अंडकोष के कैंसर पर नई रिसर्च करने वाले अमेरिका के आर्मी मैडिकल सैंटर के यूरोलौजी औंकोलौजिस्ट विभाग के प्रमुख डा. जूड डब्लू मोले का कहना है कि पुरुष अंडकोष के दर्द को सामान्य रूप में लेते हैं जिस की वजह से वे डाक्टर के पास देर से जाते हैं. कुछ डाक्टर के पास जाते भी हैं तो डाक्टर पहचानने में गलती कर जाते हैं. साधारण बीमारी समझ कर उस का इलाज कर देते हैं. कैंसर विशेषज्ञ डा. एम के राणा का कहना है कि अधिकतर भारतीय पुरुष अंडकोष के कैंसर से अनजान हैं जिस की वजह से वे अपने अंडकोष में आए परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं देते हैं. जब समस्या बढ़ जाती है तब डाक्टर के पास पहुंचते हैं.
हर पुरुष को चाहिए कि वह अपने अंडकोष में आए परिवर्तन पर ध्यान रखे. अंडकोष में दर्द, सूजन, आसपास भारीपन, अजीब सा महसूस होना, लगातार हलका दर्द बना रहना, अचानक अंडकोष के साइज में काफी अंतर महसूस करना, अंडकोष पर गांठ, अंडकोष का धंसना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. पुरुषों में यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.
अंडकोष कैंसर के कारण
-किसी भी व्यक्ति के अंडकोष में कैंसर उत्पन्न हो सकता है. इस के होने की कुछ वजहें ये हैं :
क्रिस्टोरचाइडिज्म : यदि किसी युवक के बचपन से ही अंडकोष शरीर के अंदर धंसे रहें तो उसे अंडकोष कैंसर की समस्या हो सकती है. क्रिप्टोरचाइडिज्म का इलाज बचपन में ही करवा लेना चाहिए ताकि बड़े होने पर उसे खतरनाक समस्या से न जूझना पड़े. सर्जन छोटा सा औपरेशन कर के अंडकोष को बाहर कर देते हैं.
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