Hindi Crime Story: ‘सिग्मा’ का मतलब है, जो अपनी मरजी से काम करता है और सामाजिक बंधनों से भी खुद को अलग रखने की कोशिश करता है. वह भीड़ की बजाय अपनी कंपनी में रहना पसंद करता है. पर ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गिरोह बनाने वाले रंजन पाठक को लोगों में दहशत फैलाने के बाद अपना प्रचार करने का जुनून था. तभी तो ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गिरोह अपने शिकार को गिन कर 6 गोली मारता था. हत्या के बाद उस के ठिकाने, मकान या दुकान पर अपना बायोडाटा भी चिपका देता था.
पर अब ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गिरोह का सरगना रंजन पाठक इस दुनिया में नहीं है. दिल्ली के रोहिणी इलाके में बुधवार, 22 अक्तूबर की देर रात बिहार पुलिस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जौइंट टीम ने एक बड़ा आपरेशन अंजाम दिया.
इस ऐनकाउंटर में बिहार के 4 मोस्ट वांटेड गैंगस्टर ढेर हो गए थे. मरने वालों में गैंग सरगना रंजन पाठक भी शामिल था, जिस पर हत्या, रंगदारी और लूट जैसे कई गंभीर मामलों में आरोप लगे थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, रंजन पाठक ‘सिग्मा एंड कंपनी’ के नाम से अपना गैंग चलाता था. बिहार के सीतामढ़ी और आपसपास के इलाकों में 5 हाईप्रोफाइल हत्याओं को इस गैंग ने अंजाम दिया था. पुलिस की तरफ से रंजन पाठक पर 25,000 रुपए का इनाम रखा गया था.
पुलिस के मुताबिक, रंजन पाठक गैंग लंबे समय से बिहार में सक्रिय था और हाल ही में दिल्ली में छिपा हुआ था. बिहार पुलिस को इस गैंग की तलाश कई महीनों से थी. बताया जा रहा है कि यह वही गिरोह था जो सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में हुई कई बड़ी वारदात में शामिल रहा है.
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