महिलाओं पर अश्लील फब्तियां कसना, ट्रोल या ब्लैकमेल करना, थ्रेट देना आदि दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और ये सब चीजें औनलाइन हेरासमैंट की कैटेगरी में आती हैं. ऐसे में महिलाएं इस सब से डरें नहीं, बल्कि मुकाबला करें.
लखनऊ की रहने वाली आयुषी वर्मा कत्थक आर्टिस्ट हैं. पिछले 5 सालों से वे बहरीन में रह कर वहां कत्थक सिखाने वाले स्कूल में डांस टीचर के रूप में काम करती हैं. आयुषी विदेश में रहते हुए बदल गई थी. वहां उस ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खोला. उस ने डांस के साथ मौडलिंग और ऐक्ंिटग करने के लिए अपना एक फोटोशूट कराया और उस के कुछ फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए.
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एक लड़के ने इंस्टाग्राम से उस की फोटो डाउनलोड की. उस को एडिट कर के पोर्न फोटो के साथ एक फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बना कर प्रयोग करने लगा. आयुषी की किसी दोस्त ने उस को यह जानकारी दी तो उस ने धैर्य नहीं खोया. उस ने अपनी दोस्त से उस फेक फोटो वाले इंस्टाग्राम अकाउंट के खिलाफ रिपोर्ट करने को कहा. इस के बाद उस लड़के ने आयुषी की फोटो प्रोफाइल से हटाई. कुछ समय के बाद उस ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट भी कर दिया.
आयुषी कहती हैं, ‘‘मैं ने बिना डरे और संकोच के अपने दोस्तों व घर वालों को यह बता दिया कि मेरी फोटो को एडिट कर के पोर्न फोटो को मेरे साथ जोड़ा गया है. दोस्तों और घर वालों को मेरी बात पर यकीन था. वे हमारे साथ थे. ऐसे में हमें कोई डर नहीं था. कई बार लड़कियां डर जाती हैं. बात को छिपाने लगती हैं. यहीं से गड़बड़ शुरू हो जाती है. ऐसे में अगर कोई औनलाइन हेरासमैंट का शिकार हो तो डरें नहीं. हौसला न खोएं. परिवार और दोस्तों की मदद ले कर ऐसा करने वाले को सबक सिखाएं.’’ यह बात केवल आयुषी तक सीमित नहीं है. बहुत सारी लड़कियां इस का शिकार हो जाती हैं.
चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाली अंकिता वाजपेई ने अपनी मेहनत व लगन से डांस के क्षेत्र में खास मुकाम बनाया. कई रिकौर्ड उस के नाम पर हैं. लोग अंकिता वाजपेई को उस के नाम से जानते हैं. अंकिता डांस करने के दौरान कई मौडर्न और स्टाइलिश कपड़े भी पहनती थी. मुकेश नामक व्यक्ति हमेशा उस के डांस वीडियो बनाता और फोटो क्लिक करता था. इस बीच अंकिता की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के उस में भद्दाभद्दा कमैंट करने लगा. अंकिता ने यह बात अपनी मम्मी और समाज के कुछ लोगों को बताई. एक दिन सभी लोग मुकेश के घर गए. उस की बेटी और पत्नी के सामने पूरी जानकारी दी. मुकेश ने सभी से माफी मांगी और दोबारा ऐसा न करने का वादा किया.
अंकिता कहती हैं, ‘‘मेरी कम उम्र देख कर उस को लगा था कि मैं डर जाऊंगी. मैं चाइल्ड लाइन की ब्रैंड एम्बेसडर रही. वहां मैं ने देखा था कि बच्चों को अपनी बात सब के सामने रखनी चाहिए. मैं ने हिम्मत जुटाई और सब को पूरा सच बताया. मुकेश को अपनी गलती माननी पड़ी. क्षमा मांगी और मेरे खिलाफ लिखी हर पोस्ट को हटा लिया. औनलाइन हेरासमैंट भी गंभीर मसला होता है. इस में भी लोगों का साथ और भरोसा आप की मदद करता है. अब कानून भी आप के साथ है. ऐसे में हेरासमैंट को सहन नहीं करें, बल्कि उस का मुकाबला करें.’’
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हेरासमैंट की शिकार लड़कियों की संख्या अधिक
प्लान इंडिया नामक संस्था ने भारत सहित 22 देशों की 14 हजार लड़कियों के साथ एक सर्वे किया. सर्वे के बाद जारी अपनी रिपोर्ट में प्लान इंडिया ने बताया कि 58 फीसदी लड़कियों को औनलाइन हेरासमैंट का शिकार होना पड़ा. रिपोर्ट से पता चलता है कि हर 5 में से एक लड़की यानी करीब 19 फीसदी लड़कियां औनलाइन हेरासमैंट के बाद सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिविटी कम कर देती हैं. हर 10 में एक लड़की सोशल मीडिया पर अपने अभिव्यक्त करने के अंदाज को बदल देती है.
सोशल मीडिया पर सब से अधिक 39 फीसदी हेरासमैंट फेसबुक पर होता है. इस के बाद 23 फीसदी इंस्टाग्राम का नंबर आता है. इस तरह व्हाट्सऐप पर 14 फीसदी, स्नैपचैट पर 10 फीसदी, ट्विटर पर 9 फीसदी और अन्य ऐप्स पर 6 फीसदी हेरासमैंट की जानकारी मिली थी. हेरासमैंट 2 तरह का होता है. एक तो उन को होता है जो किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हैं. सब से अहम बात, धर्म की रूढि़वादी सोच के खिलाफ या राजनीतिक दलों के खिलाफ बोलने पर धमकियां दी जाती हैं. दूसरी तरह का हेरासमैंट सैक्सुअल होता है. सुंदर और खुलेपन वाली फोटो देख कर लोग इसलिए जुड़ना चाहते हैं क्योकि वे सोचते हैं कि वे सैक्सी बातें कर सकें. जब वे सफल नहीं होते तो बदनाम और हेरासमैंट करने लगते हैं.
तुरंत करें रिपोर्ट
साइबर क्राइम विषय को ले कर पीएचडी करने वाली प्रोफैसर दिव्या तंवर कहती हैं, ‘‘सोशल मीडिया ने अपने भरोसे को बनाए रखने के लिए ऐसे इंतजाम किए हैं कि गलत काम करने वाले की शिकायत की जा सकती है. जिस के बाद उस का सोशल मीडिया अकांउट बंद हो सकता है. कई बार चेतावनी दे कर छोड़ दिया जाता है. यही नहीं, इस को ले कर पुलिस में मुकदमा लिखाया जा सकता है. यह मुकदमा आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत दर्ज कराया जा सकता है. अगर कोई अश्लील कमैंट करता है तो इस में धारा 67 भी जुड़ सकती है. आईटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धाराओं के तहत भी औनलाइन हेरासमैंट करने वाले के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा सकता है.
इस के अलावा भारत सरकार की वैबसाइट ‘साइबर क्राइम डौट गवर्नमैंट डौट इन’ में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर लड़की नहीं चाहती कि उस की पहचान उजागर हो तो उस में भी गोपनीयता पुलिस बरतेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन में कह रखा है कि जरूरत होने पर गोपनीयता का पूरी तरह से पालन हो. इस तरह औनलाइन हेरासमैंट को ले कर लड़कियों को डरने की जरूरत नहीं है. खुल कर शिकायत करें. उन को मदद मिलेगी. दिव्या तंवर कहती हैं कि साइबर क्राइम एक्ट में ही औनलाइन फ्रौड को भी रोकने के तमाम उपाय किए गए हैं.