कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अधिकारियों ने इस एंगल पर भी विचार किया कि स्वीटी का किसी दूसरे व्यक्ति से कोई प्रेम प्रसंग तो नहीं था. इस के लिए अजय सहित उस के मकान के आसपास के लोगों और रिश्तेदारों से पूछताछ की गई, लेकिन इस बात में कोई दम नजर नहीं आया.

पुलिस अपने तरीके से स्वीटी की तलाश में जुटी हुई थी. इस दौरान जुलाई के दूसरे सप्ताह में वडोदरा से कुछ दूर भरूच जिले के अटाली गांव के पास एक अधूरी पड़ी निर्माणाधीन बिल्डिंग के पिछवाड़े पुलिस को कुछ जली हुई हड्डियां मिलीं.

पुलिस ने फोरैंसिक विशेषज्ञों से उन हड्डियों की जांच कराई तो पता चला कि वह हड्डियां किसी इंसान की थीं.

जली हुई इंसानी हड्डियां मिलने पर स्वीटी के लापता होने में पुलिस अधिकारियों का शक इंसपेक्टर अजय पर गहरा गया. उस से सख्ती से पूछताछ की गई, लेकिन वह अपनी पत्नी के लापता होने की बात ही कहता रहा.

आखिर पुलिस अधिकारियों ने अजय के सच और झूठ बोलने का पता लगाने के लिए विभिन्न परीक्षण कराने का फैसला किया. इस के अलावा जली हुई हड्डियों का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराने का भी निर्णय लिया गया.

ये भी पढ़ें- Best of Manohar Kahaniya: प्यार पर प्रहार

पुलिस ने सब से पहले गांधीनगर की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में अजय की सीडीएस जांच कराई. इजरायल की विशेष रूप से स्थापित तकनीक सीडीएस जांच के जरिए विभिन्न सवालों के जरिए संदिग्ध व्यक्ति के पसीने और शरीर के तापमान के आधार पर सच्चाई का पता लगाया जाता है.

इस के बाद पुलिस ने उस के पौलीग्राफ टेस्ट और नारको टेस्ट के लिए अदालत से अनुमति मांगी.

स्वीटी के 2 साल के बेटे अंश का डीएनए टेस्ट कराया गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बरामद हुई हड्डियां स्वीटी की हैं या नहीं.

इंसपेक्टर अजय का कराया पौलीग्राफ टेस्ट

बाद में अदालत से अनुमति मिलने पर पुलिस ने अजय का पौलीग्राफ टेस्ट भी कराया. पौलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया 2 दिन तक चलती रही.

इस बीच, पुलिस को यह बात पता चली कि स्वीटी अपने बेटे से मिलने के लिए आस्ट्रेलिया जा सकती है. इस संभावना को देखते हुए पुलिस ने स्वीटी के पहले पति हेतस पांड्या और बेटे से औनलाइन पूछताछ की.

पुलिस ने हेतस पांड्या से स्वीटी के संपर्क में आने और इस के बाद दोनों के अलग होने के बारे में जानकारी ली.

इस पूछताछ में यह बात सामने आई कि स्वीटी ने अपने बेटे रिदम से कुछ महीने पहले आस्ट्रेलिया आ कर मिलने की बात कही थी, लेकिन स्वीटी आस्ट्रेलिया गई नहीं थी. हेतस पांड्या ने पूछताछ में यह भी बताया कि संभवत: स्वीटी के पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं हुआ है.

स्वीटी के लापता होने के बाद से उस के पहले बेटे रिदम ने आस्ट्रेलिया से ही सोशल मीडिया के जरिए अपनी मां की तलाश का अभियान छेड़ दिया था. तमाम तरह की तकनीकी और एफएसएल जांच कराने के बावजूद कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया था. कैलेंडर की तारीखें रोजाना बदलती जा रही थीं.

स्वीटी को लापता हुए करीब डेढ़ महीने का समय बीत गया था, लेकिन उस का कुछ पता नहीं चला था. यह भी पता नहीं चल सका था कि वह जीवित है या मर चुकी.

ये भी पढ़ें- मैं हल्दीराम कंपनी से बोल रहा हूं…. ठगी के रंग हजार

क्राइम ब्रांच ने संभाली जांच

पुलिस की लगातार हो रही आलोचनाओं को देखते हुए गुजरात सरकार ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में इस मामले की जांच अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सौंप दी. क्राइम ब्रांच के अफसरों ने नए सिरे से मामले की जांचपड़ताल शुरू की.

पुलिस अफसरों ने मीटिंग कर इस मामले में अब तक की जांच पर गहराई से विचारविमर्श किया. इस में यही बात सामने आई कि यह घरेलू मामला है. इस का राज उस के पति पुलिस इंसपेक्टर अजय से पूछताछ में ही निकल सकता है.

इस के लिए अजय की नारको टेस्ट कराने की अदालत से अनुमति मिल गई, लेकिन अजय ने अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति ठीक नहीं बताते हुए नारको टेस्ट देने में सक्षम नहीं बताया.

दरअसल, अजय पुलिस इंसपेक्टर था. उसे कानून की खामियां और पुलिस की

सीमा रेखा भी पता थी. पुलिस नारको टेस्ट के लिए उस से जबरदस्ती नहीं कर सकती थी और न ही उस से सख्ती से पूछताछ कर सकती थी.

अजय की ओर से नारको टेस्ट कराने से इनकार करने पर क्राइम ब्रांच के अफसरों का शक उस पर गहरा गया. उन्होंने उस के शहर छोड़ कर जाने पर रोक लगा दी गई.

इस के साथ ही क्राइम ब्रांच के अफसरों ने अजय के मकान से जांच शुरू करने और अटाली गांव में एक बिल्डिंग के पीछे जहां इंसानी हड्डियां मिली थीं, वहां का मौकामुआयना करने का निर्णय किया.

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने 23 जुलाई को अजय के प्रयोशा सोसायटी स्थित फ्लैट की जांचपड़ताल की.

इस में एक पुराने पुलिस वाले ने अपने अनुभव के आधार पर बाथरूम को कैमिकल से सफाई करवा कर देखा तो वहां खून के कुछ धब्बे मिले. इस के बाद पुलिस ने अपनी जांचपड़ताल तेज कर दी और कुछ जरूरी सबूत जुटाने के लिए अजय से फिर पूछताछ की.

आखिर पुलिस ने 49वें दिन स्वीटी के गायब होने की गुत्थी सुलझा कर 24 जुलाई, 2021 को इस मामले का परदाफाश कर दिया. स्वीटी पटेल की हत्या हो चुकी थी.

पुलिस ने स्वीटी की हत्या के मामले में उस के पति पुलिस इंसपेक्टर अजय देसाई और उस के दोस्त कांग्रेस नेता किरीट सिंह जडेजा को गिरफ्तार कर लिया. किरीट सिंह ने कांग्रेस टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था.

ये भी पढ़ें- Best of Crime Story: मोहब्बत दूसरी नहीं होती

अजय देसाई और किरीट सिंह जड़ेजा से पूछताछ और पुलिस की जांचपड़ताल में स्वीटी की हत्या की जो कहानी उभर कर सामने आई, वह इस प्रकार है—

अजय देसाई से प्रेम विवाह करने के बाद स्वीटी खुश थी. किसी बात की कोई परेशानी नहीं थी. अजय से उस के एक बेटा भी हो गया था. वह पति और बेटे के साथ मौज की जिंदगी गुजार रही थी.

स्वीटी ने भले ही अपने पहले पति हेतस पांड्या से तलाक ले लिया था, लेकिन वह अपने पहले बेटे रिदम से बहुत प्यार करती थी. आस्ट्रेलिया में अपने पापा के साथ रहने वाले रिदम से स्वीटी लगभग रोजाना फोन पर बात करती थी. हेतस को इस में कोई ऐतराज नहीं था. हेतस के मन में स्वीटी के प्रति भी कोई कटुता नहीं थी.

इंसपेक्टर अजय ने कर ली थी दूसरी शादी

सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. पति अजय पुलिस इंसपेक्टर था. उस का अपना रौबदाब था. इसलिए स्वीटी को अजय पर फख्र भी था.

स्वीटी से प्रेम विवाह के कुछ दिनों बाद ही अजय ने अपने समाज की एक युवती पूजा से विधिवत शादी कर ली. अजय ने स्वीटी को यह बात नहीं बताई. स्वीटी को भी इस बात का पता नहीं चला. अजय ने अपनी दूसरी पत्नी पूजा को दूसरी जगह मकान दिलवा दिया.

अगले भाग में पढ़ें- गला घोंट कर की थी स्वीटी की हत्या

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...