News Story In Hindi: आज पूरे 3 दिन हो गए थे. विजय, अनामिका, श्रीधर और संजय मनाली में थे. वे चारों 2 बाइक्स पर दिल्ली से मनाली गए थे. सोचा था कि वहां कुछ दिन गुजार कर वे आगे लेहलद्दाख तक बाइक से ही जाएंगे. पर पिछले 2 दिन से पहाड़ों के मौसम ने करवट बदल ली थी. बर्फबारी शुरू हो गई थी. विजय और अनामिका अपने कमरे में बंद थे.
बढ़ती ठंड ने विजय और अनामिका के प्यार की गरमी बढ़ा दी थी. जब रात के 10 बजे वह अपनी नाइटी में बाथरूम से बाहर निकली, तो बिस्तर पर लेटे विजय की जैसे ‘आह’ निकल गई.
अनामिका गजब ढहा रही थी. झीनी नाइटी में उस के नाजुक अंग दिख रहे थे. विजय से रुका नहीं गया और बोला, ‘‘अब इनविटेशन दूं क्या बिस्तर में आने का... पहले ही इतनी सर्दी है और तुम भी इतनी दूर हो.’’
‘‘सब्र का फल हमेशा मीठा होता है. मु झे पता है कि तुम्हारे मन में क्या तिकड़म चल रही है. पर जनाब, याद है न कल हमें बाइक टूर की जानकारी लेनी है. हम दोनों पहली बार बाइक से इतनी दूर लद्दाख जा रहे हैं. अगर आज रात को हम वक्त पर नहीं सोए, तो कल की थकान सफर पर भारी पड़ सकती है,’’ अनामिका ने बड़ी अदा से कहा.
पर विजय कहां मानने वाला था. बिस्तर पर बैठते ही उस ने अनामिका को दबोच लिया और रजाई के अंदर ले गया. अनामिका ने मना नहीं किया और अंदर ही अपनी नाइटी उतार दी. विजय ने उसे अपनी बांहों में भर लिया.
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