दीपक को अचानक एक दिन एक ऐसा नौजवान मिला, जो उस की जानपहचान का था और शहर की एक नामी कंपनी में इंजीनियर था.  दीपक ने उस से पूछा, ‘‘बड़े परेशान लगते हो… कोई दिक्कत तो नहीं है?’’पर उस नौजवान ने कुछ नहीं बताया. तभी उस का मोबाइल फोन बजा और वह बात करने में लग गया.दीपक को उस की बात से यह एहसास हुआ कि कोई उस से किसी बैंक अकाउंट में पैसे जमा कराने को कह रहा था.दीपक ने उस से पूछा,

‘‘क्या बात हो रही थी? लगता है कि कुछ पैसे जमा कराने की बात है. संभल कर रहना, इस शहर में ठगों की कोई कमी नहीं है.’’इस पर वह बोला,

‘‘अंकलजी, मैं तो बेवकूफ बन गया.’’‘‘कैसे?’’ दीपक ने पूछा.‘‘मैं ने अखबारों में फ्रैंडशिप क्लबों के इश्तिहार देखे थे. उन में लड़कियों के साथ मौजमस्ती करने के साथ हजारों रुपए रोज कमाने की बातें लिखी थीं. मैं ने उन में से एक का नंबर मिला दिया.’’‘‘फिर क्या हुआ?’’ दीपक भी इस बारे में जानने को बेचैन था.

उस ने बताया, ‘‘अंकलजी, फोन की घंटी बजते ही उधर से किसी लड़की की सुरीली आवाज आई कि क्या आप क्लब के मैंबर बनना चाहते हैं?‘‘मैं ने कहा कि बनना तो चाहता हूं, पर इस के लिए क्या करना होगा?’’‘‘उस ने बताया कि पहले आप को हमारे बैंक अकाउंट में एक हजार रुपए जमा कराने होंगे, तब आप का मैंबर के रूप में रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

‘‘इस के बाद आप को आप की पसंद के मुताबिक कालेज गर्ल्स, मौडल, खूबसूरत औरतों के मोबाइल नंबर दे दिए जाएंगे. वे भी हमारे क्लब की मैंबर हैं. फिर आप जब चाहें, उन से बात कर लें.‘‘इतना कह कर उस ने पूछा कि क्या आप पैसे जमा करा रहे हैं?

‘‘मैं ने कहा कि थोड़ा सोच लेता हूं. वैसे, मेरी सम?ा में यह बात नहीं आई थी कि मौजमस्ती करने के लिए लड़कियां जहां पैसे लेती हैं, वहां हमें ही हजारों रुपयों की आमदनी कैसे होगी?‘‘इस पर उस लड़की ने कहा कि देखिए, इस शहर में ऐसी न जाने कितनी लड़कियां और औरतें हैं, जिन की सैक्स की इच्छा पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि उन के पति दिनरात कारोबार में फंसे रहते हैं. इन औरतों के पास पैसों की कोई कमी नहीं होती, इसलिए अगर कोई उन्हें खुश कर देता है,

तो उसे वे पैसे क्यों न देंगी?‘‘मैं ने भी सोचा कि मस्ती की मस्ती और पैसे के पैसे. क्यों न मजे लूं और उसी वक्त अकाउंट नंबर मांग कर उस में एक हजार रुपए जमा करा दिए.‘‘2 घंटे बाद ही मेरे मोबाइल फोन पर 4 मोबाइल नंबर मैसेज कर दिए गए. कुछ देर बाद मैं ने एक नंबर पर फोन मिलाया. उधर घंटी बजने लगी, इधर मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी.वहां से एक मर्द की आवाज आई,

तो मैं ने जल्दी से फोन काट दिया. दूसरे नंबर पर फोन मिलाया, तो एक औरत की आवाज आई, ‘हैलो…’ ‘‘मैं ने कहा, ‘जी, यह नंबर लवली फ्रैंडशिप क्लब ने मु?ो दिया है, दोस्ती और मौजमस्ती…’‘‘वह औरत मुझे गालियां देने लगी. कहने लगी, ‘मैं किसी फ्रैंडशिप क्लब को नहीं जानती.’‘‘उस की गालियां सुन कर मेरी हिम्मत अगले 2 नंबरों पर फोन मिलाने की नहीं हुई.‘‘जब दिमाग कुछ शांत हुआ, तो मैं फ्रैंडशिप क्लब के नंबरों पर फोन मिलाने लगा.

2 नंबर तो बंद मिले. एक लगातार बिजी जा रहा था.‘‘शाम को क्लब का नंबर मिला, तो उसी लड़की ने फोन उठाया. मैं ने उसे सारी दास्तान सुनाई. उस ने ‘सौरी’ कहते हुए बताया कि दरअसल, क्लर्क की गलती से आप को इस क्लब के पुराने मैंबरों के नंबर चले गए हैं. हम खुद आप को फोन करने वाले थे, पर कुछ जरूरी काम आ गया. हम क्या जानते थे कि आप इतने बेकरार हैं.‘‘फिर उस लड़की ने कहा कि आप आखिरी नंबर ट्राई कर के देखिए. आप का काम बन जाएगा.

‘‘यह कह कर उस ने फोन काट दिया.‘‘मैं ने दूसरे दिन वह आखिरी नंबर मिलाया. इस बार जवाब में एक प्यारी सी ‘हैलो’ सुनने को मिली. ‘‘मैं ने क्लब की बात की. उस लड़की ने कहा कि उसे सब पता है. क्लब के मैंबर ही उसे फोन कर सकते हैं. फिर उस ने कहा कि मिलने की जगह और समय बताओ. मैं ने उसे शाम के 6 बजे इंडिया गेट पर मिलने का समय दे दिया.

उस ने कहा कि वह जींस और लाल टीशर्ट में होगी.‘‘उसी दिन मु?ो तनख्वाह मिली थी. अपनी ?ि?ाक दूर करने के लिए मैं ने 3-4 पैग शराब के गटक लिए और ठीक पौने 6 बजे मैं इंडिया गेट पहुंच गया.‘‘कुछ ही देर में जींस और लाल टीशर्ट पहने एक लड़की आटोरिकशे से उतरते हुए दिखाई पड़ी. मैं ने उस का नंबर मिलाया, तो उस के मोबाइल फोन की घंटी बजने लगी.

‘‘मैं लपक कर उस के पास गया. उस ने मु?ो देख कर कहा कि तो आप ही हैं. फिर मेरी कमर पर हाथ मारते हुए कहा कि चलो, कहीं बैठते हैं, वहीं मौजमस्ती की बातें होंगी.‘‘उस ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मु?ो खींचते हुए घास के मैदान के एक छोर पर ले गई.

वहां हम बैठ गए.‘‘उस ने कहा कि खुद तो शराब पी रखी है, हमें भी तो कुछ पिलाओ. उस के बिना मस्ती कैसे आएगी?‘‘हम ने एक आटोरिकशा लिया और कनाट प्लेस की तरफ चले गए. ‘‘रास्ते में ही उस लड़की ने मु?ा से लिपटनाचिपकना शुरू कर दिया. उस ने मेरी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया. मैं काफी जोश में आ गया था.‘‘आटोरिकशा के पैसे उस लड़की ने ही दिए.

मैं ने कहा भी कि मैं पैसे दे दूं, तो उस ने कहा कि सारा खर्च हमारा होगा और ऊपर से आप को 10 हजार रुपए तो मिलेंगे ही.‘‘मेरे अलावा आप को एक और लड़की को भी संतुष्ट करना होगा. कुछ खानेपीने के बाद हम होटल के कमरे में चलेंगे. पहले से एयरकंडीशंड कमरा बुक करा रखा है. हम जो कहते हैं, वह करते भी हैं.‘‘बार में बैठ जाने के बाद उस लड़की ने ड्रिंक और स्नैक्स के और्डर दे दिए. मैं ने तो पहले से पी रखी थी, इसलिए सिर्फ 2 पैग लिए, पर वह लड़की देखते ही देखते 4 पैग गटक गई. साथ में आधी दर्जन सिगरेट उस ने फूंक डालीं. बार का बिल भी उस ने ही चुकाया.

‘‘बार से निकलने पर उस ने मु?ो 5 सौ का नोट पकड़ाते हुए वोदका का एक अद्धा लाने को कहा.‘‘मैं ने कहा, ‘पहले ही काफी ले चुके हैं. अब क्या जरूरत है?’‘‘इस पर उस ने कहा, ‘जरूरत है, रात को लंबा खींचने के लिए. और हां, वह भी तो आ रही है. वह अपने साथ एकाध अद्धापव्वा लेती आएगी, पर पहले से इंतजाम रखने में क्या हर्ज है?’‘‘मैं जा कर वोदका का अद्धा ले आया. फिर उस ने एक आटोरिकशा कर के उसे एक होटल में चलने को कहा. ‘‘10 मिनट के भीतर हम होटल की लौबी में थे.

होटल शानदार था. उस लड़की को देखते ही रिसैप्शन पर बैठी औरत ने उसे चाबी पकड़ा दी और कहा, ‘मैडमजी, आप का कमरा नंबर 25 है… इसी फ्लोर पर.’‘‘लड़की ने उस से चाबी ली और चल पड़ी. मैं उस लड़की के पीछेपीछे मानो किसी डोर से बंधा चला जा रहा था. कमरे में घुसते ही लगा, मानो स्वर्ग में आ गया हूं. शानदार डबल बैड, काफी बड़ा सोफा, मेज और कुरसियां. कमरा एयरकंडीशंड था.‘‘अंदर जाते ही लड़की सोफे पर पसर गई. मैं भी उस के बगल में जा बैठा. उस ने मु?ो दबोचते हुए किस कर लिया. फिर उस ने फोन उठाया और आमलेट, नमकीन, काजू, सोड़ा, बर्फ और कोल्ड ड्रिंक की बड़ी बोतल लाने का और्डर दिया.

‘‘10 मिनट के भीतर बैरा सारा सामान ले आया और मेज पर सजा दिया.‘‘लड़की छोटेछोटे पैग बनाने लगी. हम पी रहे थे और वह मेरे बदन से खेल रही थी. इसी बीच धीरेधीरे उस ने कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे. मैं यह सब देख कर हैरान था.‘‘उस ने मु?ा से कहा, ‘तुम कपड़े क्यों नहीं उतार रहे?

खेल का एक दौर तो चले. फिर मेरी सहेली भी आती होगी.’‘‘इतना कह कर उस ने वोदका का एक बड़ा पैग गटका और मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर उस ने मेरे नाजुक अंगों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. मैं अपना जोश संभाल न सका. इस पर वह लड़की खिलखिला कर हंस पड़ी.

‘‘उस ने कहा, ‘कोई बात नहीं, शुरूशुरू में ऐसा होता है. हम तुम्हें तैयार कर देंगे. ‘‘‘अच्छा, यह बताओ कि तुम ने पहले किसी लड़की से सैक्स किया है या नहीं?’‘‘मैं ने कहा, ‘नहीं जी, कभी नहीं.’‘‘वह लड़की बोली, ‘तभी तो… चलो, कोई बात नहीं…’ ‘‘तभी दरवाजे की घंटी बजी. वह लड़की बोली, ‘लो, वह भी आ गई…’‘‘एक मोटीताजी लड़की मिनी स्कर्ट और टौप में थी.

मैं ने जल्दी से बैड की चादर से अपनेआप को छिपाने की कोशिश की, पर उस लड़की ने वह चादर हटा दी और बोली, ‘इस तरह शरमाओगे, तो कैसे काम चलेगा?’‘‘उस लड़की ने आते ही मु?ो बांहों में भरते हुए कहा, ‘चूजा तो अच्छा दिखता है. देखें, कमाल क्या दिखाता है?’‘‘उस ने भी अपने बैग से एक अद्धा निकाला और उस लड़की से कहा, ‘जल्दी खाना मंगवाओ. खाने के बाद ही खेल शुरू होगा.’‘‘उस लड़की ने कमरे में लगे फोन से खाने का और्डर दिया.‘‘15 मिनट के बाद खाना आ गया.

उन दोनों ने तो जम कर खाया, पर ज्यादा नशे में होने के चलते मैं ज्यादा नहीं खा सका.‘‘इस के बाद उस लड़की ने अपने सारे कपड़े उतार डाले और मु?ो पलंग पर धकेल दिया. उस ने मु?ो चूमनाचाटना और दांतों से काटना शुरू कर दिया.‘‘मैं बिलबिला उठा. उस ने अभी असली खेल शुरू ही किया था कि मैं फिर अपना जोश संभाल नहीं पाया. इस पर उस ने मु?ो पलंग से धक्का दे दिया और कपड़े पहनने लगी.‘‘उस ने कहा, ‘यह चूजा सिर्फ दिखने में ठीक है, पर किसी काम का नहीं.

’‘‘मैं बहुत शर्मिंदा हो रहा था. पहली वाली लड़की ने कहा, ‘यह एकदम कोरा है. मैं कोशिश करती हूं.’‘‘अब वह उछल कर पलंग पर आई और मु?ो दबोच लिया. फिर वही चूमनाचाटना और दांतों से काटना, पर उस की लाख कोशिशों के बावजूद मैं जोश में नहीं आ पा रहा था.

आखिर में निराश हो कर उस ने मु?ो एक जोरदार लात मारी और अपने कपड़े पहनने लगी.‘‘तब उस मोटी लड़की ने कहा, ‘इस चूजे को हम छोड़ेंगे नहीं. मैं कालू पठान को फोन लगाती हूं. वही इस का इलाज करेगा.’‘‘यह सुन कर मैं डर गया. उधर वह मोटी लड़की कालू पठान को फोन लगा कर बता रही थी, ‘अरे, एक चूजा जाल में फंसा था, पर किसी काम का नहीं है. तेरे लिए अच्छा रहेगा. जल्दी आ जा.’‘‘पता नहीं, उधर से क्या आवाज आई, पर आधे घंटे बाद दरवाजे की घंटी बजी. मोटी लड़की ने आगे बढ़ कर दरवाजा खोला, तो एक लंबाचौड़ा आदमी अंदर आया.

‘‘अंदर आते ही वह सोफे पर पसर गया और पूछा, ‘कुछ पीने को है?’‘‘अभी वोदका का एक अद्धा वैसे ही पड़ा था. उस ने 2-3 पैग लगाए. दोनों लड़कियों को बांहों में भर कर किस किया और मेरे पास आ कर मेरे गालों को सहलाते हुए बोला, ‘सच, तू तो बड़ा मजेदार चूजा है.’‘‘यह सुन कर मैं और ज्यादा डर गया कि कहीं यह मु?ा से सैक्स न करे. मैं चुपचाप पड़ा था. मेरे शरीर ने हरकत करनी बंद कर दी थी, इधर दोनों अधनंगी लड़कियां ठहाके लगा रही थीं. पठान ने मोटी लड़की से कहा,

‘फिल्म तो तू बनाएगी न? चल तैयार हो जा.’‘‘यह सुनते ही उस लड़की ने बैग से कैमरा निकाल लिया. फिर उस ने पहली वाली लड़की से कहा, ‘देख, यह पूरी तरह कोरा है. काफी चीखपुकार मचाएगा. मेरे बैग में रस्सी होगी. निकाल ला और अच्छी तरह से बांध दे.’‘‘अब मेरी सम?ा में आ गया कि मेरे साथ क्या होने जा रहा था. पठान ने मेरे गालों को काटते हुए कहा, ‘चल, अच्छे बच्चे की तरह पेट के बल लेट जा.’‘‘मैं ने जब कोई हरकत नहीं की, तो उस ने जबरदस्ती मु?ो पलट दिया. लड़कियां खिलखिला कर हंस रही थीं. पहली वाली ने मेरे पैरों को चौड़ा कर पलंग के किनारे वाले हुकों से बांध दिया.

उसी तरह हाथों को भी.‘‘पठान ने कहा, ‘देख, यह चिल्लाएगा. टैलीविजन को तेज आवाज में चला दे.’ ‘‘इस के बाद वह मु?ा पर लद गया. मु?ा पर बेहोशी छा गई. पता नहीं, पठान कब तक मु?ा पर लदा रहा.‘‘सुबह जब आंख खुली, तो दर्द से मैं बेहाल था.‘‘मैं ने समय देखने के लिए हाथ सीधा करना चाहा तो पाया कि घड़ी नहीं थी. गले में सोने की एक चेन थी, वह भी गायब. मोबाइल फोन की तरफ हाथ बढ़ाया, तो एक पुराना सस्ता सा मोबाइल दिखाई पड़ा.‘‘मेरा महंगा मोबाइल गायब हो चुका था.

पैंट की जेब में हाथ डाला, तो पर्स गायब. उस में 6-7 हजार रुपए थे.‘‘मैं बुरी तरह लुट गया था. यह तो कहिए कि मेरे फोन से सिम निकाल कर उन्होंने इस पुराने मोबाइल फोन में लगा दी थी.‘‘इतनी मेहरबानी उन्होंने क्यों की थी, इस का पता मु?ो बाद में चला. ‘‘सब से पहले तो मैं ने दफ्तर में फोन मिला कर सूचना दे दी कि अचानक तेज बुखार हो जाने के कारण आज नहीं आ पाऊंगा.

‘‘तभी होटल का बैरा आया. उस ने पूछा कि रात कैसी रही साहब? अभी कुछ नाश्ता और चाय लेंगे?‘‘मैं ने कहा कि चायनाश्ता ले लूंगा. ‘‘15 मिनट के भीतर चायनाश्ता ले कर आ गया. इस बीच मैं नहाधो कर कपड़े पहन कर तैयार हो गया था.‘‘मैं नाश्ता करने लगा, पर बैरा वहीं खड़ा रहा. उस ने पूछा कि साहब, आज रहोगे? मेरे नहीं कहने पर उस ने कहा कि फिर बिल ले आता हूं.

‘‘मैं ने कहा, ‘बिल? क्या उन लोगों ने बिल नहीं दिया?’‘‘जवाब में बेरे ने कहा कि नहीं, उन्होंने बिल नहीं दिया. उन्होंने तो कहा कि बिल आप देंगे. 8 हजार रुपए का बिल है.‘‘यह सुन कर मेरा दिमाग चकरा गया. इधर बैरे की निगाह वोदका की बोतल पर लगी थी. उस में काफी शराब बची हुई थी. मैं ने उस से कहा कि पीना है, तो पी ले. वह जल्दीजल्दी वोदका गटकने लग गया.

‘‘मैं सोचने लगा कि 8 हजार रुपए कहां से लाऊंगा. ‘‘इधर बैरे ने देखते ही देखते बोतल साफ कर दी. फिर उसी ने कहा कि साहब, आप लुट चुके हो. यहां रोजाना यही खेल होता है. इतने पैसे कहां से लाओगे? पर शराब पिला कर आप ने मु?ो खुश कर दिया. मैं यहां से निकलने में आप की मदद करूंगा.‘‘मैं ने पूछा, ‘वह कैसे?’‘‘उस ने कहा कि आप के पास कोई खास सामान तो है नहीं,

बस एक थैला है. उस थैले में भी कुछ खास नहीं होगा.‘‘मैं ने कहा, ‘कुछ नहीं, एक जोड़ी कपड़े हैं.’बैरे ने कहा कि आप बाहर निकलो और मैनेजर से कहो कि मु?ो आज रुकना है. वह कुछ एडवांस जमा कराने को कहेगा. आप कहना कि अभी एटीएम से पैसे निकलवा कर जमा कराता हूं.

मेरा सामान कमरे में है. इस तरह आप निकल भागना.‘‘मु?ो बैरे की सलाह अच्छी लगी. मैं ने वैसा ही किया. होटल से निकलते ही मु?ो जो बस दिखाई पड़ी, उसी को पकड़ लिया और अपने कमरे पर पहुंचा.‘‘लेकिन असली मुसीबत तो अब शुरू हुई है. फ्रैंडशिप क्लब वालों के दिन में 2-4 फोन आ जाते हैं कि 50 हजार रुपए खाते में जमा कराओ, नहीं तो तेरे साथ जो कुछ हुआ है, उस की फिल्म वे इंटरनैट पर डाल देंगे. ‘‘वे कहते हैं कि इंटरनैट पर तेरी फिल्म लाख रुपए में बिकेगी, हम तो बस 50 हजार रुपए ही मांग रहे हैं…‘‘अंकलजी, अब आप ही बताएं कि मैं अब क्या करूं?

’’दीपक ने उस से पूछा, ‘‘क्या तू ने इस की शिकायत पुलिस में की?’’उस ने बताया, ‘‘हां, मैं थाने गया था. पुलिस को सारी बातें बताईं, पर उन्होंने मु?ो ही धमकाना शुरू कर दिया. ‘‘अंकलजी, मैं तो बरबाद हो गया. मेरे क्रेडिट कार्ड को भी उन्होंने खंगाल डाला. 40-45 हजार रुपए थे. एक रुपया भी नहीं छोड़ा.’’दीपक ने कहा, ‘‘बेटा, गलती तो तू ने की है. इतना पढ़नेलिखने और इंजीनियर जैसी पोस्ट पर लगने के बाद भी तुम इन फर्जी फ्रैंडशिप क्लबों की असलियत को नहीं सम?ा सके?

‘‘खैर, जो हुआ सो हुआ. मु?ो तुम से पूरी हमदर्दी है. अब तू एक सलाह मान. सब से पहले यह कर कि इस फोन का सिम निकाल कर फेंक दे और दूसरा नया सिम ले ले. इस से उन के मोबाइल फोन आने बंद हो जाएंगे.‘‘बाकी एक शिकायत इलाके के डीसीपी के नाम लिख कर दे दे.

ऐसी फिल्म इंटरनैट कंपनियों को वे बेच सकते हैं, इस में कोई दोराय नहीं. पर अगर तू उन्हें 50 हजार रुपए दे भी देता है, तो इस की क्या गारंटी है कि वे फिल्म लौटा देंगे या तोड़ डालेंगे?’’उस नौजवान ने फोन से तुरंत सिम निकाल कर पर्स में रख लिया और अपने कमरे पर जा कर दस्तावेज और फोटो ले कर मोबाइल स्टोर पर चला गया.इस के बाद उस ने कसम खाई कि वह कभी इन चक्करों में नहीं पड़ेगा.

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