसे लगा जैसे बदबू के मारे अभी उल्टी हो जाएगी. वह नाकमुंह दबा कर तेजी से बाहर निकल आया. बाहर आ कर उस ने ताजा सांस ली.

उस के बाद वह फिर दुकान के अंदर गया और बैड पर लगे कुंडे को पकड़ कर बैड का बड़ा ढक्कन उठाया. ढक्कन उठाते ही वह बुरी तरह चौंका. उस के हाथ से ढक्कन तेजी से छूट गया और वह एक बार फिर तेजी से बाहर की ओर भागा. बैड के भीतर टिकटौक स्टार और ब्यूटी पार्लर की मालकिन शिवानी खोबियान की लाश पड़ी हुई थी. बदबू उसी बैड में से आ रही थी.

शिवानी का शव देख कर नीरज के हाथपांव थरथर कांपने लगे. एक पल के लिए उस के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे? थोड़ी देर बाद जब वह सामान्य हुआ तो उस ने सब से पहले अपनी दोस्त श्वेता को फोन कर के शिवानी दीदी की लाश के बारे में जानकारी दी और पार्लर पर आने को कहा. यह 28 जून की बात है.

शिवानी की लाश मिलने की जानकारी होते ही घर में कोहराम मच गया था. श्वेता, उस की मम्मी और पापा तथा कुछ परिचित तत्काल पार्लर पहुंच गए, जहां शिवानी की लाश बैड के अंदर पड़ी थी. मौके पर पहुंचे मृतका के पिता विनोद खोबियान ने फोन कर के घटना की जानकारी कुंडली थाने को दे दी. सूचना मिलते ही कुंडली थाने के थानेदार रविंदर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. तब तक वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी. पुलिस को आया देख भीड़ छंट गई.

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सभी को इस बात पर ताज्जुब हो रहा था कि शिवानी ने मैसेज से जब हरिद्वार जाने की बात कही थी तो उस की लाश बैड के भीतर कैसे आई?

थानाप्रभारी रविंदर ने भीड़ को हटाया और टीम के साथ दुकान के भीतर गए. उन्होंने सरसरी निगाह से एकएक चीज की जांचपड़ताल की. दुकान के भीतर रखे ब्यूटी प्रसाधन और अन्य चीजें अपनी जगह थीं. हत्यारे ने किसी चीज को छुआ तक नहीं था. इस से एक बात तय थी कि हत्यारे की मंशा लूटपाट करने की नहीं थी. उस का लक्ष्य सिर्फ शिवानी थी और उस ने उस के प्राण लिए थे.

शिवानी की हत्या कर के लाश को बैड के अंदर छिपाया ही नहीं गया था, बल्कि बाहर से दुकान का ताला भी बंद कर दिया गया था. इस से साफ पता लग रहा था कि इस घटना में उस का कोई जानने वाला जरूर शामिल था. एसओ रविंदर ने लाश का मुआयना किया. लाश बैड के भीतर आड़ीतिरछी पड़ी हुई थी. शरीर पर एक खरोंच तक नहीं थी. लाश से बदबू उठ रही थी, इस से अनुमान लगाया गया कि शिवानी की मौत 2 से 3 दिनों के बीच हुई होगी.

घटनास्थल और लाश का मौकामुआयना करने के बाद एसओ रविंदर ने डीएसपी वीरेंद्र सिंह और एसपी जे.एस. रंधावा को फोन कर के घटना की सूचना दे दी. थोड़ी देर बाद डीएसपी सिंह मौके पर आ गए. लाश के परीक्षण से यह बात साफ हो गई कि शिवानी की हत्या गला दबा कर की गई थी. उस के गले पर निशान मौजूद थे.

पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल सोनीपत भेज दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई. एसओ रविंदर ने मृतका के पिता विनोद से उस की किसी से दुश्मनी अथवा लड़ाईझगड़े की बात पूछी तो उन्होंने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया लेकिन इतना जरूर बताया कि आरिफ नाम का एक लड़का सालों से शिवानी को परेशान कर रहा था, उसी पर शक है.

पिता की बात सुन कर श्वेता को याद आया कि 26 जून की दोपहर में जब शिवानी से उस की बात हुई थी तो उस ने बताया कि आरिफ पार्लर पर आया है और परेशान कर रहा है. इस के बाद उस ने यह कहते हुए फोन काट दिया था कि वह बाद में बात करेगी. लेकिन शिवानी ने कालबैक नहीं किया. ऐसा पहली बार हुआ था कि शिवानी देर रात तक घर नहीं लौटी थी.

श्वेता ने आगे बताया कि जब उस ने शिवानी के फोन पर काल लगाई तो फोन बंद आने था. तब मैं ने उस के वाट्सऐप पर मैसेज दिया तो थोड़ी देर बाद उस के फोन से रिप्लाई आया कि जरूरी काम से हरिद्वार आई हूं. मंगलवार तक घर लौट आऊंगी.

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इंसपेक्टर रविंदर ने श्वेता की बातें बड़े गौर से सुनीं. उस की बातें सुन कर वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि शिवानी की हत्या में कहीं न कहीं आरिफ का हाथ जरूर है. संभव है शिवानी की हत्या उसी ने की हो और वहां से भागते समय शिवानी का फोन अपने साथ ले गया हो. फिर घर वालों को गुमराह करने के लिए उसी फोन से शिवानी की ओर से मैसेज का जवाब दिया हो.

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