Caste Problem: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.

सवाल -

मेरी उम्र 17 साल है और मैं 11वीं कक्षा का छात्र हूं. मेरे स्कूल में कई दलित छात्र हैं और उन में से 4-5 तो मेरी ही क्लास में हैं. जब भी खाने का या खेलने का वक्त होता तब उन में से एक बच्चा हमारे ग्रुप के साथ आ कर बैठ जाता है. हम सब उसे इग्नोर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी वह हमारे साथ आ कर खाना खाने लगता है. हमें काफी अजीब लगता है कि एक दलित लड़का हमारे साथ कैसे खाना खा सकता है. हम में से कोई उसे कुछ कह नहीं पाता लेकिन उसे खुद सोचना चाहिए कि उसे अपने जैसे बच्चों के साथ रहना चाहिए. आप ही बताइए हम ऐसा क्या करें कि वह हमारे पास न आए?

जवाब -

मझे समझ नहीं आ रहा कि आज के समय में भी आप ऐसी सोच रखते हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि आप के अंदर यह सोच या तो अपने घर वालों से या आसपड़ोस से आई होगी. हमारे देश में जातपांत जैसी समस्याएं बहुत समय पहले हुआ करती थीं, लेकिन आज भी कुछ लोग इसे मान रहे हैं, यह हैरानी की बात है.

आप खुद सोचिए कि अगर वह लड़का आप से दोस्ती करना चाहता है या आप के ग्रुप के साथ बैठना चाहता है तो इस से आप सब को क्या दिक्कत है. माना वह लड़का दलित है लेकिन अछूत तो नहीं है न. ऐसा आप से किस ने कहा कि दलित लोग सिर्फ दलित के साथ ही बैठेंगे. हो सकता है वह लड़का अच्छे दिल का हो और आप का अच्छा दोस्त बन जाए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 480₹ 399
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...