सवाल

मैं 38 साल की शादीशुदा औरत हूं और 2 बच्चों की मां भी. मैं ज्यादा पढ़ीलिखी नहीं हूं, पर अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती हूं, लेकिन मेरी ससुराल वाले इस काम में मुझे सहयोग नहीं देते हैं. वे कहते हैं कि बेटे को पढ़ा  लो, पर बेटी को पढ़ालिखा कर क्या करोगी. मेरे पति भी अपने परिवार की हां में हां मिलाते हैं. मैं क्या करूं?

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जवाब

आप अपनी जगह सही हैं कि बेटी को भी बेटे के बराबर से तालीम हासिल करने का हक है, इसलिए अपनी जायज बात पर अड़ी रहें और ससुराल वालों को समझाएं कि अनपढ़ या कम पढ़ीलिखी लड़की को जिंदगीभर परेशानियां झेलनी पड़ती हैं और उन की शादी भी आसानी से नहीं होती.

ससुराल वालों से पहले पति को अपनी औलाद के भविष्य के बारे में बताएं.  इस पर भी बात न बने, तो खुद छोटेमोटे काम कर के बेटी की पढ़ाई का खर्चा उठाएं,

लेकिन किसी भी कीमत पर उस के न पढ़ने देने की ज्यादती न होने दें. यह एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है. इस से लड़ें, झुकें नहीं.

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