Career Problem: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.
सवाल -
मैं 24 साल की लड़की हूं और हरियाणा के एक गांव में रहती हूं. मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में हैं और वे चाहते हैं कि मैं भी सरकारी नौकरी में ही जाऊं. यह मेरे पिताजी की इच्छा नहीं, बल्कि जिद है. उन की सोच है कि प्राइवेट नौकरी तो गुलामी है और वहां जा कर लड़कियां बिगड़ जाती हैं. ऐसा नहीं है कि मुझे सरकारी नौकरी पसंद नहीं है, पर पिताजी की जिद के चक्कर में मुझ में एक तरह का डर बैठ गया है कि अगर मेरी सरकारी नौकरी नहीं लगी, तो क्या होगा? मैं ने कई बार अपने पिताजी को प्राइवेट नौकरी करने की बात कही है, पर वे एकदम आगबबूला हो जाते हैं. आप ही बताइए कि मैं अपने पिताजी को कैसे समझाऊं?
जवाब -
आप ने पिताजी को नहीं, बल्कि खुद को समझाना है कि भयंकर बेरोजगारी और गलाकाटू कंपीटिशन के इस दौर में जो भी नौकरी मिल जाए, वही अच्छी है. वैसे, सरकारी और प्राइवेट नौकरियों की अपनी अलगअलग खूबियां और खामियां होती हैं.
एक पिता होने के नाते आप के पिताजी की जिद अपनी जगह ठीक है, जो अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित देखना चाहते हैं. चूंकि वे खुद सरकारी नौकरी के एशोआराम और सुख भोग रहे हैं, इसलिए वे आप को ले कर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन आखिरी फैसला खुद आप को करना है.
सरकारी नौकरी मिलना अब पहले की तरह आसान नहीं रह गया है, इसलिए वह न मिले तो आप के सामने एकलौता रास्ता प्राइवेट नौकरी का ही रह जाएगा. अब यह आप की पढ़ाईलिखाई, मेहनत, हुनर और स्मार्टनैस पर निर्भर है कि आप को 15,000 वाली नौकरी मिलती है या डेढ़दो लाख वाली मिलती है. जो भी हो तैयारी करती रहें. कहीं ऐसा न हो कि पिताजी को समझाने के चक्कर में कोई भी न मिले.
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