राठीजी को अपने होनहार बेटे आरव पर बड़ा नाज था और होता भी क्यों नहीं, पूरे महल्ले में अकेला आरव ही तो था, जो राष्ट्रीय शतरंज टूर्नामैंट जीत कर आया था और अब शहर की शतरंज एकेडमी में आगे की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहा था.

तकरीबन 6 फुट लंबा आरव बहुत हंसमुख था और सब से अच्छे से मिलता था. हर कोई उस के अच्छे बरताव का कायल हो जाता था. उसे अपनी कामयाबी पर बिलकुल भी घमंड नहीं था.

22 साल के आरव के घर में उस के मांबाप और एक बहन रूही रहते थे. राठीजी के इस परिवार में उस दिन खलबली मच गई, जब एक दिन दोपहर को 25 साल के आसपास की उम्र की एक लड़की ने उन के घर का दरवाजा खटखटाया.

मिसेज राठी ने दरवाजा खोला, तो सामने देखा कि एक लड़की आंसुओं में डूबी हुई खड़ी थी.

एक अनजान लड़की को सामने देख कर मिसेज राठी के चेहरे पर सवालिया निशान का भाव आ गया, जिसे पढ़ कर वह लड़की खुद ही बोलने लगी, ‘‘आंटीजी, मेरा नाम रीमा है. आप मु?ो नहीं जानतीं, पर मैं आप को जानती हूं.’’

मिसेज राठी ने रीमा को अंदर बुला कर बिठाया और पूछा कि वह किस से मिलने और किस काम से आई है?

यह बात सुन कर रीमा तेज आवाज में रोने लगी और आरव का नाम लेते हुए इलजाम लगा दिया कि आरव ने उस का रेप किया है.

‘‘क्या बकवास कर रही हो तुम? होश में तो हो न तुम, अभी दफा हो जाओ यहां से,’’ मिसेज राठी ने चिल्लाते हुए कहा.

मिसेज राठी की तेज आवाज सुन कर मिस्टर राठी और रूही भी वहां आ गए और सम?ाने में लग गए कि आखिर माजरा क्या है. रीमा अब भी रोए जा रही थी.

इतने में आरव भी वहां आ गया और रीमा को देख कर वह भी बुरी तरह से चौंक गया.

आरव को इस तरह से डरा हुआ देख कर उस के पापा ने रीमा से पूछा, ‘‘तुम जोकुछ भी कह रही हो, उस का कोई सुबूत है तुम्हारे पास?’’

इस बात को सुनते ही रीमा ने अपने बैग में से कुछ तसवीरें निकाल कर मिस्टर राठी की तरफ बढ़ा दीं, जिन में आरव और रीमा बेहद करीब दिखाई दे रहे थे. उन तसवीरों को देख कर साफ लग रहा था कि आरव ने रीमा का रेप किया है.

‘‘यह सब क्या है आरव?’’ पापा ने पूछा, तो आरव की जबान से एक शब्द न निकला और वह वहीं जड़ बन कर खड़ा हो गया.

पूरा परिवार खड़ा हुआ तमाशा देख रहा था. मिस्टर राठी ने पूछा कि आखिर यह सब हुआ कैसे, तो रीमा ने सुबकते हुए बताया, ‘‘मैं भी शतरंज की खिलाड़ी हूं और शतरंज में ही अपना कैरियर बनाना चाहती हूं. मैं ने आरव को शतरंज एकेडमी में देखा था और इसीलिए इस से कुछ टिप्स लिया करती थी.

‘‘मैं कभीकभार फोन कर के भी मदद लिया करती थी, आप चाहें तो आरव के मोबाइल में मेरे नंबर से आई हुईं काल्स चैक कर सकते हैं,’’ रीमा बहुत यकीन से सब बातें कह रही थी.

मिस्टर राठी को अपने होनहार बेटे से इस तरह की उम्मीद नहीं थी.

‘‘और वैसे भी मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है. अब मेरे सामने दो ही रास्ते हैं, या तो मैं खुदकुशी कर लूं या फिर पुलिस में जा कर आरव के खिलाफ रेप का केस दर्ज करा दूं,’’ रीमा की आवाज में छिपी हुई धमकी थी, जिसे सुन कर राठी परिवार बदनामी के डर से घबरा गया.

‘‘नहींनहीं, पुलिस में मत जाओ. पुलिस हमारे घर पूछताछ करने आएगी, मीडिया का जमावड़ा होगा, हमारी तो बहुत बदनामी हो जाएगी,’’ आरव के पापा ने कहा.

‘‘तो आप ही बताइए कि मैं क्या करूं?’’ रीमा ने पूछा.

अपने बेटे को पुलिस से बचाने के लिए मिस्टर राठी ने दिमाग लगाया कि पुलिस के पास जाने से रोकने के लिए एक रास्ता है कि इस लड़की को यहीं घर में ही रोक लिया जाए.

चूंकि यह लड़की अनाथ है, इसलिए इसे कोई पूछने वाला तो होगा नहीं और कल को किसी बहाने से

इस का बच्चा गिरवा देंगे और इस को बहलाफुसला कर आरव के खिलाफ सुबूत गायब करा देंगे, तो सारा ?ां?ाट ही खत्म हो जाएगा.

‘‘आरव से गलती हो गई बेटी. वैसे, तुम चाहो तो यहीं हमारे घर में ही रुक जाओ,’’ मिस्टर राठी की इस बात पर भला रीमा को क्या एतराज होता, वह अपना सामान ला कर राठी परिवार में रहने लगी.

कुछ दिनों तक तो रीमा सहमीसहमी सी रही, पर कुछ दिनों के बाद एक रात को वह आरव के कमरे में सोने के लिए पहुंच गई.

आरव ने विरोध भी किया, तो रीमा ने जवाब दिया, ‘‘यह सब तब क्यों नहीं सोचा था, जब तुम मेरा रेप कर रहे थे. किसी भी तरह से तुम ने मेरे शरीर को छुआ है, तो तुम मेरे पति ही हुए, इसलिए मैं आज से तुम्हारे कमरे में ही सोऊंगी.’’

अगली सुबह आरव की उदासी देख कर मां ने वजह पूछी, तो आरव ने रात की बात बता दी. इस बात को जान कर मां गुस्से में आ गईं और आरव के कमरे में जा कर रीमा को डांटने लगीं, तो बदले में रीमा ने मां के पैर छू लिए. उस के इस बरताव से मां थोड़ा सकपका गईं.

‘‘चौंकिए मत मांजी, अब से मैं ही आप की बहू हूं, यह मान लीजिए, क्योंकि मैं मां बनने वाली हूं,’’ रीमा ने डाक्टर की रिपोर्ट मां की तरफ बढ़ाते हुए कहा.

रीमा पेट से थी और इस के बच्चे का बाप कोई और नहीं, बल्कि राठी परिवार का होनहार बेटा आरव था. मिसेज राठी का मन घबराने लगा था.

शाम को जब आरव के पापा घर आए, तो रीमा ने किसी आदर्श बहू की तरह उन के भी पैर छुए और एक प्लेट में रख कर उन की तरफ मिठाई बढ़ा दी. उन के पूछने से पहले ही उन्हें बता दिया कि वे दादा बनने वाले हैं.

‘‘अब आप लोगों को मु?ो अपनी बहू मानना ही पड़ेगा,’’ रीमा ने कहा.

मिस्टर राठी रीमा का यह अजीब बरताव और राठी परिवार की बहू कहलाने की जिद को सम?ा नहीं पा रहे थे, पर अगले दिन ही उन्हें ये बातें सम?ा में आने लगीं, जब रीमा ने उन से 10,000 रुपए मांगे.

‘‘तुम्हे भला इतने सारे पैसों की क्या जरूरत?’’

‘‘कमाल करते हैं… मैं बहू हूं इस घर की, मु?ो भी अपना कमरा सजाना है,’’ रीमा ने इठलाते हुए कहा.

राठी परिवार भले ही रीमा के ब्लैकमेल करने के चलते डरा हुआ जरूर था, पर इतना सम?ा गया था कि दाल में कुछ काला जरूर है.

आरव कई दिन से सदमे की हालत में था और अपने परिवार को कुछ बता नहीं पा रहा था, इसलिए आरव के पापा ने कुछ सोच कर कहा, ‘‘और अगर मैं पैसे देने से मना कर दूं तो?’’

रीमा ने तुरंत ही उन तसवीरों की तरफ इशारा किया. उन तसवीरों और पुलिस का जिक्र आते ही मिस्टर राठी घबरा गए और उन्होंने पैसे दे दिए, पर 2 दिन बाद जब फिर से रीमा ने 5,000 रुपए की डिमांड की, तो उन्होंने पैसा देने से साफ मना कर दिया.

रीमा अपने असली रंग में आ गई और मिस्टर राठी को धमकी देते हुए बोली, ‘‘अगर आप पैसे नहीं दोगे तो मैं पैसों का अपनेआप ही इंतजाम कर लूंगी,’’ और इतना कहते ही उस ने अपने मोबाइल फोन से घर की कीमती चीजों की तसवीरें लेनी शुरू कर दीं और उन्हें औनलाइन बिक्री के लिए इंटरनैट की साइट्स पर अपलोड करने लगी.

रीमा की यह हरकत देख कर मिस्टर और मिसेज राठी घबरा गए और तुरंत ही उन लोगों ने रीमा से अपलोड की गई तसवीरों को डिलीट करने को कहा और उस के सामने हार मान ली. वे उसे पैसे देने को राजी हो गए.

रीमा इतने पर ही नहीं रुकी, बल्कि अब तो रोज रात को वह आरव को अपने कमरे में जबरदस्ती ले जाती और उस से अपने शरीर की मालिश करवाती और अपने नाजुक अंगों को सहलाने और मसलने के लिए कहती. अगर आरव उसे जिस्मानी सुख देने में आनाकानी करता, तो रीमा उसे धमकी देते हुए अपनी बात मनवा लेती.

आरव अपनेआप को बुरी तरह से फंसा हुआ महसूस कर रहा था. एक तरफ तो उस का खेल से ध्यान हट चुका था और वह आने वाली चैंपियनशिप की तैयारी नहीं कर पा रहा था, तो वहीं दूसरी तरफ अपने ही परिवार के सामने उस की किरकिरी और बेइज्जती हो रही थी.

एक दिन की बात है. रीमा बाहर वाले पार्क में हवाखोरी करने के लिए गई हुई थी कि तभी आरव अपने पापा के पास आया और उन के गले से लिपट कर बोला, ‘‘मु?ो बचा लो पापा. मैं ने कुछ नहीं किया है. यह लड़की मु?ो बेवजह बदनाम कर रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो मैं खुदकुशी कर लूंगा.’’

आरव की बात उस के पापा ने बड़े ध्यान से सुनी, फिर बोले, ‘‘पर बेटा, वे तसवीरें तो कुछ और ही बयान कर रही हैं.’’

‘‘पापा, रीमा की नजर बचा कर रूही रीमा की प्रेग्नैंसी की रिपोर्ट ले कर उसी क्लिनिक में गई थी, जहां का नाम उस रिपोर्ट पर लिखा हुआ था. रिपोर्ट देखने के बाद डाक्टर ने रूही को बताया कि यह रिपोर्ट नकली है.’’

रिपोर्ट नकली है, इस बात ने आरव को थोड़ी हिम्मत दी और वह ठंडे दिमाग से गुजरे हुए समय की कडि़यां जोड़ने में लग गया. वह तकरीबन 3 महीने पहले की एक बात को याद करने लगा. उस के फोन पर अकसर एक नंबर से किसी लड़की का फोन आता था. वह लड़की शतरंज के बारे में जिज्ञासा दिखाती थी और खेल के टिप्स पूछा करती थी.

एक खिलाड़ी होने के नाते आरव उसे शतरंज की बारीकियां बताता रहता था और एक दिन जब उस लड़की ने आरव से मिलने की इच्छा जाहिर की, तो आरव को इस में कोई बुराई नजर नहीं आई और वह शतरंज एकेडमी के बाहर उस लड़की से मिलने चला गया.

वह लड़की और कोई नहीं, बल्कि रीमा ही थी. दोनों ने जूस कौर्नर पर खड़े हो कर जूस पिया, फिर आरव से विदा ले कर रीमा अपनी स्कूटी की तरफ चल पड़ी, पर अचानक वह चक्कर खा कर गिर गई. उसे गिरा देख कर आरव उसे पास के एक अस्पताल में ले गया और उस के बाद रीमा ने उसे घर तक छोड़ कर आने को कहा.

रीमा को उस के घर पहुंचाने के बाद जब आरव वापस जाने के लिए मुड़ा, तब रीमा ने उसे चाय पी कर जाने को कहा.

आरव चाय पीते ही बेहोश हो गया और फिर शायद यही वह समय रहा होगा, जब रीमा ने उस के शरीर के साथ मनचाही हालत में तसवीरें अपने मोबाइल फोन से खींच ली होंगी और उस के कुछ दिन बाद ही रीमा बनेबनाए प्लान के साथ राठी परिवार को ब्लैकमेल कर रही थी.

‘‘पर बेटे, यह सब तुम पहले भी तो बता सकते थे.’’

‘‘हां पापा, बता तो सकता था, पर मैं खुद वे तसवीरें देख कर सदमे जैसी हालत में था, पर जब रूही ने रिपोर्ट के नकली होने का पता लगा लिया, तब मेरे अंदर हिम्मत आ गई और मैं सारी बातें आप से कह पा रहा हूं.’’

सारी बातें सुनने के बाद आरव के पिता ने उसे हिम्मत बंधाते हुए कहा, ‘‘कोई बात नहीं बेटा, पहली चोट तो रीमा ने की है, पर आखिरी चोट हम करेंगे,’’ इस के बाद पूरा राठी परिवार योजना बनाने में लग गया.

उस दिन जब रीमा घर लौटी तो पूरा राठी परिवार उस से सामान्य बरताव करता नजर आया, जिसे देख कर रीमा सम?ा गई कि ये सारे लोग उस की गीदड़भभकी में आ गए हैं और अब उसे उस की मनमरजी चलाने से कोई नहीं रोक सकता.

रात में रीमा औंधी हो कर बिस्तर पर लेट गई और आरव का इंतजार करने लगी कि वह आए और उस के जिस्म की मालिश करे.

थोड़ी देर में आरव अपने हाथ में एक महंगी वाली शराब की पूरी बोतल ले कर आया और रीमा के सामने रख कर उस के बदन को दबाने लगा.

रीमा की नजर शराब पर पड़ी, तो उस के मुंह में पानी आ गया और उस ने आरव से 2-4 पैग उसे भी पिलाने को कहा.

आरव को तो मानो इसी बात का इंतजार था. उस ने एक के बाद एक कई पैग रीमा को पिलाए और जब रीमा भरपूर नशे में हो गई, तो आरव ने उस की नंगी पीठ पर मसाज देना शुरू किया और पूछा, ‘‘अच्छा, यह तो बताओ कि जब मैं ने तुम्हारे शरीर को हाथ तक नहीं लगाया, तब तुम पेट से कैसे हो गई और वे तसवीरें तुम्हारे पास कहां से आ गईं?’’

रीमा पर नशा हावी हो रहा था. वह एक के बाद एक कई राज बताती चली गई कि वह छोटे कसबे से शहर में  मौडल बनने आई थी.

?1-2 छोटीमोटी कंपनियों के लिए काम करने का मौका मिला और वह मौडल बन भी गई, पर मौडलिंग में बढ़ते कंपीटिशन में वह टिक नहीं पाई और उस का रोजीरोटी कमाना मुश्किल हो रहा था, इसलिए उस ने भोलेभाले लड़कों को इसी तरह अपने जाल में फंसा कर, उन के घर में घुस कर तसवीरें और नकली प्रेग्नैंसी रिपोर्ट दिखा कर ब्लैकमेल करना शुरू किया.

अपनी इज्जत बचाने के लिए कोई भी परिवार पुलिस में नहीं जाता था और रीमा की कमाई बदस्तूर चलती रहती थी.

रीमा तो नींद के आगोश में चली गई, पर आरव को तो खुशी के मारे नींद ही नहीं आई, क्योंकि उस ने रीमा को अपने जुर्मों को खुद अपनी जबान से बताते हुए आरव ने उस की वीडियो अपने मोबाइल फोन में रिकौर्ड कर ली थी और अब वह इसे ले कर पुलिस में जाने वाला था.

सुबह जब रीमा जागी, तो रोज की तरह उस ने बिस्तर पर ही चाय मांगी.

‘‘अब तुम जेल में ही जा कर चाय पीना,’’ आरव ने इतना कह कर रात वाली वीडियो चला दी, जिसे देख कर रीमा के होश उड़ गए. वह माफी मांगने लगी, पर तब तक बहुत देर हो चुकी

थी. मिस्टर राठी पुलिस के साथ आ चुके थे और पुलिस ने सब की बात सुनने और सम?ाने के बाद रीमा को गिरफ्तार कर लिया.

राठी परिवार ने रीमा की चाल के खिलाफ अगर आवाज नहीं उठाई होती, तो न जाने कब तक वे रीमा को ढोते रहते और उस की नाजायज मांगें भी मानते रहते.

आरव अब नौर्मल हो चुका था और उस ने अपना पूरा ध्यान शतरंज चैंपियनशिप पर लगा रखा था. वह मन ही मन ठान चुका था कि शतरंज खेलेगा जरूर, पर आगे से किसी धोखेबाज की शतरंज की बिसात में नहीं फंसेगा.

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