उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से सरकार के अपने किले को सुरक्षित किया था, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उसमें सेंधमारी कर संगठन को सरकार में दखल का अधिकार दे दिया है. शाह ने बता दिया कि सरकार में बैठे लोगों को संगठन को महत्व देना होगा. संगठन के सम्मान और साख के बहाने योगी के किले में सेंधमारी का काम किया गया है.

पहले से प्रभावी चल रहे प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को अब मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में बुलाया जाने लग गया है. अब उनको सरकार के तंत्र में पहले से ज्यादा महत्व मिलने लगा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के बीच आपसी संबंध सभी को पता थे. केशव मौर्य के आफिस को एनक्सी से विधानसभा ले जाने की घटना चर्चा में रही. अमित शाह ने केशव के महत्व को बढ़ाया और उनकी खुलकर तारीफ की. केशव मौर्य के साथ ही साथ दूसरे उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा को भी महत्व दिया गया.

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यह साफ कर दिया कि दोनो उपमुख्यमंत्री भी सरकार में महत्वपूर्ण हैं. इसके साथ ही साथ सरकार भाजपा संगठन को महत्व और जानकारी देकर काम करे. सरकार के मंत्रियों को विधायकों की परेशानियों को सुनने के लिये भी कह दिया गया है. अमित शाह के इन फैसलों से साफ हो गया है कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकार में उप मुख्यमंत्रियों के साथ भाजपा संगठन मंत्री को पूरा महत्व देना होगा. असल में 4 माह की सरकार के कामकाज की समीक्षा में अमित शाह को यह पता चल गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी अफसरों से सही तरह से काम नहीं ले पा रहे हैं. खासकर अपराध को लेकर जो आलोचना हो रही है उसका मुद्दा सबसे प्रमुख है.

भाजपा योगी को अपने हिदुत्व का चेहरा बना चुकी है. ऐसे में वह योगी को किनारे नहीं कर सकती. 2019 की सफलता से ही योगी की भूमिका तय होगी. योगी को सरकार के चेहरे के तौर पर प्रयोग किया जायेगा. सरकार को चलाने में जिस काबिलियत की जरूरत भाजपा महसूस कर रही है उसके लिये संगठन पर पकड़ रखने वालो की जरूरत है. ऐसे में सुनील बंसल और केशव मौर्य अमित शाह की पहली पंसद बनकर उभर रहे हैं. केशव मौर्य को विरोधी दलो में तोडफोड कर विपक्ष को खत्म करने का काम दिया गया है.

केन्द्र में भाजपा ओबीसी बिल को पास करवा कर पिछडों की राजनीति में अपनी दखल बढ़ा कर दलित जातियों को दरकिनार करने का काम करेगी. जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में मुलायम और मायावती की जातीय राजनीति को खत्म किया जा सके. पिछडों में जिस तरह तेजी से हिन्दुत्व की भावना बढ़ रही है उससे भाजपा काफी उत्साहित है. आने वाले समय में भाजपा जाति की राजनीति दरकिनार कर धर्म की राजनीति को प्रभावी हथियार की तरह प्रयोग करेगी.

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