Family Story: श्वेता एक दबंग चौधरी परिवार की बेटी थी और उस की शादी भी अच्छे खातेपीते घर में हुई थी. वह नौकरी नहीं करना चाहती थी, पर सास ने उसे नौकरी करने पर जोर दिया. वह कालेज में लैक्चरर हो गई. एक दिन गाड़ी खराब होने की वजह से श्वेता के पति का दोस्त युवराज उसे कालेज छोड़ने गया. फिर यह सिलसिला चल निकला. आगे क्या हुआ?

श्वेता चौधरी बचपन से ही ऐसे घर में पलीबढ़ी थी, जिस की चौधराहट की धमक पूरे इलाके में थी. उस के दादा चौधरी जबर सिंह की धाक भी उस समय पूरे इलाके में थी. वे खुद तो जिला पंचायत के सदस्य थे ही, अपने बेटे यानी श्वेता के पिता चौधरी समर सिंह को भी गांव का प्रधान बनवा रखा था. जिले के डीएम और एसपी के साथ उन की अच्छी उठबैठ थी, इसलिए सरकारी महकमे में भी उन की अच्छी पकड़ थी. वहां उन का काम बेरोकटोक होता था.

श्वेता को भी कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रही थी. उसे जो चीज पसंद आ जाती, उसे ले कर छोड़ती थी. वह बचपन से ही जिद्दी और मनमानी हो गई थी, बिलकुल अपने पापा और दादा की तरह दबंग.

जब श्वेता शादी के लायक हुई, तो उस ने अपने दादा जबर सिंह को चेताया, ‘‘दादाजी, मेरी शादी शहर में करना, मैं गांव में नहीं रहूंगी.’’

‘‘अरी मेरी लाडो, तू चिंता क्यों करती है? हम तेरे लिए गांव में लड़का ढूंढ़ेंगे ही नहीं. शहर के चौधरियों से मेरी खूब जानपहचान है, देखना, जल्दी ही तेरे लिए कोई अच्छा सा लड़का मिल जाएगा. लेकिन, एक परेशानी है...’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...