छत्तीसगढ़ के महासमुन्द मे ग्यारह साल की एक मासूम बुआ और दादी की पोल खोल दोनों  को जेल के सींखचों के पीछे  पहुंचा दिया. कुछ फिल्मी कुछ रहस्यमयी इस अपराध कथा पर सुनकर आप चौक जायेंगे की एक मासूम बच्ची ने बताया की कैसे उसके पिता की हत्या बुआ और दादी ने मिल ठीक एक साल पहले कर दी थी. महत्वपूर्ण  यह की एक साल तक पुलिस को गुमराह करने वाली आरोपी बहन एवं  मां को सिटी कोतवाली पुलिस ने हत्या व  उसे छुपाने के आरोप में गिरफ्तार कर भादवि की धारा 302, 201, 34 के तहत जेल भेज दिया . सिटी कोतवाली प्रभारी ने हमारे संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया  कि एक साल पहले 20 फरवरी 2019 को मृतक आश कुमार यादव 30 साल बिमचा निवासी को महासमुन्द के अस्पताल आरएलसी में यह कहते हुए भर्ती कराया था कि आश कुमार यादव घर की सीढ़ी से गिर गया और उसके सिर पर चोट लगने की वजह से घायल हो गया है. बाद मे उसकी मृत्यु  हो गयी.

मामूली बात,रिश्ते का खून!

छोटी सी बात कब कैसे मोड़ लेती है कोई नहीं जानता महासमुंद के इस हत्याकांड में भी देखिए कुछ ऐसा ही हुआ- घायल अवस्था में आश कुमार यादव को अस्पताल में भर्ती कराया गया . तत्पश्चात डाक्टरोंं ने मामले की गंभीरता को देखते हुए  घायल आश कुमार यादव को राजधानी रायपुर डीकेएस अस्पताल रिफर कर दिया. बाद में घायल आश कुमार यादव कि  मौत 3 मार्च 2019 को वहीं चिकित्सा के दरमियान हो गई.

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पोस्टमार्टम के पश्चात राजधानी रायपुर पुलिस ने शून्य में मर्ग कायम कर महासमुंद के सिटी कोतवाली पुलिस को डायरी भेज दी थी. सिटी कोतवाली पुलिस ने मामले में जांच शुरू की तो मामला संदेहास्पद लगा और पुलिस ने जांच शुरू कर दी. कोतवाली पुलिस ने  मामले की सारी जानकारी पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ल को दी.पुलिस अधीक्षक ने सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के एसडीओपी नारद सुयवंशी और सिटी कोतवाली पुलिस राकेश खुटेश्वर को आदेशित किया कि मामले में सूक्ष्मता से जांच की जाए. सिटी कोतवाली पुलिस बिमची पहुंच  मामले की तफतीश  करने  लगी. एक साल पहले किस तरह से आश कुमार यादव घायल हुआ था ? इसकी पूछताछ की  तो मृतक की मां और उसकी बहन व पिता ने पुलिस को झूठी कहानी बताने लगी. पुलिस का मामले में संदेह बढ़ता गया. पुलिस जब भी जांच में जाती तो बड़ी चालाकी से बच्चों को दूसरे गांव भेज दिया जाता था. पुलिस को मृतक के बच्चे कही नजर नहीं आते थे. बच्चों के बारे में मृतक के परिवार से पूछा जाता तो कोई ना कोई बहाना बता कर बच्चों की सही जानकारी पुलिस को नहीं देते थे.

बेटी ने बताया  सच!

पुलिस अपने स्तर से मामले में बच्चों की जांच पड़ताल की तो पुलिस को जानकारी मिली की मृतक आश कुमार यादव के दोनों बच्चे तुमगांव थाना क्षेत्र के अछरीडीह में है. पुलिस वहां पहुंच गई  बच्चों से पूछताछ करने के लिए  सकारात्मक माहौल तैयार कर सादी वर्दी में बच्चों के पास पहुंचे और मृतक आश कुमार यादव के बच्चों से बात चीत  की. मृतक की 11 साल की बेटी हितेश्वरी ने  बातों बातों मे कहा – उसके पिता  आश कुमार यादव और उसकी बुआ माधुरी यादव के बीच झगड़ा हुआ और उसकी बुआ माधुरी नेे पिता  को घर के बरामदे में रखे “खटिया के खुरे” से सिर में वार किया. माधुरी यादव का वार इतना जोर का था कि मृतक वहीं बेहोश हो कर गिर गया. घटना के वक्त मृतक की मां भी साथ  थी,उसने घटना के बाद खून साफ किया और झूठा बहाना बनाया था.

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सिटी कोतवाली पुलिस ने मृतक की आरोपी बहन माधुरी यादव से पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना दिनांक को उसका भाई मृतक आश कुमार यादव शराब पीकर आया था और वह उसका मोबाइल लेकर गया था. माधुरी ने जब अपने भाई से मोबाइल ले जाने पर नाराजगी जाहिर की तो मृतक आश कुमार यादव अपनी बहन और मां से गाली गलौच करने लगा और दोनों भाई बहन में झगड़ा हो गया. गुस्से में आकर माधुरी यादव ने पास ही रखे खटिये के खुरे से अपने भाई पर प्रहार कर दिया,जिसकी वजह से वह घायल हो गया और तीन दिन के बाद उसकी रायपुर के अस्पताल में मृत्यु हो गई. पुलिस ने मामले में बहन और मां  को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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