सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है. पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, पर ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.
खून आना और बदचलनी
अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी. काफी लोग इसे ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.
अभी भी अनगिनत लोग हैं जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.
इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान, रस्सी कूदते या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली हट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.
लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था तो तफतीश कर के शादी करते, अब उस का जीना हराम क्यों कर रहे हैं?
मर्दानगी का जौहर
दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया, तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.
ऐसा अगर हो भी जाए तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.
यह कैसी मर्दानगी
तीसरे लोग वे हैं जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.
मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बाद ही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.
सैक्स में उग्रता
कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.
ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.
जहर घोलती ब्लू फिल्में
5वीं किस्म उन लोगों की है जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.
लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.
सैक्स मशीन नहीं है साथी
इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल, सदस्यों के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.