घर पर कैसे रहें फिट

 कोरोनाकाल में युवाओं की फिटनैस काफी प्रभावित हुई है. जिम बंद हुए तो अधिकतर का शरीर ढीला पड़ता गया. लेकिन अब चिंता की जरूरत नहीं क्योंकि यहां फिटनैस मंत्र जो उपलब्ध है जो आप को बिन जिम के भी फिट रखेगा.

कोरोनाकाल में लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की खास हिदायत दी गई है, क्योंकि कोविड-19 का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी तेजी से फैलता है. जिस के प्रसार का माध्यम छींकने, खांसने, पसीने और बातचीत के आम व्यवहार से हो सकता है.   यही कारण है कि समयसमय पर ऐसी जगहों पर सरकार द्वारा कड़े प्रतिबंध लगाने की नौबत आई जहां संक्रमण फैलने का अधिक खतरा बना रहता है और उन स्थानों में से एक ‘जिम’ रहा.

जिम फिजिकल फिटनैस के लिहाज से बेहतर जगह होती है, युवा से ले कर बुजुर्ग तक रूटीन ऐक्सरसाइज के लिए ‘जिम’ का प्रयोग करते हैं लेकिन यहां से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. इंडिपैंडेंट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, जिम में कोरोना का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि जिम में लोग पसीने से भरे रहते हैं, जिस से कीटाणुओं के फैलने का अधिक खतरा बना रहता है. इस रिपोर्ट में डा. स्वान का कथन है, ‘‘जिम में नमी होती है, लोग पसीना छोड़ते हैं जिस से संक्रमण फैलने का अधिक खतरा बना रहता है.’’

यही कारण भी है कि जहां कहीं भी लौकडाउन जैसी सिचुएशन आती है तो प्राथमिक तौर पर जिम को बंद करने का आदेश दिया जाता है. लेकिन इन आदेशों से यह समस्या पैदा हुई कि जिम के बंद होने से लोगों की फिटनैस प्रभावित हो गई. इस से हैल्थ पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है. जो लोग जिम जा कर वर्कआउट करते थे वे घर पर रह रहे हैं. जिम जाने वालों में अधिकतर संख्या 18 से 40 वर्ष के युवाओं की होती है.

ऐसे में कुछ मंत्र हैं जिन्हें अपना कर आप घर में सुरक्षित रहते हुए ऐक्सरसाइज करने के साथ खुद को फिट रख सकते हैं और, सही खानपान से खुद की फिटनैस को मैंटेन रख सकते हैं.

वार्मअप : खुद को चुस्त रखने के लिए वार्मअप बहुत जरूरी है. इस के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए सुबहसुबह एक जगह फिर चाहे वह घर की छत हो, बालकनी हो, या रूम ही क्यों न हो, सीधे खड़े रह कर ऊपरनीचे जंप करें. यह जंप ऐसी भी हो सकती है कि पंजे जमीन पर चिपके रहें और एडि़यां ऊपर उठें. फिर सीधे खड़े हो कर दोनों हाथों को कंधे की सीध में रख कर चलाएं. उस के बाद पैरों के घुटने मोड़ कर स्क्वाट करें. आप रस्सीकूद भी कर सकते हैं.

पैदल चलना : पैदल चलना हमेशा शरीर के लिए बेहतर है. व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित तौर पर पैदल चलना ही चाहिए. इसलिए रोजाना सुबह आधे घंटे पैदल चल के फिट रहा जा सकता है. आप इस के लिए अपनी कालोनी के इर्दगिर्द ही चक्कर लगा

सकते है, या आसपास के पार्क में हलकीफुलकी रनिंग की जा सकती है. समय का ध्यान रखते हुए ट्रेडमिल एक बेहतर औप्शन है.

पुशअप : सब से पहली और आराम से की जानी वाली ऐक्सरसाइज पुशअप है. इस के लिए किसी प्रकार के इक्विपमैंट की आवश्यकता नहीं होती. यह सब से सामान्य ऐक्सरसाइज है जिसे लोग सब से अधिक करते भी हैं. इसे जरूरत के हिसाब से करें और समयनुसार सैट बढ़ाते रहें. इस से चैस्ट, आर्म्स, शोल्डर, पीठ स्ट्रौंग होती है.

वाल सिट्स : वाल सिट्स ऐक्सरसाइज में पीठ को दीवार पर चिपका देते हैं और फिर दोनों पैरों को कुरसी पर बैठने की पोजिशन में रखते हैं. ये 90 डिग्री होने चाहिए. अब दोनों हाथों को फोल्ड कर के कुछ देर इसी पोजिशन में 30 सैकंड तक रहना होता है. इस से बौडी का बैलेंस बनाया जा सकता है. इस से पेट की चरबी कम होती है, जांघें और हिप्स शेप में आते हैं और कैलोरी बर्न भी होती है.

पुलअप्स : यह अपने ही शरीर के वेट को ऊपर उठाने जैसा है. देखा गया है कि ज्यादातर लोगों से इस ऐक्सरसाइज में रेप्स नहीं लगते हैं क्योंकि वे लोग इस ऐक्सरसाइज को लगाने का सही तरीका नहीं जानते. इस में हाथों को लगभग 28 इंच तक खोलें. जब आप ऊपर की तरफ जाएंगे तो लगभग एक सैकंड तक होल्ड करें. फिर नीचे आएं.

ध्यान रहे, पूरी ऐक्सरसाइज डेढ़ घंटे से ऊपर न हो और फिटनैस का जरूरी मंत्र यह है कि नींद सही समय पर सही घंटों की लें व डाइट पर्याप्त मात्रा में लें.

ऐक्सरसाइज के बाद क्या पिएं

फिटनैस के लिए ऐक्सरसाइज के बाद आप कुछ तरल पिएं तो बेहतर है क्योंकि ऐक्सरसाइज के बाद बौडी को हाइड्रेट रखना फिटनैस का एक जरूरी हिस्सा है.

तरबूज का जूस पिएं : भारी व्यायाम के बाद तरबूज शरीर में उचित हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करता है. वर्कआउट के दौरान आमतौर पर हमारा शरीर लगभग 2 फीसदी तक पानी की मात्रा पसीने के तौर पर बर्न करता है, जिस की भरपाई करने के लिए तरबूज का जूस अच्छा माध्यम हो सकता है.

नारियल पानी : नारियल का पानी शरीर में पानी की कमी की मात्रा को पूरा करता है.

चेरी का जूस : चेरी में मौजूद एंटीऔक्सिडैंट्स का उ?च्च स्रोत मांसपेशियों को ऊर्जा देता है.

ग्रीन टी : ग्रीन टी शारीरिक थकान दूर कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है.

बहुत से लोग मौसंबी का जूस, गाजर का जूस और अलगअलग शेक, बनाना शेक, मैंगो शेक पीते हैं. स्वादानुसार हर चीज ट्राई की जा सकती है.

बने रहें जवां : शान से जिएं जिंदगी

बचपन, युवावस्था और वृद्धावस्था. जिंदगी के ये 3 पड़ाव हैं. बचपन और युवावस्था तो गुज़र जाते हैं लेकिन वृद्धावस्था इंसान के साथ आखिरी सांस तक रहती है. सच है कि उम्र का बढ़ना तय है और हर किसी को वृद्धावस्था यानी बुढ़ापा से दोचार होना है. बूढ़ा होने से कोई खुद को रोक तो नहीं सकता लेकिन उस अवस्था को भी एंजौय जरूर कर सकता है. यानी, एक तरह से वह जवां बना रह सकता है.

जिंदगी की व्यस्तताओं ने इंसान को रोबोट सा बना दिया है. सुबह उठने से ले कर रात को सोने तक काम, काम और काम. टेबल पर खाना खाता इंसान एक मशीन सा बन कर रह गया है. हालात और ज्‍यादा खराब हो जाते हैं  जब इंसान अपनी सेहत, भोजन और नींद को भी नजरअंदाज करने लगता है.

वहीं, सच यह है कि बढ़ती उम्र के प्रभाव को कोई भी अपने चेहरे पर जल्दी नहीं देखना चाहता. अपनेआप को स्मार्ट दिखाने के लिए हर कोई परेशान रहता है और इंसान पूरी कोशिश करता है कि उस की झलक सब से अलग दिखे.

पुरुष दें ध्यान :

पुरुषों को अपनी त्वचा का खयाल रखने के लिए छोटी से छोटी बात पर ध्यान देने की जरूरत है. पुरुषों की त्वचा सख्त होती है, वे लंबे समय तक जवां दिखना चाहते हैं तो उन्हें कुछ आदतों को छोड़ कर अच्छी आदतों को अपनाना होगा. ऐसा करने से होने वाले फायदे कुछ ही दिनों में ही ज़ाहिर होना शुरू हो जाते हैं.

शाम को भी साफ़ करें चेहरा :

हर इंसान अपना चेहरा धोता है, लेकिन आमतौर पर सिर्फ सुबह. और यह उस की बचपन से ही आदत होती है. अच्छी आदत है. चेहरे की स्किन ज्यादा उम्र तक जवां बनी रहे, इस के लिए रोजाना शाम को भी फेसवौश या साबुन से चेहरे को धोना/साफ़ करना बेहद ज़रूरी है. ऐसा करने के नतीजे में आप के चेहरे पर मौजूद दिनभर की गंदगी भी साफ हो जाएगी और आप का चेहरा साफ रहेगा. इतना ही नहीं, रोजाना चेहरा अच्छी तरह साफ करने के चलते आप कई तरह के स्किन इंफैक्शन से बचे भी रहेंगे.

क्रीम नहीं मौइस्चराइजर है अनिवार्य:

ज़्यादातर युवा नहाने के बाद किसी क्रीम को ही लगाते हैं. दरअसल, युवाओं के चेहरे के लिए यह ठीक नहीं है. इस के चलते उन्हें रिऐक्शन हो सकता है और चेहरे पर पिंपल व दागधब्बों से भी जूझना पड़ सकता है. 30 साल की उम्र पार करने के बाद पुरुषों को नियमितरूप से नहाने के बाद मौइस्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. यह स्किन पोर्स (त्वचा के महीनमहीन छिद्र) को खोलने में मदद करता है, जिस से चेहरे को खिलाखिला बनाए रखने में काफी मदद मिलती है. हां, मौइस्चराइजर के बाद चाहें तो कोई क्रीम लगा सकते हैं.

सप्ताह में 2 बार फेसपैक :

अकसर पुरुष समझते हैं कि फेसपैक का इस्तेमाल केवल महिलाएं करती हैं, जबकि ऐसा नहीं है. यह चेहरे पर मौजूद गंदगी को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वह चेहरा महिला का हो या पुरुष का. इस के अलावा, यह चेहरे की स्किन को निखारने और दागधब्बे व मुहांसों को दूर करने के लिए भी काफी प्रभावी माना जाता है. यह चेहरे की रंगत को बरकरार रखता है और बढ़ती हुई उम्र के असर को भी चेहरे पर पूरी तरह से नहीं आने देता. फेसपैक किसी घरेलू नुस्खे के जरिए भी तैयार किया जा सकता है, अन्यथा बाज़ार में उपलब्ध हैं.

सप्ताह में स्क्रब जरूर :

चेहरा देख कर आमतौर पर लोग किसी की उम्र का पता लगा लेते हैं. बुढ़ापे का असर या कह लें ढलती हुई उम्र सब से पहले चेहरे पर अपना असर दिखाना शुरू कर करती है. इसलिए, चेहरे का खास खयाल रखते हुए हफ्ते में एक बार स्क्रब जरूर करें. स्क्रब किसी घरेलू नुस्खे के जरिए भी तैयार किया जा सकता है, अन्यथा बाज़ार में उपलब्ध हैं. स्क्रब करने से चेहरे की स्किन खिलीखिली लगती है.

बालों को भी दें समय :

चेहरे से ही इंसान जवां नहीं दिखता. जवां दिखने के लिए जरूरी नहीं कि कोई अपने जिस्म के सिर्फ एक हिस्से पर ही ध्यान दे बल्कि उस को सभी ब्यूटी टिप्स पर ध्यान देने की जरूरत है. बालों की अच्छी चमक हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है. पुरुषों को अपने बालों की भी खास केयर करनी चाहिए. बढ़ती उम्र के साथसाथ उन्हें समयसमय पर हेयरकेयर टिप्स का इस्तेमाल कर के बालों को हैल्दी बनाए रखना चाहिए. कुछ घरेलू नुस्खों के ज़रिए भी बालों को काला करने और उन्हें मजबूती देने के लिए खास हेयरमास्क का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

बुरी आदतों से बचें :

शराब का सेवन और स्मोकिंग करना जिस्म के लिए नुकसानदायक हैं. किसी को अगर ये आदतें हैं तो उसे इन आदतों को छोड़ना पड़ेगा वरना उम्र से पहले वह बूढा नज़र आने लगेगा. इन आदतों के चलते चेहरे की स्किन के साथसाथ पूरे जिस्म के अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. बढ़ती उम्र में ये बुरी आदतें जिस्म को विभिन्न प्रकार के नकारात्मक दोषों से नहीं बचा सकेंगी और इंसान के चेहरे पर बुढ़ापे की झलक साफ दिखने लगेगी.

जल्दी उठना, जल्दी सोना :

अर्ली टु बेड ऐंड अर्ली टु राइज… सुबह जल्दी उठने और रात में जल्दी सोने से इंसान की सेहत अच्छी रहती है. पुरुषों को सुबह जल्दी उठना चाहिए, यह उन की सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. जल्दी उठने के लिए रात में जल्दी सोना होगा ताकि नींद का समय पूरा हो सके. वहीं, सुबह उठ कर बाहर टहलने की आदत डालनी चाहिए, क्योंकि सुबह की फ्रेश एयर इंसान के पूरे दिन को अच्छा बना देती है.

औयलीफूड और जंकफूड से बचें :

तेल की अधिक मात्रा में बने भोजन यानी औयलीफूड का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर की एनर्जी को जल्द खत्म कर देता है. इस के साथ ही रात को थोड़ा हलका खाना खाएं. घर के बने खाने में अच्‍छे तेल का उपयोग करें, क्योंकि खराब क्वालिटी वाला तेल सेहत पर काफी बुरा प्रभाव डालता है. पुरुषों को जंक फूड से भी परहेज करना होगा. इस के ज्यादा खाने से शुक्राणुओं की गुणवत्‍ता में गिरावट आ जाती है. इस की जगह  फ्रूट्स, अंकुरित अनाज और जूस लिया जा सकता है.

रोजा करें ऐक्‍सरसाइज़ :

पुरुषों को मोटापा कम करने औऱ फिट रहने के लिए रोजाना ऐक्‍सरसाइज़ करनी चाहिए. अगर आप ऐक्सरसाइज़ नहीं कर सकते हैं, तो थोड़ाबहुत उछलकूद ही करें यानी जिस्म को हरकत दें ताकि पूरा जिस्म फिट बना रहे. मौर्निंग वौक हर इंसान को करना चाहिए.

इस तरह, कोई भी इंसान अपने जीवन के हर पड़ाव को एंजौय कर सकता है. वह वृद्धावस्था में भी अपने को जवां महसूस कर सकता है चूंकि जिस्म से फिट जो है. सो, आप भी अंतिम क्षणों को तक जीवन को एंजौय करें, खुद को जवां फील करें.

लाइफस्टाइल में अपनाएं ये टिप्स और चेहरे को रखे स्वस्थ

बदलती लाइफस्‍टाइल के साथ ही लोग अपने हेल्थ को लेकर काफी सजक हो गए है. इसको सबसे बड़ा कारण है लोगों में खुद को बेहतर दिखाने की इच्छा जिसके चलते अब लोग जिम, योगा और एक्सरसाइज जैसी चीजों को डेली रूटीन में कर है. फिटनेस के साथ साथ आजकल लोग अपनी स्किन को लेकर भी काफी ध्यान देते है. इसके लिए मार्केट से या तो वो कई प्रोडक्ट्स का यूज करते है जिसके कारण कई बार हम स्किन प्रौब्लम का भी शिकार हो जाते है. आप जितना प्रकृतिक तरीकों को इस्तेमाल लाएंगे उतना ही वो आपकी हेल्थ के लिए फायदेमंद होगा. इसलिए आज हम लेकर आए है आपके लिए कुछ आसान तरीके जिसे उपयोग मे लाने से आकर्षक स्किन और फिटनेस पा सकते हैं.

स्किन को जरुरी है एक्सट्रा केयर

अगर आप चाहते हैं कि चेहरे पर निखार आए तो अपने स्किन को हमेशा साफ पानी से धोए और साफ रखें. हर रोज कुछ समय अपने चेहरे की गंदगी को साफ करने के लिए लगाएं. इसके लिए प्राकृतिक चीजों का सहारा ले सकते है जैसे हल्दी और एलोवोरा. ये ना सिर्फ चेहरे की रंगत बढ़ाएंगा बल्कि चेहरे को स्वस्थ भी रखेगा.

खाने में यूज करें फाइबर प्रोटीन्स

आप हेल्दी तभी हो सकते है जब आप पौष्टिक और फाइबर युक्त खाने का सेवन करेगें. इस तरह के आहार न केवल आपको उर्जा देते हैं बल्कि आपके स्किन को भी हेल्दी रखते हैं. स्वस्थ पेट, स्वस्थ शरीर आप जितना स्वस्थ खाना खाएंगे उतना आपकी चेहरे पर रोनक आएंगी.

टेंशन को रखे दूर

टेंशन न सिर्फ आपके दिमाग को बल्कि शरीर को भी कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है. ये आपकी मांसपेशियों को कसने, आपकी ऊर्जा का स्तर कम करने और ब्लडप्रेशर को तेजी से बढ़ाता है. टेंशन की वजह से आपके चेहरे का निखार खत्म हो जाता है.

स्वस्थ रहने के लिए नींद लेना है जरुरी

अपनी व्यस्त लाइफ में कम से कम 7 से 8 घंटे अपनी नींद को दीजिए. जब आप सोते हैं तब शरीर हर तरह की गंदगी को बाहर नि‍कालने का काम करता है, जिससे त्वचा में निखार आता है.

स्वस्थ पानी रखें स्वस्थ शरीर

स्वस्थ्य रहने के लिए पानी का सेवन करना बहुत ही जरूरी है. पानी ही एक ऐसी चीज है जिसका आप सही समय पर सेवन करते हैं तो शरीर की कई सारी बीमारियां दूर हो सकती है. अपने चेहरे पर ग्लो लाना है तो हर एक घंटे में पानी पीजिए.

जामुन: फल एक, सेहत से जुड़ें फायदे अनेक

बारिश में जहां एक ओर गरमागरम पकोड़े और भजिएं लोगों की पहली पसंद होते है जो आपकी सेहत के लिए बीमारी का घर बन सकता है. वही इस मौसम के फल आपके शरीर को कई बीमारी से दूर रखने में काफी असरकारक हो सकते है. बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा दिखने वाले फलों में जामुन है, जो बारिश में ही देखने को नसीब होता है.खट्टे-मीठे स्वाद के कारण जामुन की कई डिशेज बनाई जाती हैं. वैसे तो जामुन खाने के ढेर सारे फायदे हैं। मगर डायबिटीज रोगियों के लिए जामुन विशेष फायदेमंद होता है. जामुन खाने से ब्लड शुगर घटता है और इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है. इस सिजनेबल फल को जितना हो सके आपने खाने में इस्तेमाल करें.

 पौष्टिक तत्वों से भरपूर है जामुन

जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम जैसे मिलिरल्स है जिसकी समय समय पर हमारे शरीर को जरुरत होती है. इसके अलावा जामुन में विटामिन्स और फाइबर भी भरपूर पाए जाते हैं. जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है, मगर फाइबर होने के कारण यह बहुत धीरे-धीरे खून में घुलता है.

 पेट संबंधी समस्या और कैंसर के लिए भी फायदेमंद

जामुन खाने से आपका डाईजेशन अच्छा होता है साथ ही  जामुन खाने से पेट सं‍बंधित समस्या कम होती हैं. शुगर के उपचार के लिए जामुन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. शुगर के रोगी को जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें. इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. आपको जानकर हैरानी होगी पर जामुन में कैंसर से भी निपटने की क्षमता है. कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के बाद जामुन खाना चाहिए, इससे फायदा होता है.

पथरी और छालों को रखें दूर

जामुन खाने से पथरी में फायदा होता है. जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है वही मुंह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से लाभ होता है.

खूनी दस्त में है रामवाण

दस्त या खूनी दस्त होने पर जामुन का सेवन करना चहिए. दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त बंद हो जाता है.

टोंड या फुल क्रीम: जानें सेहत के लिए कौन सा दूध है बेहतर

मार्केट में जब भी दूध लेने जाते है तो तरह तरह के दूध वहा मौजूद होते है. कई लोग तो इस के अंतर और फायदे को जानते है पर ज्यादातर लोग इस बात से अनजान रहते है की फूल क्रीम और टोंड मिल्‍क में क्या अंतर होता है. वजन बढ़ने और अन्‍य कई समस्‍याओं के लिए हमेशा फुल क्रीम दूध को दोष दिया जाता है, लेकिन क्‍या ये सही है. इन्ही सब के चलते आज हम दूध से जुड़े कुछ ऐसी बाते बताएंगे जो आपके जानना जरुरी है. तो चलिए जानते है..

क्या आप जानते है फैक्ट

फुल-फैट वाले डेयरी उत्पाद वास्तव में आपके वजन घटाने के लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जबकि लोग ऐसा नहीं मानते हैं. 18,000 मिडिल एज की स्वस्थ वजन वाली महिलाओं पर किए गए दस साल के लंबे रिसर्च में पाया गया कि जिन महिलाओं ने अधिक दूध का सेवन किया और पूर्ण फैट वाले डेयरी उत्पादों का सेवन किया, उनमें उन महिलाओं की तुलना में अधिक वजन और मोटापे की संभावना कम थी, जिन्होंने पूर्ण फैट वाले डेयरी का सेवन नहीं किया था.

फुल क्रीम दूध की दैनिक खपत ने प्रतिभागी के एचडीएल कोलेस्ट्रौल (अच्छे कोलेस्ट्रौल) के स्तर में वृद्धि की, जबकि टोंड मिल्‍क पीने वाली महिलाओं ये लाभ नहीं दिखा। कुछ अन्य अध्ययनों में पाया गया कि जो बच्चे फुल क्रीम दूध का सेवन करते हैं, उनमें बाकी बच्‍चों (जो कम फैट वाले दूध पीते हैं) के मुकाबले विटामिन डी का स्तर बेहतर था. शोधकर्ताओं ने पाया कि दूध में पाई जाने वाला फैट शरीर को अधिक विटामिन डी अवशोषित करने में मदद करती है.

फैट-फ्री और स्किम मिल्क संतोषजनक नहीं होते हैं और फैट रहित दही अतिरिक्त शर्करा से भरे होते हैं और ये हमें फैट वाले डेयरी उत्‍पादों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों से भी वंचित रखते हैं. जब लोग फैट को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वे विकल्प के रूप में ज्‍यादा रिफाइंड कार्ब्‍स और शुगर खाने लगते हैं, जिसके अपने कई स्वास्थ्य जोखिम होते हैं.

आखिर कहां से आया टोंड मिल्क का कौनसेप्ट

1990 के दशक के दौरान, पोषण विशेषज्ञों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने लोगों को अपने आहार से फैट में कटौती करने की सलाह दी जिसमें दूध और अन्‍य डेयरी उत्‍पाद शामिल थे. जिसके कारण अधिक से अधिक लोग कम फैट और फैट रहित डेयरी उत्‍पादों का विकल्प चुनने लगे. इसके बाद डेयरी उत्‍पाद के निर्माताओं ने अपने उत्पादों में आर्टीफिशियल इंग्रीडिएंट और चीनी मिलाना शुरू कर दिया, ताकि लोगों को बेहतर स्वाद मिल सके. इसके कारण हमें फ्लेवर्ड दूध, मीठी दही और अन्‍य उत्‍पाद मार्केट में मिलने लगे.

चोट व जले के दर्द से राहत देता है पान, जानें इसके कई अन्य फायदे

शादी सहित अन्य समारोह में भोज पान के बिना अधूरा है. ज्यादतर लोग स्वाद के लिए पान खाते हैं लेकिन उनको पता नहीं होता कि पान खाने से उनको कई अन्य फायदे भी होते हैं. पान के पत्ते में कई ऐसे तत्व होते हैं जो बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं. जिन लोगों के मुंह से बदबू आती है उनके लिए भी पान का सेवन काफी फायदेमंद होता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले मसाले जैसे लौंग, कत्था और इलायची भी मुंह को फ्रेश रखने में सहायक होते हैं. पान खाने वालों के लार में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर भी सामान्य बना रहता है, जिससे मुंह संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है.

पान में अल्प मात्रा में कपूर की मात्रा के साथ 3-4 बार चबाने से पायरिया दूर होता है. लेकिन यह बात ध्यान रखें की पान की पीक पेट में नहीं जानी चाहिए. अगर आपको खांसी आ रही हो तो आप पान के पत्ते में अजवाइन डालकर चबाएं. इससे आपको खांसी से भी आराम मिलेगा. किडनी खराब होने पर भी आप पान का सेवन कर सकते हैं. पान खाने से किडनी खराब होने का खतरा कम होता है.

मसूड़ों में सूजनपर या गांठ आ जाने पर

मसूड़े में गांठ या फिर सूजन हो जाने पर पान का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. पान में पाए जाने तत्व इन उभारों को कम करने का काम करते हैं. मुंह में छाले पड़ जाने पर पान के रस को देशी घी से लगाने पर प्रयोग करने से फायदा होता है.


पाचन में सहायक

पान खाना पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद है. ये सैलिवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का काम करता है जोकि खाने को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है. कब्ज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी पान की पत्ती चबाना काफी फायदेमंद है. गैस्ट्र‍िक अल्सर को ठीक करने में भी पान खाना काफी फायदेमंद है.

 

साधारण बीमा‍रियों और चोट लगने पर

अगर आपको सर्दी हो रखी है तो ऐसे में पान के पत्ते आपके लिए फायदेमंद रहेंगे. इसे शहद के साथ मिलाकर खाने से फायदा होता है. साथ ही पान में मौजूद एनालजेसिक गुण सिर दर्द में भी आराम देता है. चोट लगने पर पान का सेवन घाव को भरने में मदद करता है. चोट पर पान को गर्म करके बांध लेना चाहिए. इससे दर्द में आराम मिलता है. जले हुए जगह पर पान लगाने से भी फायदा मिलता है.

कामोत्तेजना बढ़ाने में

पान के पत्ते कामोत्तेजना बढ़ाने में भी सहायक होते हैं. अंतरंग पलों को और खुशनुमा बनाने के लिए आप पान के पत्तों को इस्तेमाल कर सकते हैं.

4 टिप्स: जाने क्यों है ब्लैक टी आपके लिए फायदेमंद

सुबह की चाय हम में से अमुमन सभी की पहली पसंद होती है. चाय की चुस्की से की दिन शुरुआत पुरे दिन  को तरेताजगा कर देता है. चाय के शौकीन लोगों के लिए जरुरी है की वो किस प्रकार की चाय पी रहे है इसपर ध्यान दे. दूध वाली चाय, ग्रीन चाय या काली चाय सभी का अपना अपना स्वाद होता है. ये बात जानना बेहद है की सुबह खाली पेट दूध वाली चाय पीना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इससे आपको डाईजेशन में तो समस्या होती ही है साथ ही और भी कई समस्या से दो चार होना पड़ता हैं. ऐसे में अगर आप दूध वाली चाय की जगह काली चाय पिएंगे तो ये आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक होगी. ब्लैक टी हृदय रोगों, दस्त, पाचन समस्याओं, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 शुगर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं. इसलिए हम आपको ब्लैक टी पीने के ऐसे चार फायदे बता रहे हैं, जिसके जरिए आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं और कई रोगों से दूर रहे सकते हैं.

शरीर की बदबू को दूर रखे ब्लैक टी

जिन्हें बहुत ज्यादा पसीना आता है और आपके आस-पास के लोग आपके पसीने की दुर्गंध से परेशान रहते हैं तो आपके लिए ब्लैक टी एक बेहद अच्छी है. ब्लैक टी बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती, जिसके कारण पसीने से बदबू नहीं आती.

ब्लैक टी रखे टेंशन को रखे दूर

ब्लैक टी तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के उत्पादन में कमी लाती है और इसे सामान्य बनाए रखने में सहायता करती है. एक अध्ययन के मुताबिक ब्लैक टी में मौजूद अमीनो एसिड और एल-थीनिन तनाव कम करता है और आपके शरीर को आराम भी देता है.

ब्लैक टी करें हृदय को बेहतर

शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है दिल. ब्लैक टी में मौजूद फ्लेवोन दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बेहद उपयोगी है. वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि रोजाना तीन या उससे अधिक कप ब्लैक टी पीने से कोरोनरी हार्ट डिसीज का जोखिम कम हो जाता है. अगर आप भी अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट को शामिल करना चाहते हैं तो आप ब्लैक टी के साथ ऐसा कर सकते हैं.

शुगर को रखें दूर ब्लैक टी

मधुमेह(शुगर) एक ऐसी बीमारी है, जो सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है. मधुमेह का इलाज अगर प्रारंभिक चरण में हो तो इस रोग को प्रबंधित करना आसान होता है. हालांकि कुछ सावधानियों के साथ इस रोग का निदान आसान है. वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि ब्लैक टी टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करती है क्योंकि इसमें पाए जाने वाला कैटेचिन और थायफ्लाविंस शरीर के इंसुलिन स्तर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.

रेड वाइन है सेहत के लिए फायदेमंद, जानें कैसे

हाल ही में एक रिसर्च के अनुसार रेड वाइन में मौजूद एक ऐसा यौगिक (Compound) पाया है जो डीप्रेशन और टेंशन से निपटने की क्षमता रखता है. इस वाइन को रोज अगर आप सिमित मात्रा में ले तो आप काफी रोगों से सुरक्षित रहेंगे. रेड वाइन रेसवेराट्रोल का होता है. इस कंपोउंड में एंटीऔक्सिडेंट गुण होता है जो आपको टेंशन से दूर रखता हैं. ध्यान देने वाली बात ये है की रेड वाइन में अल्कोहल होता है- जिसका अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. रेड वाइन का कभी-कभार सेवन जब आप थोड़ा बहुत तनाव महसूस करते हैं तो सहायक हो सकता है.

अब तक, कंपाउन्ड में एंटी-डिप्रेसेंट के समान प्रभाव पाए गए थे. लेकिन इसके संबंध फौस्फोडाइस्टरेज़ 4 के साथ थे, जोकि स्‍ट्रेस हार्मोन कौर्टिकौस्टेरौन से प्रभावित एक एंजाइम थे. अंगूर और जामुन रेड वाइन की तुलना में रेसवेराट्रौल का एक बेहतर सौर्स हैं.

  • रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) आपके हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है और कैंसर और यहां तक कि दृष्टि हानि से सुरक्षा प्रदान कर सकता है.
  • रेड वाइन प्लाज्मा और लाल रक्त कोशिकाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्तर में वृद्धि कर सकता है. ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं.
  • अध्ययनों से पता चला है कि एक ग्लास रेड वाइन पीने से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम को कम किया जा सकता है. बहरहाल, डायबिटीज के रोगियों को अपने डाक्टर से परामर्श लेने के बाद ही वाइन पीना चाहिए.
  • ब्रिटेन स्थित वैज्ञानिकों ने पाया कि रेड वाइन में मौजूद प्रोसेनिडिन्स रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं. वाइन जो पारंपरिक उत्पादन विधियों के साथ तैयार की जाती है, रेड वाइन यौगिकों को निकालने में अधिक प्रभावी प्रतीत होती है, इस प्रकार वाइन में प्रोसीएनिडिन के उच्च स्तर तक ले जाती है.
  • जौन्स हौपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल औफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का कहना है कि रेस्वेराट्रोल, मस्तिष्क को स्ट्रोक से होने वाले नुकसान से बचा सकता है.

गंभीर स्वास्थ समस्या के लिए भी असरकारक है मुलेठी

इस भागदौड़ भरी जिंदगी सेहत से जुड़ी समस्या का होना एक आम बात है. सर्दी जुखाम एक ऐसी समस्या है जो मौसम के बदलने पर सभी को हो ही जाती है और इसे एक हफ्ता या उससे भी ज्यादा समय लग जाता है  खत्म होने में. कई बार तो हम इन छोटी-छोटी समस्या के लिए डाक्टर की सलाह भी नही लेते. आयुर्वेद ने हम ऐसी कई औषधी से मिलाया है जिसके इस्तेमाल से एक दो नहीं बल्कि कई बीमारियों में फायदेमंद शाबित हो सकती है. जी हां हम बात कर रहे है स्वाद में मीठी मुलेठी की. आमतौर पर मुलेठी का इस्‍तेमाल पान में किया जाता हैं. मुलेठी सर्दी-जुखाम जैसी छोटी बीमारियों के साथ-साथ आपकी कई अन्‍य बड़ी बीमारियों में भी वरदान साबित हो सकती है. तो चलिए जानते है मुलठि के फायदें…

बच्चे को स्‍तनपान के संबंध में

अधिकतर महिलाओं में गर्भावस्‍था के बाद दूध का उत्‍पादन र्प्‍याप्‍त नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में आप मुलेठी का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए आप 2 चम्‍मच मुलेठी पाउडर, 3 चम्‍मच शतावरी पाउडर और 2 ग्राम मिश्री को एक गिलास उबले दूध में मिलाकर पिएं. इससे महिला के दूध उत्‍पादन में वृद्धि होती है और बच्‍चे के लिए र्प्‍याप्‍त मां का दूध मिल पाता है.

अल्‍सर और कमजोरी के लिए रामबाण

अगर आप हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं, तो आप 2 ग्राम मुलेठी चूर्ण के साथ 1 चम्‍मच घी और 1 चम्‍मच शहद को गर्म दूध के साथ मिलाकर पिएं. इससे आपकी थकान व कमजोरी दूर होगी. इसके अलावा पेट में अल्‍सर की समस्‍या होने पर आप 1 गिलास दूध के साथ 1 चम्‍मच मुलेठी चूर्ण मिलाकर दिन में 2 या 3 बार मिलाकर पी सकते हैं.

दिल की समस्या के लिए असरकारक

अगर आप दिल की बीमारी से परेशान है तो इसके लिए आप 2 ग्राम मुलेठी और 2 ग्राम कुटकी का चूर्ण,  ग्राम मिश्री लें और इसे एक गिलास पानी में घोल लें. इसे आप प्रतिदिन दो बार से अधिक न पिएं. अगर आपको दिल की बीमारियों के अलावा भी कोई रोग या समस्या है, तो उसमें भी आपको इससे फायदा मिलेगा.

एक ग्लास पानी करे सभी समस्याओं को दूर, जानें कैसे

पानी का महत्व यूं तो हम सभी जानते है. पानी हमारे जीवन की उन औषधियों में से एक है जिसके पीने मात्र से कई सारी बीमारियों को हम खुद से दूर रख सकते है. अगर आप नियमित रुप से पानी पीते है और दिनभर में कम से कम 1.5 लि. पानी पीते है तो यकीन मानिएं आप कई सभी शरिरीक समस्या से बच सकते है. तो चलिएं जानते है पानी कैसे और की समस्या के लिए फायदेमंद है…

1. अगर करना है वजन कम तो पिएं पानी

वजन कम करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है कि आप आपने सभी ड्रिंक्‍स को पानी के साथ बदल दें. जब आप ज्यादा पानी का सेवन करते हैं तो आपका वजन तेजी से कम होता है. आप सभी पेय को नौ दिनों के लिए पानी से बदल देते हैं तो आप दिन में 8 किमी दौड़ते के बाराबर कैलोरी बर्न करते हैं.

2. मेटाबौलिज्‍म को बढ़ाता है पानी

पानी के साथ अपने सभी पेय को बदलने से आपके डाईजेशन सुधरेगा और आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा. इसलिए दिन भर खूब पानी पिएं और पूरे दिन एनर्जेटिक बने रहें. यह दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए आपकी दक्षता (Efficiency) में भी सुधार करेगा.

3. ब्रेन के लिए हेल्दी है पानी पीना

ह्यूमन ब्रेन का 75% से 85% तक पानी है, इसलिए अधिक पानी पीने से आपको बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी. आप डेली के सभी काम को जल्दी और कुशलता से करेंगे.

4. क्रैविंग से दूर रखे पानी

जब आप पानी पीते हैं तो आप कम खाते हैं. यदि आपमें कैलोरी लेने की तीव्र इच्‍छा होती है, तो बस एक गिलास पानी पिएं. यह आपके वजन को प्रबंधित करने और आपको स्वस्थ रखने में आपकी मदद करेगा. कभी-कभी प्यास cravings को ट्रिगर करती है. हर समय अपने साथ पानी रखें और अनावश्यक कैलोरी को अलविदा कहें.

भरपूर पानी पीने से कई बीमारियों और हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोगों, मूत्राशय की स्थिति और डाईजेशन से संबंधी जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का खतरा कम हो जाता है. इसलिए अधिक पानी पीकर डाक्टर के पास जाने के अपने अवसरों को कम करें और स्वस्थ जीवन जिएं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें