हाल ही में बीजापुर में 24 जवानों की नृशंस हत्या ने छत्तीसगढ़ सहित देश को झकझोर दिया है. ऊपर से "एक जवान" को अगवा करने के बाद "सरकार को नरम"  करने में भी नक्सली  सफल हो गए हैं. अब केंद्र सरकार भी पहले से ज्यादा छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद पर अपनी पैनी नजर रख रही है.  केंद्रीय गृह मंत्री एवं अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे और अगुआ जवान की रिहाई में ली गई  रूचि से यह  साफ है.

छत्तीसगढ़ सरकार और नक्सलियों के घात प्रतिघात पर  अगर दृष्टि डालें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि वर्तमान में नक्सली लगातार हमलावर हुए चले जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की  भूपेश बघेल सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं. ऐसी परिस्थितियों में अखिर लाख टके का सवाल यह है कि नक्सलवाद छत्तीसगढ़ से कब और कैसे  खत्म होगा.

पिछले सप्ताह नक्सलियों के घटनाक्रम का जो ड्रामेटिक घटनाक्रम चला. उसे संपूर्ण देश ने देखा है. जो नई परिस्थितियां  आई है उनके अनुसार-

बीजापुर में नक्सली हमले के बाद अगवा किए गए "कोबरा कमाण्डो" राकेश्वर सिंह को 8 अप्रेल को देर शाम  नक्सलियों ने छोड़ दिया . मगर यह अभी साफ नहीं हुआ  कि जवान को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने क्या शर्ते रखी? और क्या क्या समझौता हुआ है.

ये भी पढ़ें- जातजमात की बैठकें- नेता बनने की जोर आजमाइश

बीजापुर हमले 24 जवानों की शहादत के बाद जो  घटनाक्रम हुआ .उसमें दो स्थानीय पत्रकारों को एक  कॉल आई थी. कॉल में कहा गया था कि सीआरपीएफ जवान उनके कब्जे में है. महत्वपूर्ण यह है कि पत्रकारों के दावों का तब बीजापुर  पुलिस अधीक्षक ने खंडन कर दिया था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 480₹ 399
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...