Best Hindi Kahani: रात के 9 बज रहे थे. बाहर हो रही तेज बारिश से बेपरवाह अमर अपने कमरे में चुपचाप बैठा था. दीवार पर उस की पत्नी शोभना और उस का फोटो टंगा था जिस पर अमर ने किसी की न सुनते हुए माला लगा दी थी. उस का कहना था कि शोभना के साथ वह भी मर चुका है.
आज घर तकरीबन खाली था. ज्यादातर सदस्य और अमर का 4 साल का बेटा रोहित किसी रिश्तेदार की शादी में बाहर गए हुए थे और अगले दिन शाम तक लौटने की बात थी. केवल अमर की भाभी मुग्धा अपने 9 महीने के बेटे विक्की के साथ यहीं रुक गई थी. आखिर उसे अपने जेठ अमर का खयाल भी तो रखना था.
मुग्धा अपनी जिम्मेदारियां अच्छी तरह समझती थी. उसे अमर से एक खास लगाव था. अमर का हमेशा अपनों की मदद के लिए खड़े हो जाने वाला रवैया उस के दिल में अमर को खास जगह दिला चुका था.
अमर के यों तनाव में जाने से सब से ज्यादा वही दुखी थी. 2 दिन पहले अमर के पैर में चोट लगी थी और डाक्टर ने रात को नींद की गोली और पेन किलर खाने को दी थी.
गोलियां खाने के बाद उस ने मुग्धा की दी हुई सर्दीखांसी की दवा भी ली और कुछ देर तक शोभना और अपनी तसवीर के सामने भरी आंखें ले कर खड़ा रहा.
उसे शोभना की याद आज कुछ ज्यादा ही सताने लगी थी. जब भी उस की तबीयत बिगड़ती थी तो शोभना सब काम छोड़ कर उस की सेवा में लग जाती थी.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन




