Political News in Hindi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज उम्र की जिस दहलीज पर हैं, उन के द्वारा औरतों के सिलसिले में सैक्स को ले कर जिस तरह का बयान बिहार विधानसभा में आया और फिर थोड़े ही समय में नीतीश कुमार ने जिस अदबी के साथ माफी मांगी तो फिर नैतिकता का तकाजा यह है कि मामला खत्म हो जाता है. मगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narender Modi) ने जैसे नीतीश कुमार के बयान को लपक लिया और बांहें खींच रहे हैं, वह यह बताता है कि भारतीय जनता पार्टी और उस का नेतृत्व आज कैसी राजनीति कर रहा है और देश को गड्ढे की ओर ले जाने में रोल निभा रहा है.

आप कल्पना कीजिए कि देश में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो क्या इस मामले को नरेंद्र मोदी की तरह तूल देते? आज देश में अगर पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री होते या फिर डाक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते, तो क्या इस तरह मामले को तूल दिया जाता? शायद कभी नहीं.

दरअसल, नरेंद्र मोदी की यह फितरत है कि वे अपने लोगों को तो हर अपराध के लिए माफ कर देते हैं, मगर गैरों को माफ नहीं करते. उन के पास बरताव करने के दूसरे तरीके हैं, जो कम से कम प्रधानमंत्री पद पर होते हुए उन्हें शोभा नहीं देता.

देश का आम आदमी भी जानता है कि किसी भी विधानसभा में दिया गया बयान रिकौर्ड से हटाया भी जाता है और उस पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती. मगर भाजपा जिस तरह नीतीश कुमार पर हमलावर है, वह बताता है कि उसे न तो संविधान से सरोकार है और न ही किसी नैतिकता से. किसी की छवि को खराब करना और किसी भी तरह सत्ता हासिल

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