जैसा कि देश जानता है 2024 का लोकसभा समर अब ज्यादा दूर नहीं है, ऐसे में प्रधानमंत्री दामोदरदास मोदी हर दिशा में अलर्ट मोड पर आ गए हैं. जिसमें सबसे बड़ा उदाहरण है देश के बेरोजगारों को नौकरी देने की राग दरबारी धुन छेड़ने का . जैसा कि हम जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का सबसे अहम वादा था कि प्रतिवर्ष 1 करोड़ लोगों को नौकरी दी जाएगी. मगर यह वादा पूरा नहीं हुआ और विपक्ष और बेरोजगार बारंबार सवाल खड़ा करते रहे है.
अब जब चुनाव सर पर है तो मोदी सरकार की आंख खुली है इस दिशा में आज 22 अक्टूबर से आगाज करने जा रहे हैं. मगर इसके साथ ही अनेक सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब नरेंद्र मोदी के पास नहीं है उनकी सरकार मौन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 22 अक्टूबर 2022 से 10 लाख कर्मियों के लिए नियुक्ति अभियान की शुरुआत कर चुके हैं और कहा जा रहा है कि अगले 18 महीने में ये नौकरियां दी जाएंगी. इस अभियान को ‘रोजगार मेला’ नाम दिया गया है। पहले दिन प्रधानमंत्री 75,000 नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. इन युवाओं को 38 मंत्रालयों और विभागों के लिए चुना गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह सूचना देश को दी है. और जैसा कि नरेंद्र मोदी की फितरत है आप हर योजना को एक इवेंट बना देते हैं ऐसे में भला बेरोजगारों को जब नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया जा रहा हो तो हमारे प्रधानमंत्री भला मौन कैसे रहेंगे इसलिए व्यस्तता के बावजूद प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से युवाओं को संबोधित करेंगे. मगर यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि ही नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि प्रतिवर्ष एक करोड़ नौकरियों का वादा है,वह कब पूरा होगा .

धन्य है हमारे प्रधानमंत्री

पाठकों को यह बताते चलें कि नरेंद्र मोदी राजनीति की चौपड़ पर लगातार चले चलते रहते हैं उनका एकमात्र लक्ष्य है कि देश की जनता उनके माया जाल में फंसी रहे इसलिए लगाता लगातार कुछ ऐसा नया करते रहते हैं जिससे लोग वाह-वाह करते रहे. मगर जमीनी हकीकत यह है कि इससे देश का कोई भला नहीं होता विकास थमा हुआ है और देश लगातार दुनिया के नक्शे पर पिछड़ता चला जा रहा है. हां उनके कुछ चाहते जरूर दुनिया के सबसे ज्यादा मालदार लोगों की गिनती में आते जा रहे हैं मगर देश का युवा पढ़ा-लिखा नौजवान नौकरी के लिए भटक रहा है और अगर नौकरी मिल भी जाती है तो उसकी स्थिति अच्छी नहीं है क्योंकि कटौतियां जारी है.

अगर हम प्रधानमंत्री कार्यालय की बात करें तो पीएमओ के मुताबिक, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने और नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा. प्रधानमंत्री ने इसी साल जून महीने में सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों को निर्देश दिया था कि वे मिशन मोड से 10 लाख पदों पर भर्तियां करें.
मगर यह नहीं भूलना चाहिए कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने 8 वर्ष से अधिक हो चुके हैं और उन्होंने बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया हुआ था जिस पर लंबे समय तक वे मोनी बाबा बने हुए थे. अब जब चुनाव सामने हैं तो उन्होंने नौकरी का यह राग छेड़ दिया है .

युवाओं के लिए छलावा..!

जैसा कि यह कहा जा रहा है कि मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने यह निर्देश दिया था.पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश के मुताबिक यह काम आगे बढ़ाया जाएगा. सभी मंत्रालय व विभाग स्वीकृत पदों के बरक्स मौजूदा रिक्तियों को भरने की दिशा में मिशन मोड में काम कर रहे हैं. देश भर से चयनित नए कर्मियों को भारत सरकार के 38 मंत्रालयों और विभागों में नियुक्ति की जा रही है .
पीएमओ ने कहा है कि ये नियुक्तियां मंत्रालयों व विभागों द्वारा खुद से या नियुक्ति एजेंसियों के माध्यम से मिशन मोड में की जा रही हैं. इन एजंसियों में संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग और रेलवे भर्ती बोर्ड शामिल हैं. पीएमओ के अनुसार तेज गति से नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है.

यहां उल्लेखनीय है कि जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकरियों के बारे में घोषणा की थी भारत सरकार के एक सर्वे (पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे, पीएलएफएस) के मुताबिक अक्तूबर-दिसंबर के दौरान बेरोजगारी का औसर 20.8 था. भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम निष्पादन मंत्रालय के मुताबिक, जून-जुलाई 2021 की अवधि में ग्रामीण इलाकों में औसत आंकड़ा 12.9 से 18.5 के बीच था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 में हर पांचवां सरकारी पद खाली था एक मार्च, 2019 तक केंद्रीय सरकारी कर्मियों की संख्या 31.43 लाख थी.जबकि एक साल पहले यह संख्या 22.69 लाख थी. एक साल में 22.69 फीसद पद खाली हो गए थे. उस अवधि में कर्मचारी चयन आयोग और केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने क्रमशः 1,85,734 और 27,764 भर्तियां निकाली थीं। इनमें से 2017 18 और 2021-22 के दौरान क्रमशः 1, 74, 744 एवं 24,836 नौकरियां दी गई.
समूह बी (राजपत्रित), समूह बी (अराजपत्रित) और समूह सी के जिन पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं, उनमें केंद्रीय सशस्त्र बल कार्मिक, उप निरीक्षक, कांस्टेबल, एलडीसी, स्टेनो, पीए, आयकर निरीक्षक, एमटीएस तथा अन्य है .
मगर देखना यह दिलचस्प होगा कि भारत सरकार के प्रमुख के रूप में नरेंद्र मोदी की यह परियोजना भी कितना जमीनी स्तर पर लोगों को राहत दे पाती है या फिर यह भी एक छलावा मात्र बन कर रह जाएगी .

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