Family Story In Hindi: तेजतर्रार माधवी बचपन से ही बड़ी उत्साही थी. पढ़ाई के अलावा वह दूसरी तमाम गतिविधियों में भी अव्वल रहती थी. उस की बड़ी बहन मनीषा थी. मनीषा उस से 5 साल बड़ी थी, जो पढ़ाई के साथसाथ बरताव में भी बेहद संजीदा थी.
घर का छोटा बच्चा अकसर चंचल स्वभाव का होता है और लापरवाह भी, सो माधवी भी वैसी ही थी. खूब शरारती और झगड़ालू, पर अपने तेज दिमाग और मनीषा की छोटी बहन होने के चलते वह सजा पाने से बची रहती थी. इस वजह से उस के भीतर एक अलग ही तरह का अहंकार जन्म ले कर फलताफूलता जा रहा था.
यह सब माधवी के शुभचिंतक देख तो रहे थे, पर उस को थाम पाने में नाकाम थे. कालेज में दाखिला लेते समय तक वह एक बिंदास और बेखौफ लड़की बन चुकी थी.
माधवी की बड़ी बहन मनीषा मैडिकल की पढ़ाई करने दूसरे शहर चली गई थी और माधवी प्रशासनिक सेवा में जाने की मंशा से एक नामी कालेज की आर्ट्स फैकल्टी में दाखिला ले चुकी थी.
पहले साल से ही कालेज के खुले माहौल ने माधवी को कालेज की राजनीति की तरफ खींच लिया था. कालेज के गुंडा टाइप छात्र भी उस के खतरनाक बरताव का सामना करने से डरते थे.
दूसरे साल में ही माधवी अपने कालेज छात्र संघ की अध्यक्ष बन गई. उस को अपने इस काम में इतना मजा आने लगा कि वह अपने दूसरे मकसद को तो बिलकुल भुला ही बैठी. अहंकार उस के दिमाग में इस कदर जम कर बैठ गया कि जो उसे सही सलाह देने की कोशिश करता, वह उस के गुस्से का सामना करता.
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