इस की खास वजह है लड़कियों का कमाई का नया रास्ता खुलना. वह है बौडी बिल्डिं ग कर के फिटनैस मौडल और बाउंसर बनने का. इस से उन की सेहत तो अच्छी रहती ही है, साथ ही वे एक रोजगार पा कर अपनी जिंदगी को भी खुशहाल बना रही हैं.

हर शहर में फिटनैस सैंटर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इन में आने वाली लड़कियों की तादाद सब से ज्यादा होती है. लड़कियों के लिए अब तमाम ऐसे कैरियर भी हैं, जिन में उन की बौडी को फिट रखना जरूरी होता है. इन में जिम ट्रेनर से ले कर फिटनैस मौडल और बौडीगार्ड बनने तक के तमाम अवसर बढ़ रहे हैं.

यही वजह है कि अब लड़कियों को लगता है कि फिटनैस उन के कैरियर में बहुत जरूरी है. ऐसे में लड़कियां अब पढ़ाई के साथसाथ अपनी फिटनैस और बौडी शेपिंग पर भी खासा ध्यान दे रही हैं. बौडी बिल्डिंग का नाम सामने आते ही बड़ेबड़े पहलवानों की छवि आंखों के सामने घूमने लगती है, पर अब जमाना बदल गया है. बौडी बिल्डिंग के क्षेत्र में लड़कियां भी आगे आने लगी हैं.

इस की वजह यह है कि अब लड़कियों के लिए बौडी बिल्डिंग के क्षेत्र में भी कैरियर के तमाम औप्शन आ  गए हैं. शहरों में लड़कियों ने जिम जाना शुरू कर दिया है. ऐसे में जिम ट्रेनर के रूप में लड़कियों के लिए जौब के नए रास्ते खुल गए हैं.

लेडीज फिटनैस ट्रेनर के रूप में उन लड़कियों की मांग बढ़ गई है जो बौडी बिल्डिंग की शौकीन हैं. हर छोटेबड़े शहर में ऐसे जिम की तादाद तेजी से बढ़ रही है.

सुंदर और फिट बौडी रखने वाली लड़कियों के लिए नौकरी के तमाम अवसर आ रहे हैं. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि अब समाज ऐसी लड़कियों को बढ़ावा देने लगा है.

समाज में तमाम तरह की सैलिब्रिटी को अपनी सिक्योरिटी के लिए लड़कियों को बौडीगार्ड रखने का चलन बढ़ गया है. महिला नेता, बिजनैस वुमन वगैरह अपनी हिफाजत के लिए बाउंसर रखने लगी हैं. इस के अलावा मौल, सिनेमाघर, बड़े इवैंट के दौरान भी इन लड़कियों की जरूरत महसूस होती है.

प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को पहले इज्जत की नजरों से नहीं देखा जाता था, पर अब ऐसा नहीं है. अब हालात बदल गए हैं. ऐसे में लड़कियों में भी बौडीगार्ड बनने की होड़ लग गई है. लंबी और मजबूत कदकाठी वाली लड़कियों को पहले प्राथमिकता दी जाती है.

महिला बाउंसर की तैनाती उन रिहायशी जगहों पर भी होने लगी है, जहां सिक्योरिटी का ज्यादा इंतजाम करना पड़ता है. शहरों में ऐसी कालोनी, जहां अपराध का डर ज्यादा होता है, बाउंसर रखे जाते हैं. इस की सब से बड़ी वजह पुलिस से लोगों का भरोसा उठना है.

आम लोगों को लगता है कि शिक्षा और सेहत संबंधी जरूरतों के बाद अब सुरक्षा का इंतजाम खुद ही करना चाहिए. तमाम बैंक, ज्वैलरी शोरूम और पैसों

का कारोबार करने वाली कंपनियां भी पैसों के लेनदेन का काम निजी सुरक्षा एंजेसियों के भरोसे कर रही हैं. इस के चलते सुरक्षाकर्मियों को मुहैया कराने वाली एजेंसियों की मांग बढ़ गई है. इन में भी साधारण सिक्योरिटी गार्ड की जगह महिला बाउंसरों का इस्तेमाल बढ़ गया है.

मिलती अच्छी तनख्वाह

22 साल की विमलेश उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रामपुर गांव की रहने वाली है. उस का कद लंबा और छरहरा था. भीड़ में भी वह अलग नजर आती थी. नौकरी की तलाश में वह मुंबई गई और एक सिक्योरिटी कंपनी में पहुंच गई.

सिक्योरिटी कंपनी में लंबी और मजबूत कदकाठी वाली लड़कियों की जरूरत थी. विमलेश इस लिहाज से पूरी तरह फिट थी.

कंपनी ने 2 महीने विमलेश को जिम में भेजा और उस की ट्रेनिंग कराई. इस दौरान उस के खानपान का खासा खयाल भी रखा गया.

2 महीने के अंदर ही विमलेश स्मार्ट और चुस्त नजर आने लगी. काले रंग की वरदी पहन कर सिर पर काले रंग का कपड़ा बांध कर जब विमलेश तैयार होती है तो देखते ही बनता है. विमलेश को 15,000 रुपए महीने की तनख्वाह पर नौकरी मिल गई.

सिक्योरिटी कंपनी की बोली में विमलेश को ‘बाउंसर’ कहा जाता है. विमलेश कहती है, ‘‘आज के समय में मौल्स, होटल, नाइट क्लब में महिला बाउंसरों को तैनात किया जाने लगा है. इस महिला के अलावा हीरोहीरोइन की सुरक्षा के लिए भी महिला बाउंसर का प्रयोग होने लगा है. छोटे शहरों और गांव की लड़कियों को इस में प्राथमिकता मिलती है. इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा पढ़नेलिखने की जरूरत नहीं होती है.’’

विमलेश के बाद उस के गांव की 4 मजबूत कदकाठी वाली लड़कियां भी बाउंसर का काम करने लगी हैं.

बदल गया तरीका

22 साल की रेखा यादव के चेहरे पर एक काले रंग का दाना लटक रहा था. यह देखने में काफी खराब लग रहा था. रेखा को पता चला कि 10,000 रुपए खर्च कर सर्जरी के जरीए वह इस दाने को हटा सकती है.

डाक्टर के पास जा कर रेखा ने उसे हटवा दिया. अब वह पहले से ज्यादा तनख्वाह पर काम कर रही है.

प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टर अनुपम सरन कहते हैं, ‘‘अपनी कमी को दूर कर के लोग पहले से अधिक स्मार्ट बन कर ज्यादा पैसे कमाते हैं. पहले केवल लड़कियां ही प्लास्टिक सर्जरी के जरीए अपनी बौडी को सुंदर दिखाने के लिए आती थीं, पर अब लड़के भी खूब आने लगे हैं.’’

लखनऊ के विनायक कौस्मैटिक लेजर ऐंड सर्जरी सैंटर के डाक्टर अनुपम सरन कहते हैं, ‘‘स्मार्टनैस बढ़ाने के लिए कई लड़कियां अपने स्तन के आकार को सही कराने के लिए हमारे पास आती हैं. इस के अलावा नाक की खूबसूरती बढ़ाने के लिए वे आपरेशन कराने को तैयार हो जाती हैं. चेहरे पर अगर किसी तरह का निशान होता है तो वे उसे भी हटवा लेती हैं.’’

समाजसेवी और वकील शिवा पांडेय कहती हैं, ‘‘पहले सरकारी नौकरियां खूब होती थीं जिन में एक बार भरती होने के बाद नौकरी जाने की चिंता नहीं रहती थी. अब ज्यादातर लड़कियों को प्राइवेट नौकरी करनी होती है. इन में भी मार्केटिंग और दूसरों से मिलनेजुलने या उन के साथ रहने वाली नौकरियां ज्यादा होती हैं. ऐसे में अगर उन की स्मार्टनैस घटती है तो नौकरी में आगे बढ़ने के मौके भी कम हो जाते हैं. यही वजह है कि बहुत सारी प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को जिम में जाने के लिए बढ़ावा देने लगी हैं.’’

सुधार रही हैं डाइट

हैल्थ मैनेजमैंट का कारोबार देख रही सुरभि जैन कहती हैं, ‘‘बाउंसर बनने या बौडी फिटनैस से जुड़ी लड़कियों के लिए सब से ज्यादा जरूरी है कि उन का खानपान सही हो. इस के लिए ऐसे लोगों को एक डाइट चार्ट बना कर उस पर अमल करना चाहिए.

‘‘बौडी बनाने की दवाएं लेने से ज्यादा जरूरी है कि सही खानपान से बौडी बनाएं. सुबह दूध और अंडे लेने चाहिए. इस के डेढ़ घंटे के बाद प्रोटीन शेक वाला दूध लेना चाहिए. केले और दोपहर के भोजन में रोटी, हरी सब्जी, दाल, चिकन, दही लेना ठीक रहेगा. शाम के नाश्ते में उबले आलू और जूस पीना चाहिए. प्रोटीन शेक के बाद रात में 9 बजे खाने में 100 ग्राम पनीर, सब्जी, सलाद और दूध लेना चाहिए.

‘‘फिटनैस के लिए ऐक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक जिम में ट्रेनिंग लेनी बहुत जरूरी होती है.

डाक्टर अनुपम सरन कहते हैं, ‘‘सुंदर दिखने के लिए अब लड़कियां सर्जरी कराने से किसी तरह का डर या संकोच नहीं करती हैं. अनचाहे बालों को हटवाने से ले कर वे आपरेशन के जरीए फैट निकलवाने की कोशिश भी करती हैं.

‘‘चेहरे पर अगर कोई दागधब्बा है तो उसे भी सही कराने की कोशिश करती हैं. इस के साथ ही लड़कियां जिम जाने के बाद खुद को फिट रख रही हैं.’’

कई ब्यूटी कौंटैस्ट जीतने वाली आरती पाल कहती हैं, ‘‘मुझे फिटनैस मौडल बनना है. इस के लिए मैं जम कर मेहनत कर रही हूं. मुझे देख कर कोई कह नहीं सकता है कि मैं शादीशुदा और एक बच्चे की मां हूं.’’

अपनी फिटनैस को ले कर आरती पाल जैसी क्रेजी लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

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