केंद्रीय बजट को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे महंगाई बढ़ाने वाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल में 1 रुपये की वृद्धि की गई है. इससे महंगाई बढ़ेगी. वहीं युवाओं के लिए रोजगार के ऐलान ना होने पर भी भूपेश बघेल ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि युवाओ को रोजगार के अवसर कैसे देंगे. इस पर कोई बात नहीं की गई है. वहीं किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर राहत देने की बात कही गयी है, आय दुगना होने की बात केवल जुमलेबाजी साबित हुई है.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि रेलवे को पीपीपी मौडल में ले जा रहे हैं, अब उसे प्राइवेट सेक्टर ले जाने के बाद लोगों से रोजगार छीना जाएगा. वहीं प्रत्येक घर में पानी पहुंचाने में भी स्टेट शेयर रहेगा, जबकि सड़क बनाने में 60-40 का रेशियो कर दिया गया है. उन्होंने बजट को निराशाजनक बताया है. पुराने बजट को ही बढ़ा कर ही प्रस्तुत किया गया है.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी का इस्तीफा, ट्विटर पर लिखा ओपन लेटर
भूपेश बघेल ने कहा कि हम लोग यह उम्मीद कर रहे थे आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र में में 6 हजार की जगह 12 हजार राशि मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भूपेश बघेल ने मोदी पर तंज करते हुए कहा कि ये सरकार नाम बस बदलने में माहिर हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आवास योजना जो देश में लागू किया गया है 2022 तक सबको मकान देने की अगर बात कर रहे हैं तो राज्य सरकार को इसके लिए 7000 करोड़ देना पड़ेगा जबकि 100% केंद्र को दिया जाना चाहिए. भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री जो 5 मिलियन डौलर इकोनामी बनना चाहते हैं इस दिशा में ऐसी कोई चीज दिखाई नहीं देती केवल जुमलेबाजी दिख रही है. 6000 की जगह 12000 प्रति किसान मिलना चाहिए था, जो लोग जंगल में रहते हैं उन्हें भी कुछ नहीं मिला.
जनता कांग्रेस जोगी सुप्रीमो अमित जोगी की 9 मांगे
2019-20 बजट पर छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की ओर से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की भारत सरकार को 9 मांगे रखते हुए कहा है-
– बजट सत्र में चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ के सांसद दरबारी नहीं बल्कि दमदारी से ढाई करोड़ छत्तीसगढ़ वासियों की बात रखें.
– बजट का सबसे बड़ा हिस्सा ‘कनेक्टिविटी’ के लिए रखा गया है, इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिले: जिस तरह रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय ने रायगढ़-जशपुर-रांची रेल्वे लाइन की मांग उठाई वैसे ही कांकेर सांसद श्री मोहन मंडावी और बस्तर सांसद श्री दीपक बैज को 6K रेल्वे लाइन (कुम्हारी-कांकेर-केशकाल-कोंडागाँव-केशलूर-कोंटा) की मांग उठानी चाहिए, इस से बस्तर न केवल विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा बल्कि नक्सलवाद भी कम होगा.
-बिलासपुर सांसद श्री अरुण साव और कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत को हसदेव-अरपा नदी जोड़ो अभियान को स्वीकृति दिलाने पूरा प्रयास करना चाहिए ताकि वौटर-वे परिवहन के साथ साथ भीषण जल संकट से निपटा जा सके.
-राज्य सरकार की यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का जब कोई अतापता नहीं है और सरकारी अस्पतालों में मृत्यु दर तिगना हो गया है तो 5 लाख तक की स्वास्थ बीमा राशि वाली आयुष्मान भारत योजना को छत्तीसगढ़ में चालू करने की सहमति दें.
-दुर्ग, बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभागीय मुख्यालयों में भी रायपुर AIIMS की तर्ज़ पर सूपर स्पेशिएलिटी अस्पताल एवं मेडिकल कालेज खोले जाए, इसके लिए वहां के सांसदों को लड़ना चाहिए.
-100% FDI (विदेशी निवेश) को खनिज-आधारित उद्योग में अनुमति देना पर विचार करना छत्तीसगढ़ में फिर से ईस्ट इंडिया कम्पनी का राज लाएगा, इसका हम पुरज़ोर विरोध करेंगे.
-उपभोग-आधारित GST प्रणाली लागू होने से उत्पादन-आधारित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को जो हर साल 25,000 करोड़ का अतिरिक्त नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए.
-कम से कम 100 करोड़ की लागत वाले वृहद कृषि और वनोपज आधारित उद्योग भी आदिवासी-बाहुल्य क्षेत्रों में खोलने का बजट में प्रावधान होना चाहिए.
-व्यापारियों की मार्केट में पैसा की कमी दूर हो और युवाओं को स्वरोज़गार के अवसर मिले, इसके लिए बैंकों से ब्याज दर कम करने के लिए सरकार रिजर्व बैंक पर दबाव बनाए.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी: गले पड़ा अदालती पेंच