रिया और राहुल की नई शादी हुई थी पर राहुल पर काम का प्रेशर ज्यादा होने से वो रिया को वक़्त ही नहीं दे पा रहा था अक्सर उसे शहर से बाहर जाना पड़ता था संयुक्त परिवार होने के कारण रिया को भी ऑफिस और घर मे पूरा सामंजस्य बिठाना पड़ रहा था ऐसे में उनमें अक़्सर झगड़े होने लगे थे और नौबत यहाँ तक आ गयी कि रिया गुस्से में अपने मायके चली गई तब राहुल के एक दोस्त के कहने पर दोनों मैरिज कॉउंसलर के पास गए.

उसने दोनों का पक्ष सुनने के बाद दोनों से एक छोटा दो 3 दिन का ट्रिप प्लान करने की सलाह दी जहाँ सिर्फ वो दोनों हों और वहाँ से लौटकर मिलने को कहा.लौटकर आने तक दोनों का झगड़ा सुलझ गया था अब उन्हें उस कॉउंसलर के पास जाने की जरूरत ही नहीं थी.प्रश्न ये है कि इन तीन चार दिनों में उन दोनों के बीच क्या बदल गया ?

इसका सीधा सा जवाब है कि पति पत्नी का संबंध भले ही आत्मा से जुड़ा बँधन है फिर भी शारीरिक अंतरंगता इस रिश्ते के लिए बेहद महत्वपूर्ण है . जब भी इस रिश्ते में सेक्स की कमी होती है तो कहीं न कहीं अलगाव पनपने लगता है. चूँकि हम भारतीय समाज मे रहते हैं जहाँ पर इस विषय पर चर्चा करना आज भी वर्जित है ऐसे में इस बात को समझना और भी मुश्किल हो जाता है.जबकि ये एक स्वाभाविक ज़रूरत है जिसकी पूर्ति होना आवश्यक है.पति पत्नी के संबंधों की मजबूती के लिए इसके अलावा भी बहुत सी बातें जरूरी हैं पर इस पहलू को नज़रअंदाज़ तो कतई नहीं किया जा सकता है.

हर किसी के जीवन में कभी न कभी ये प्रश्न खड़ा होता है कि क्या शारिरिक संबंधों का शादी के रिश्ते में होना जरूरी है इसके बिना क्या ये रिश्ता खत्म हो जाएगा ? सवाल लाज़मी है जवाब भी उतना ही आसान .जी हाँ ये बहुत ही जरूरी है आपसी तालमेल के लिए.

इसी तरह सुमि और रजत की अरेंज्ड मैरिज हुई थी पर कुछ ही दिनों में दोनों में बात बात पर लड़ाइयाँ होने लगीं बात इतनी बढ़ी कि दोनों में बोलचाल बन्द हो गई .फिर किसी के कहने पर वो दोनों एक कॉउंसलर के पास गए दोनों से बात करके उसने उन्हें जो समस्या बताई उस से दोनों ही सहमत थे .असल में बात ये थी कि नई शादी के कुछ महीनों तो सब नया सा था तो दोनों को अच्छा लगता था फिर धीरे धीरे एक जैसा सब चलने से दोनों को ही सब उबाऊ लगने लगा जिसका सीधा असर उनके आपसी संबंधों पर पड़ने लगा.

रजत की इच्छा रहती कि कभी सुमि भी पहल करे ऐसा न होने पर वो एक मशीन की तरह एक ही ढर्रे पर यंत्रवत सब करता इस से न उसे संतुष्टि होती न ही सुमि को इसके उलट सुमि चाहती कि रजत उसे पहले खूब प्यार करे उसके बाद सेक्स की शुरुवात हो पर संकोच वश कह नही पाती इसके कारण दोनों के रिश्ते में परेशानी खड़ी हो गई .कुल मिलाकर बात ये है कि पति पत्नी के रिश्ते में मानसिक जुड़ाव जितना ज़रूरी है उस से भी ज़्यादा जरूरी है शारीरिक संबंधों का तालमेल वरना रिश्ते की गाड़ी को पटरी से उतरते देर नहीं लगती.इस बात को लेकर हर व्यक्ति का अपना नज़रिया होता है परंतु एक बात तय है कि ये प्यार जताने का एक तरीका है जब दो लोग एक दूसरे पर पूरा भरोसा कायम कर लेते हैं तभी आगे बढ़ते हैं .भारतीय समाज मे शादी के बाद ही शारीरिक संबंधों को जायज़ माना जाता है परंतु लिव इन के नए कॉन्सेप्ट ने इस सोच को काफी हद तक प्रभावित किया है.ऐसे में ये जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि किसी भी रिश्ते की सफलता के लिए शारीरिक संबंधों की भूमिका क्या होती है.

तनाव को दूर करने में कारगर

इस बात को लेकर कई शोध हुए हैं जिनमे ये बताया गया है कि सेक्स से मानसिक तनाव कम होता है.ऐसे में ये तनाव कम करने में मदद करता है और छोटे मोटे आपसी विवाद सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

आपसी सामंजस्य

किसी भी कपल की सेक्सुअल लाइफ ये पता लगता है कि उनकी आपसी साझेदारी और समझ का स्तर क्या है.किसी भी कपल की सेक्स लाइफ उनके बीच विश्वास का प्रतीक होती है.

असुरक्षा की भावना से मुक्ति

सेक्स रिश्ते में एक विश्वास क़ायम करता है जिस से एक दूसरे से दूर रहने पर भी साथ होने का अहसास बना रहता है .एक दूसरे को खो देने की जो असुरक्षा मन मे होती है उस भावना को ये दूर करता है.

प्यार जताने का तरीका

ये प्यार जताने का एक कारगर तरीका होता है. अंतरंग संबंध जितने मजबूत और स्वस्थ्य होते हैं रिश्ता भी उतना ही मजबूत होता है. जिन रिश्तों में सेक्स की कमी होती है अक्सर उन रिश्तों में तनाव होता है या कभी कभी तो अलगाव की स्थितियाँ भी निर्मित हो जाती हैं.

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

एक शोध में ये बात सामने आई है कि रोज एक बार सेक्स करने वाले लोग सेक्स से परहेज रखने वालों से ज़्यादा स्वस्थ्य और लंबा जीवन जीते हैं.सेक्स के दौरान शरीर से जो हार्मोन निकलते हैं वो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.इस दौरान एक मिनट में लगभग पाँच कैलोरी खर्च होती है जिसके कारण ये व्यायाम जैसा लाभ देता है.

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