Hindi Kahani : परदेश में जब कोई अपने देश, अपनी भाषा का मिल जाए, तो कितना अच्छा लगता है. वे दोनों उत्तर भारत से थे. दोनों की नौकरी एक ही कंपनी में थी. वे दोनों अमेरिका में नए थे. जल्दी दोस्ती हो गई. धीरेधीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई.

दोनों शादी करना चाहते थे, पर डरते थे कि उन के घर वाले नहीं मानेंगे. फिर दोनों ने अपने घर वालों को बताया. दोनों के घर वाले नहीं माने. दोनों परिवारों ने एक ही बात कही कि दूसरे धर्म में शादी नहीं कर सकते.

अरशद और आशा ने साफ कह दिया कि उन्हें धर्म से कोई मतलब नहीं, बस इनसान अच्छा होना चाहिए.

अरशद के घर वालों ने रास्ता निकाला, ‘‘ऐसा करो कि उसे मुसलिम बनने के लिए राजी कर लो, फिर तुम्हारा निकाह हो सकता है.’’

अरशद ने सवाल किया, ‘‘वह अपना धर्म माने और मैं अपना, तो इस में हर्ज ही क्या है?’’

अरशद के अब्बा अडिग रहे, ‘‘नहीं, दूसरे धर्म की लड़की से निकाह नहीं हो सकता. यह हराम है.’’

जब आशा को यह बात बताई, तो वह तुरंत तैयार हो गई. प्यार में डूबी आशा हर शर्त पर शादी करने के लिए राजी थी.

आशा ने एक तरकीब बताई, ‘‘मैं मुसलिम बन कर तुम से निकाह कर लेती हूं. मुझे कौन सा मंदिर या मसजिद जाना है?’’

अरशद भी प्यार में अंधा था. वह तो बस किसी तरह शादी करना चाहता था. बस, अमेरिका में ही उन दोनों की कोर्ट मैरिज हो गई. अरशद के कुछ रिश्तेदार भी थे शादी में. मसजिद में निकाह हो गया. आशा अब आयशा हो गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 480₹ 349
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...