Vijay Shah का बड़बोलापन: बोलने पर लगनी चाहिए लगाम
‘महाभारत’ युद्ध के आखिरी दिन हैं. ‘पितामह’ के खिताब से नवाज दिए गए भीष्म तीरों की शय्या पर पड़े सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार कर रहे हैं. वे बहुत तकलीफ में हैं, शारीरिक भी और मानसिक भी. चारों तरफ हिंसा है, खूनखराबा है.