लखनऊ में वजीरगंज थाने की पुलिस ने 29 मई, 2022 को एक व्यक्ति के साथ 14 साल के एक लड़के
को भी गिरफ्तार किया. नाबालिग लड़के ने उस के कहने पर साढ़े 4 लाख रुपए की चोरी की थी. इस में हैरानी की बात पुलिस के सामने यह आई कि लड़के को चोरी के लिए प्रतिबंधित औनलाइन गेम की लत लगाई गई थी. फिर कई चरणों में खेले जाने वाले गेम के एडवांस स्टेज के लिए पैसे की जरूरत होने पर उस ने अपने घर से रुपए चुराए.
नाबालिग लड़के पर एक महीने के भीतर अपने घर के कीमती सामान बेचने और घर के लौकर से साढ़े 4 लाख रुपए की चोरी करने के लिए भी कहा गया था. इस पर जब लड़के के पिता को शक हुआ, तब उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.इस पूरे मामले की तहकीकात करने वाले वजीरगंज थाने के थानाप्रभारी राजेश मिश्रा के अनुसार लड़के के पिता ने दावा किया कि आरोपी ने पहले उन के बेटे को औनलाइन गेम खेलने का लालच दिया, और फिर अपने ही घर से रुपए चोरी करने के लिए उकसाया.
आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने के तुरंत बाद अगले रोज ही अहमद उर्फ आफताब अहमद को उस के 17 वर्षीय सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि 2 और नाबालिग लड़के फरार हो गए, जो रेस्टोरेंट में काम करते थे. उन्हीं में एक उस का भतीजा भी था.
अहमद मोबाइल फोन की एक दुकान पर काम करता था. अहमद से हुई पूछताछ से एक अलग बात का भी खुलासा हुआ. उस ने बताया कि उस ने अपने भतीजे और उस के दोस्त को पैसे खर्च कर एक औनलाइन गेम खेलते हुए पाया. वे इस के काफी दीवाने बने हुए थे.उन में नशे की तरह इस की लत लग चुकी थी. फिर हम ने अहमद नाम की एक आईडी का इस्तेमाल कर मासूम नाबालिगों को खेल का आदी बना कर उन्हें ठगने की योजना बनाई. उन के जाल में फंसने वाले ग्राहकों में 14 साल का एक बच्चा भी शामिल था.
आरोपी अहमद का भतीजा पीडि़त लड़के से परिचित था, क्योंकि वे साथ क्रिकेट खेलते थे और उसे औनलाइन गेम दिखाते थे. अंतत: उसे भी इस की लत लग गई थी.धीरेधीरे अहमद ने उसे यह कहते हुए खेल खेलने की अनुमति देनी बंद कर दी कि अन्य स्टेज में आगे बढ़ने के लिए पैसे की जरूरत होगी. आरोपी ने यह भी कहा कि अगर वह अन्य चरणों के लिए क्वालीफाई कर लेता है, तब उसे न केवल पुरस्कार के रूप में गोल्ड मेडल मिलेगा, बल्कि नकद पुरस्कार भी मिलेगा.
बच्चों में औनलाइन गेम के जरिए पैसे कमाने के अलावा सैक्स गेम की लत लगने का भी खतरा कम नहीं है. इसे ले कर पूरी दुनिया के मातापिता चिंतित हैं. औनलाइन सैक्स गेम्स की भरमार है, जो ऐप्स के जरिए मोबाइल में बहुत आसानी से घुस आते हैं.इस तरह के एक गेम में हस्तमैथुन, चुंबन, संभोग, स्खलन जैसे शब्दों के अलावा भद्दी गालियां और उत्तेजना जगाने वाले म्यूजिक एवं दूसरे किस्म की आवाजें भी होती हैं, जो 2-3 मिनट से भी कम समय में उत्तेजित कर देता है. यह सब स्मार्टफोन पर आसानी से उपलब्ध है.
इस की तह में जाने के लिए मोबाइल पोर्न गेम पर नजर डालनी होगी, जिस के कारोबार के साल 2021 तक भारत में करीब 7800 करोड़ रुपए हो जाने की संभावना जताई गई थी. यानी कि औनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोग मालामाल हो रहे हैं, जबकि बच्चे इस के जाल में फंसते जा रहे हैं.इस गेम के एक छोटे से अंश से समझा जा सकता है. एक कपल खुले में सैक्स कर रहा है और उस के आसपास खड़े लोग ऐसा करते हुए देख रहे हैं. साथ ही साथ अश्लील कमेंट्स भी कर रहे हैं. गेमिंग की दुनिया की यह एक हकीकत बन चुकी है. यह गेम रोबलाक्स का है, जिस की चर्चा पिछले दिनों मीडिया में हुई थी. इस में इस्तेमाल किए गए गंदे शब्दों के चलते जौर्डन में यह बैन कर दिया गया है.
रोबलाक्स एक औनलाइन गेम प्लेटफौर्म है. यह यूजर्स को गेम्स प्रोग्राम करने और दूसरे के बनाए गेम्स को खेलने का मौका देता है. कोविड महामारी के बाद इस में काफी तेजी आई.इस के कुछ गेम्स भले ही एजूकेशन से जुड़े हैं, लेकिन कुछ गेम्स बेहद आपत्तिजनक हैं. पिछले दिनों इस के कुछ गेम्स को ले कर बेहद आपत्ति जताई गई थी. जैसे एक गेम का स्वरूप इस तरह है—
एक सैक्स समस्या के साथ बच्चों का खेल रोबलाक्स कांडो है. इस गेम में एक नग्न पुरुष केवल एक कुत्ते का कौलर पहने हुए है और एक महिला उसे गुलाम की तरह घुमा रही है. 2 स्ट्रिपर्स उन के बगल में नाच रहे हैं. उन के द्वारा खुलेआम सैक्स करने, एकदूसरे को देखने और कभीकभार टिप्पणी करने वाले इस जोड़े के आसपास कई लोग जमा हो गए हैं. उन्हीं में एक आदमी नाजी वरदी पहने हुए है. यह सब बच्चों के गेमिंग प्लेटफौर्म का दृश्य है, जो बच्चों में सैक्स के प्रति ललक जगाने के लिए काफी है.
यह दुनिया के सब से लोकप्रिय बच्चों के खेल में से एक है. एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार 2020 में रोबलाक्स 9 से 16 वर्ष की आयु के सभी अमेरिकी बच्चों में से दोतिहाई बच्चे इस खेल का उपयोग करते हैं.
यह अपने उपयोगकर्ताओं को एक साथ गेम बनाने और खेलने की अनुमति देता है. गेम खेलने वाले इस के जरिए एक निर्धारित समय में डिजिटल दुनिया में कई लोगों के साथ जुड़ जाते हैं. वैसे इस पर कई देशों जैसे जौर्डन, यूएई और उत्तर कोरिया में प्रतिबंध लगा दिया गया है.
यूएई का कहना है कि यह बच्चों के हेल्थ पर बुरा असर डाल रहा है, जबकि जौर्डन ने इस में भद्दे शब्दों की भरमार का आरोप लगाया. हैरानी की बात यह है कि अभी तक भारत में इसे बैन नहीं किया गया है, जबकि यहां कुछ गेम जैसे पबजी समेत कुछ ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
औनलाइन गेमिंग का बच्चों के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करते समय बैंगलुरु की एक संस्था निमहांस (नैशनल इंस्टीट्यूट औफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरो साइसेंज) ने पाया कि 14 साल से ले कर 16 साल तक के बच्चों में इस के प्रति लत अधिक होती है.इसे देखते हुए यह सलाह दी गई है कि मोबाइल के साथ लगे रहने और उन के गेमिंग आदतों पर कंट्रोल मातापिता को करनी होगी. बच्चे अपने स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलना पसंद करते हैं और धीरेधीरे सैक्स गेम्स के संपर्क में आ सकते हैं.
कारण गूगल प्ले पर मस्ती वाले गेम के अनगिनत ऐप्स हैं. स्मार्टफोन की लोकप्रियता लगातार बढ़ती ही जा रही है. लाखों ऐप्स जो रोजमर्रे के कामकाज और दूसरी जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं.
लेकिन कई ऐप्स ऐसे हैं, जो सिर्फ मनोरंजन और मजे के लिए बनाए गए हैं. इन्हीं में एक है सैक्स गेम. कहने को तो इसे मानसिक थकान मिटाने वाला कहा जाता है, लेकिन इस में मौजमस्ती के मूड वाले मसाले डाले जाते हैं.मजे की बात तो यह भी है कि ये ऐप्स बिलकुल फ्री में गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं. इन में उत्तेजना के साथसाथ सैक्स को तरहतरह से परोसा जाता है. मोबाइल पोर्न गेम्स विभिन्न सैक्स श्रेणियों के होते हैं, जो खेलने वाले को एक आभासी दुनिया में ले जाता है. रसदार आनंद के लिए प्रेरित करता है और एक चाहत की उम्मीद जगाता है.
इसे आसानी से मोबाइल पर किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा खेला जा सकता है. कोई भी इसे खेल सकता है. वे सिर्फ सैक्स की दुनिया में रहते हुए अद्भुत मायालोक में विचरण करते हैं. इस तरह के खेलों में अच्छी तरह से लिखित कहानी होती है, जो खिलाडि़यों को कहानी में डूबने में मदद करती है, इसलिए यह और भी वास्तविक लगता है. इस के संवाद और म्यूजिक, ड्रेस, माहौल और नशे की दूसरी चीजें लुभाती हैं.
अच्छी तरह से लिखे गए प्लौट वाले गेम में खिलाड़ी पूरी तरह सुधबुध खो कर डूब जाता है. खिलाड़ी सैक्स गेम को एक वास्तविक कहानी के रूप में सोचने और उस के पात्रों के बीच भावनात्मक संबंध बनाने जैसा अनुभव करता है.किसी भी रूप में नग्नता या अश्लीलता वाले सभी खेलों को सैक्स गेम कह सकते हैं. आमतौर पर काल्पनिक कहानियों पर आधारित खेलों में खिलाड़ी अलगअलग भूमिकाएं निभाते हैं. इस तरह से पोर्न गेम बच्चों की रुचि का सैक्स खेल बन जाता है. शुरू में जब बच्चों को इन खेलों के बारे में अपने दोस्तों से पता चलता है तब वे छिपछिप कर खेलने लगते हैं.
कोई भी बच्चा खेल के ऐसे पात्रों को देख कर खुद को उसी रूप में देखता है और फिर अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए खेल खेलने की चाहत रखता है.पोर्न गेम से उस की भावना को संतुष्टि मिलती है. इस का असर बिगड़ी हुई आदतों के रूप होता है तो खेलों में यौन हिंसा से भी दिमाग प्रभावित हो जाता है, जो लंबे समय तक बना रहता है.यह कहा जा सकता है कि बच्चों पर सैक्स गेम्स का बेहद ही क्रूर प्रभाव पड़ता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि सैक्स गेम के आदी बच्चों में डिसेंसिटाइजेशन और टौलरेंस की समस्या भी होती है.