सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
सैक्स से जुड़े रोग वैवाहिक संबंधों पर सीधा असर डालते हैं. जैसे कोई पार्टनर सैक्स संबंध के लिए मन से तो तैयार होता है, लेकिन उस का शरीर सहयोग करने से इनकार कर देता है. ऐसा अगर बारबार होने लगे तो डिप्रैशन जैसे हालात बन जाते हैं.
मर्दों में सैक्स कमजोरी की कई वजहें होती हैं, जो मानसिक और शारीरिक दोनों हो सकती हैं. पर घबराने की कोई बात नहीं, क्योंकि इन का इलाज सही डाक्टर से हो सकता है. जरूरी यह है कि आप शरमाएं नहीं और माहिर डाक्टर के पास जाएं. वजह, सैक्स रोग ऐसे होते हैं, अगर इन्हें छिपाया गया तो ये अपने साथसाथ पार्टनर की हैल्थ पर भी बुरा असर डाल सकते हैं.
मर्दों में शीघ्रपतन, तनाव, अंग से सफेद पदार्थ गिरना, अंग के आगे दाने होना जैसे सैक्स रोग हो सकते हैं. पर मर्द ज्यादातर उन्हें दबा देते हैं, क्योंकि कई बार उन्हें लगता है कि अगर वे अपने सैक्स रोगों की चर्चा करेंगे, तो यह मर्दाना कमजोरी मानी जाएगी.
इसी डर से वे किसी माहिर डाक्टर की जगह झोलाछाप डाक्टरों या जड़ीबूटी देने वालों के पास चले जाते हैं, जहां उन्हें फायदे की जगह नुकसान हो जाता है. कई बार लोग मैडिकल स्टोर से सीधे ही दवा ले कर खा लेते हैं. इस में भी नुकसान का खतरा होता है.
औरतों के सैक्स रोग
अपने साथी के साथ सैक्स संबंध बनाने के दौरान अगर कम इच्छा, लगातार दर्द का सामना करना पड़ रहा है, तो इस की वजह सैक्स रोग हो सकते हैं. मर्दों के मुकाबले औरतों को ज्यादा सैक्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
औरतों को होने वाली सैक्स समस्याएं किसी भी उम्र में कुछ समय से ले कर उम्रभर तक भी साथ रह सकती हैं. इस वजह से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
औरतों, इस में लड़कियां भी शामिल हैं, को होने वाले सैक्स रोगों की वजहों को 2 भागों में बांटा जा सकता है, पहला शारीरिक और दूसरा मनोवैज्ञानिक.
अगर कोई औरत पहले किसी शारीरिक या यौन शोषण से जूझ चुकी है, तो उसे सैक्स करने के दौरान डर रहता है. इसी वजह से उसे सैक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
अगर किसी औरत को अपना पार्टनर पसंद नहीं आता है, तो उस की वजह से भी वह सैक्स संबंधित समस्याओं का सामना कर सकती है. उसे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने की इच्छा नहीं होती. इस वजह से उसे मानसिक बीमारियां हो सकती हैं. जब कोई डिप्रैशन से जूझता है, तो उस की सैक्स संबंधों में दिलचस्पी खत्म होने लगती है.
रोग की शारीरिक वजह
अगर कोई औरत लगातार एंडोमेट्रियोसिस, डिंब ग्रंथि के सिस्ट, गर्भाशय फाइब्रोएड और अंग से बदबूदार पानी निकलने की बीमारियों से जूझ रही है, तो उसे सैक्स करने के दौरान दर्द होगा. इस से सैक्स रोग बढ़ सकते हैं.
औरतों में सब से ज्यादा हार्मोनल बदलाव होता है, जिस की वजह से उन्हें सैक्स संबंधित रोगों का ज्यादा सामना करना पड़ता है. इस में उन्हें अंग में सूखापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
कम एस्ट्रोजन का लैवल भी सैक्स पर गलत असर डालता है. मीनोपौज, सर्जरी और गर्भावस्था हार्मोन के लैवल पर असर डालती हैं.
इस के साथसाथ मधुमेह, गठिया, मल्टीपल स्कैलेरोसिस और दिल की बीमारी भी सैक्स की ताकत पर बुरा असर डालती हैं. नशीली दवाओं की लत या शराब ज्यादा पीने से भी औरतों को सैक्स रोग हो सकते हैं.
अगर कोई औरत अपने अंग में सूखापन महसूस करती है, तो यह भी सैक्स रोग का लक्षण हो सकता है. अंग का सूखापन स्तनपान या मीनोपौज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाब के चलते हो सकता है, जो कुछ समय के लिए होता है. लेकिन अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो यह जिंदगीभर भी रह सकता है.
न छिपाएं, डाक्टर को बताएं
सैक्स रोगों को छिपाएं नहीं, बल्कि उन के बारे में अपने डाक्टर को बताएं. आजकल मर्दाना और जनाना दोनों ही तरह के सैक्स रोगों के जानकार डाक्टर सही सलाह देने के लिए आसानी से मिल जाते हैं.
झोलाछाप डाक्टरों से बचें, क्योंकि वे आप को सही जानकारी देने के बजाय उलझाने का काम करते हैं. मनोवैज्ञानिक वजहों को किसी माहिर डाक्टर से बात कर के सुलझा सकते हैं. अपने साथी को अपनी परेशानी जरूर बताएं. अगर कोई शारीरिक रोग है, तो डाक्टर दवाएं दे कर उन्हें दूर करते हैं.
सैक्स के दौरान दर्द को कम करने के कई उपाय होते हैं. संतुलित आहार भी जरूर लें, ताकि शरीर अंदर से मजबूत बन सके. इस का भी सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है.