दबंगों को यह जरा भी रास नहीं आया कि कोई उस की तौहीन कर दे. इसी तौहीन की वजह से दबंगों ने मिल कर एक शख्स की पहले पिटाई की और फिर उस के बाद जबरन उसे सेनेटाइजर पिलाने की घटना सामने आई.

यह ताजा मामला रामपुर जिले के मुतियापुर गांव का है. गांव के प्रधान ने अपने गांव में सैनिटाइजर के छिड़काव के लिए युवक को बुलाया और उसी के मुंह में सैनिटाइजर का स्प्रे कर दिया, जिस से उस युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई.

रामपुर जिले के भोट थाना क्षेत्र में सेनेटाइजर कर रहे एक युवक कुंवर पाल की गांव के ही दूसरे शख्स से झड़प हो गई. जब कुंवर पाल सैनिटाइजर स्प्रे कर रहा था तब पास से गुजर रहे एक शख्स के पैर पर सैनिटाइजर स्प्रे चला गया, जिस के बाद दोनों में झड़प हो गई. दूसरे शख्स ने कुंवर पाल को गालीगलौज देना शुरू कर दी.

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कुछ ही देर में कुछ और लोग वहां पहुंच गए और दूसरे युवक के साथ मिल कर सैनिटाइजर का स्प्रे कुंवर पाल के मुंह में उड़ेल दिया.

हालत बिगड़ने पर वहां मौजूद लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया. यहां इलाज के दौरान 17 अप्रैल की दोपहर कुंवर पाल की मौत हो गई.

फिलहाल, पुलिस ने एक अज्ञात व 4 अन्य के खिलाफ धारा 147, 323 व 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया.

मृतक कुंवर पाल के भाई महेश पाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि 14 अप्रैल की सुबह 7 बजे पड़ोसी गांव के प्रधान ने हमारे गांव से 2 लड़के दवा छिड़कने के लिए बुलाए थे. दवा छिड़कने के दौरान कुछ दवा पास से गुजर रहे युवक के पैरों पर चली गई जिस के बाद उन की आपस में झड़प हो गई और छिड़काव कर रहे कुंवर पाल के मुंह में सैनिटाइजर स्प्रे कर दिया, जिस से उस की हालत बिगड़ गई.

17 अप्रैल की दोपहर इलाज के दौरान कुंवर पाल की मौत हो गई.

वहीं भोट क्षेत्राधिकारी अशोक पांडे ने बताया कि मुतियापुरा गांव के प्रधान इंद्रपाल हैं. भाई महेश पाल ने कहा कि उस के भाई कुंवर पाल को इंद्रपाल सेनेटाइजर दवा का छिड़काव करने के लिए ले गए थे और छिड़काव करते समय स्प्रे इंद्रपाल के ऊपर पड़ गया.

इंद्रपाल ने जानबूझ कर उस के भाई कुंवर पाल के मुंह में दवा डाल दी. महेश पाल की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

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वहीं एएसपी अरुण कुमार कहते हैं, ‘मृतक के भाई ने हमें घटना के बारे में सूचना दी. उस ने बताया कि जब मृतक 14 अप्रैल को गांव में सेनेटाइजेशन करने गया था तो कुछ बदमाशों ने उसे पीटा था. लोगों ने युवक को रामपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डाक्टरों ने रेफर कर दिया. फिर उसे मुरादाबाद जिले के टीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां 17 अप्रैल को उस की मौत हो गई.

भाई महेश पाल कुछ भी आरोप लगाए, पर इन दबंगों के खिलाफ मामला तो कोर्ट ही तय करेगा कि गलती किस की है.

जरा सी बात पर दबंगों का इतना बखेड़ा खड़ा करना कि जान ही चली जाए, कोई हैरानी की बात नहीं, पर यह इस बात पर निर्भर है कि इन दबंगों की दबंगई का फैसला कोर्ट किस तरह करती है. क्या ये बाहर निकल पाएंगे या जेल ही इन का भविष्य होंगी, कहना मुश्किल है.

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