Family Story In Hindi: अकसर शाम को मैं ने उसे गांव के अंदर से बाहर शौच को जाते समय देखा था. सिंदूर की बड़ी सी सुर्ख बिंदी लगाए हुए. उस के नीचे हमेशा चंदन का टीका लगा रहता था. यही कोई होगी साढ़े 5 फुट लंबी. गांव में औरतें इतनी लंबी कम ही होती हैं.
वैसे तो उसे बहुत खूबसूरत नहीं कहा जा सकता, पर गोरी होने के चलते मोटे नैननक्श भी ज्यादा बुरे नहीं लगते थे. बड़ी सी सिंदूर वाली बिंदी उस पर खूब फबती है. शायद इसलिए ही उस की ओर ध्यान खिंच जाता है सब का खासकर मर्द तो एक बार पलट कर देखता जरूर था, फिर चाहे कोई जवान हो या बुजुर्ग. इतनी खूबसूरत न होने पर भी कशिश तो थी, ऊपर से हंस कर बोल जाती तो थोड़ी खुरदरी जबान भी फूल ही बिखेरती आदमी जात पर.
एक बात और यह कि अपनेआप को ज्यादा खूबसूरत दिखाने के लिए वह शायद काली प्रिंट की साड़ियां ज्यादा ही पहनती है, पर वे उस पर जमती भी हैं. अरे, एक खासीयत और रह गई न उस की बाकी, वह अपने पैर बहुत ही साफसुथरे रखती है.
गांव में अकसर औरतों के पैर गंदे और एड़ियां फटी ही देखी हैं, पर लगता है कि वह दिन में कई बार रगड़ती होगी, इसलिए ही तो कांच सी चमकदार हुई रहती हैं उस की एड़ियां ऊपर से, जिन में चांदी की बड़ीबड़ी पाजेब पहने रहती है. झनकझनक चलती तो दूर से पहचान हो जाती और ऊपर से इठलाइठला कर चलना तो लगता कहर ही है.
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