नींद ज्यादा आने की समस्या से ऐसे पाएं छुटकारा

जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, उसी तरह व्यक्ति के लिए भरपूर नींद भी बहुत जरूरी है. हर व्यक्ति को कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है. लेकिन कुछ लोगों के साथ ये समस्या होती है कि रात में पर्याप्त नींद लेने के बाद भी वो दिनभर आलस महसूस करते हैं. यानी 8 घंटो सोने के बाद भी उन्हें हर वक्त नींद आती है. अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें 10 से 12 घंटे सोने के बाद भी थकान महसूस होती है या नींद आती है तो आपको कुछ टिप्स अपनाने होंगे. अधिक नींद आने से बचने के लिए आप इन बातों का ध्यान रखें.

सबसे पहले आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आखिर रात में भरपूर नींद सोने के बाद भी क्यों दिनभर नींद और आलस आता है. इसकी कई वजह हो सकती हैं. अगर आप किसी काम की वजह से रात को देर से सोते हैं. 8 घंटे की नींद पूरी ना होना. जल्दी नींद ना आने की समस्या हो सकती है. अधिक स्ट्रेस लेना, चाय या कॉफी ज्यादा पीना, फिजिकल एक्टिविटी न करना आदि.

अगर आप ओवर थिंकिंग से दूर होकर रात को सोते हैं, तो आपको अधिक नींद आने से छुटकारा मिल सकता है. साथ ही हर वक्त नींद आने से बचने के लिए आप इन तरीकों को अपनाएं…

  1. अपने सोने का समय निर्धारित करें.
  2. कमरे में अंधेरा करके सोएं और तापमान अपने हिसाब से रखें.
  3. रात के समय हल्की डाइट लें.
  4. रात को कभी भूखे पेट ना सोएं.
  5. रात को सोने से पहले कोई किताब पढ़ लें.

हाथ-पैरों में पसीने की समस्या के लिए ये है 4 घरेलू उपाय

ऐसे कई लोग होते है जिनके हाथ और पैरों में बेहद ही ज्यादा पसीना आता है पसीने की इस आदत से आप काफी परेशान भी होते है. कई बार आपको पसीने की परेशानी से शर्मिंदंगी भी महसूस होती है.लेकिन पसीना आने की इस समस्या को मेडिकल टर्म में कहते है हाइपरहाइड्रोसिस. हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में पसीने का अधिक उत्पादन होता है. हालांकि यह एक गंभीर मेडिकल प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन कई बार ये शर्मनाक स्थिति पैदा कर सकता है. इसलिए आज हमने कुछ आसान घरेलू उपचारों की एक लिस्ट तैयार की है, जो आपके पसीने की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं.

1. ग्रीन टी

ग्रीन टी (Green Tea) में एंटीऑक्सिडेंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है, जो आपकी नॉर्मल हेल्थ को बूस्ट करने में मदद कर सकती है. यह शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करती है और पसीने को कम करती है.आप रोजाना सुबह नाश्ते से पहले एक कप ग्रीन टी पी सकते हैं.

2. नींबू

पसीने वाले हाथों और पैरों की समस्या को नियंत्रित करने के लिए नींबू का उपयोग बहुत तरीकों से किया जा सकता है. प्रभावित क्षेत्र को सुखाने के लिए नींबू और संतरे के छिलकों का उपयोग करें. जब वे सख्त और भंगुर हो जाएं, तो उन पर कुछ पाउडर डस्ट करें. नमक के साथ नींबू का रस मिलाएं और इसे अपने हाथों पर मलें. सूखने के बाद इसे धो लें.

3. टमाटर के रस का प्रयोग करें

टमाटर विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. यह पसीने को कम करने और हाइपरहाइड्रोसिस के साथ आने वाली पसीने की गंध को छिपाने में मदद कर सकता है. ताजा निचोड़ा हुआ टमाटर का रस (Tomato Juice) प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और इसे 10-15 मिनट के लिए सूखने दें. इसके बाद ठंडे पानी से धो लें.

3. गुलाब जल

गुलाब जल भी एक घरेलू उपचार है जो पसीने से तर हाथ धोने में मदद कर सकता है. आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप बाजार से शुद्ध शीशम का उपयोग करें या पानी में गुलाब की पंखुड़ियों को उबालकर और छलनी करके अपना बना लें. अपनी हथेलियों और पैरों पर गुलाब जल लगाने के लिए एक कपास की गेंद लें. यह आपकी त्वचा पर एक ठंडा और आराम की अनुभूति छोड़ता है. यहां तक ​​कि एक दिन में 15 से 20 मिनट तक अपने पसीने वाले हाथों और पैरों को ठंडे पानी में डुबोकर रखने से समस्या को प्रभावी तरीके से दूर किया जा सकता है.

दही में प्याज मिलाकर खाने वाले हो जाएं सावधान, सेहत को पहुंचाता है नुकसान

गर्मी में अक्सर लोग दही, रायता इत्यादि खाते है लेकिन कुछ लोग रायते में या दही प्याज डालकर खाते है आपका ऐसा करने से भले ही आपका स्वाद भड़ जाए, लेकिन इसस आदत से आपके शरीर को भारी नुकसान पहुंचाना पड़ सकता है. आयुर्वेदा के अनुसार इस तरह दही का सेवन करना मतलब शरीर में बिमारियों को बुलावा देना होता है. दही के साथ अन्य ऐसी कई चीजे है जो नहीं खानी चाहिए. जिससे आपके शरीर को नुकसान हो सकता है. तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजो के बारें में बताएंगे, जिससे दही के साथ नहीं खाना चाहिए.

प्याज और दही क्यो है नुकसानदायक

आयुर्वेदा की माने तो दही और प्यार दोनों अलग तासीर के होते है. दोनों एक दूसरे के विपरीत होते है प्याज गर्म तासीर को होता है तो दही ठंड़ी तासीर की होती है. इन दोनों को एक साथ खाने से मानव के शरीर में दाद, खाज और खुजली, एग्जिमा, सोराईसिस, स्कीन और पेट से जुड़ी समस्या उत्पन्न होती है.

– गैस की समस्या: अगर आपके पेट में पहले से जलन, पेट में दर्द और गैस की समस्या रहती है तो भूलकर भी आप दही के साथ प्याज का सेवन ना करें, इससे आपकी परेशानी ओर बढ़ सकती है.

– स्कीन की परेशानी: अगर आप दही प्याज के एक साथ खाते है तो इससे आपको स्कीन की परेशानी का भी बड़ी सामना करना पड़ा सकता है स्कीन में होने वाली दाद, खाज और खुजली जैसी परेशानियां बढ़ सकती है.

दही के साथ ये चीजें भी ना खाएं

  • दूध और दही – इन दोनों का एक साथ खाना या पीना आपके शरीर को खराब कर सकता है पेट में गैस बना सकता है साथ ही मतली की भी परेशानी हो सकती है.
  • दही और उड़द की दाल – दही और उड़द की दाल का सेवन करना भी कई तरह की पेट की बिमारियां दे सकता है इन दोनों का कॉम्बिनेशन खराब होता है ये पेट में जाकर पाचन तंत्र का खराब कर देता है.
  • आम और दही – आम और दही खाना एक साथ काफी लोगों को पसंद होता है लेकिन आपका यही स्वाद आपके लिए घातक बन सकता है इसके लिए ज़रुरी है कि आप इन दोनों को एक साथ ना खाएं यदि आप खाते है तो ये शरीर के लिए टॉक्सिन बन जाती है.

नाखून चबाना पड़ सकता है भारी, दें सकता है कई बिमारियों को बुलावा

अक्सर आपने कई लोगों को नाखून चबाते हुए  देखा होगा, जो दांत से अपने नाखून चबाते है, ऐसा ज्यादातर लोग जब किसी टेंशन में होते है या नर्वस होते है तब करते नजर आते है. लेकिन ऐसा करना आपने दांतों को कितना नुकसान पहुंचा सकता है क्या आप जानते है कि आपकी ये बुरी आदत आपके दांतो को नुकसान पहुंचा सकती है.

क्यों लोग चबाते हैं नाखून?

आखिर लोग नाखून क्यों चबाते हैं? इसकी वजह हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है. एक थ्योरी के मुताबिक, नाखून चबाने से लोग अपनी भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हैं. हालांकि,यह कोई अच्छी आदत नहीं है और इसके कारण आपकी मुस्कुराहट पर काफी बुरा असर पड़ सकता है.

नाखून चांबना और डेंटल हेल्थ

डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, नाखून चबाने से आपके दांत टूट सकते हैं. अगर आपके दांतों में ब्रेसेस लगे हैं तो नाखून चबाने की आदत के कारण दांतों की जड़ें सड़ सकती है. जिससे दांत खराब होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है.

रिसर्च के मुताबिक, नाखून चबाने वालों में ब्रुक्सिज्म नाम की बीमारी होने की संभावना काफी ज्यादा होती है. ब्रुक्सिज्म को आम बोलचाल की भाषा में दांत पीसना (Grinding of the teeth) कहा जाता है. जिसे अधिकतर व्यक्ति अनजाने में ही करता है. इस आदत के कारण आगे चलकर सिरदर्द, चेहरे में दर्द, दांतों की संवेदनशीलता और यहां तक की दांत खराब होने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

दांतों को नुकसान पहुंचाने के अलावा, नाखून काटने से बैक्टीरिया का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ सकता है. आपके दांतों में  ई. कोली ( E. coli ) और साल्मोनेला जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा करने वाले बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं. इससे गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.  जो लोग आदतन अपने नाखून काटते हैं.

इसस आदत से कैसे पाएं छुटकारा

-नाखुन को हमेशा छोटा रखें

-नाखुनों में कोई कड़वी नेलपॉलिश लगाएं

-जब भी आपका नाखून चाबने का मन करें, तो अपना ध्यान कहीं ओर लगाएं, नाखून चबाने के अलावा आप स्ट्रेस बॉल का इस्तेमाल करें.

दाढ़ी के नीचे निकल रहे हैं मुंहासे तो अपनाएं ये तरीके

एक बढ़िया दाढ़ी आपको पेशेवर माहौल में बढ़त देती है और आपको डेट नाइट्स पर भी डील करने में मदद करती है. लेकिन, स्वस्थ दाढ़ी बनाए रखना उतना आसान नहीं है जितना आप सोचते हैं. दाढ़ी की बारीकियों पर ध्यान देने से लेकर सही बियर्ड केयर प्रोडक्ट्स में निवेश करने तक, आपको दाढ़ी का फाइनल लुक हासिल करने के लिए काम करना होगा.

लेकिन एक स्ट्रांग बियर्ड गेम के बावजूद, आप अपने आप को दाढ़ी के नीचे होने वाले अनवॉन्टेड और खुजली वाले मुंहासों से जूझते हुए पा सकते हैं. ये मुंहासे गर्मियों के मौसम में कई एक्सपेरिएंस्ड बियर्ड मैन के लिए भी संकट की वजह बन सकते हैं. कई स्किन केयर और बियर्ड प्रोडक्ट्स की आसान उपलब्धता के बावजूद, पुरुष विभिन्न विकल्पों की खोज कर रहे हैं, खुद को विभिन्न रसायनों के संपर्क में ला रहे हैं, जो दाढ़ी की साफ-सफाई और लुक को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे दाढ़ी में मुंहासे और ज्यादा होते हैं.

सामान्य मुंहासों के विपरीत, इन पर किसी का ध्यान नहीं जा सकता है, क्योंकि यह दाढ़ी के नीचे हैं, लेकिन दाढ़ी के नीचे अनचाहे और अजीब तरीके से उठने के कारण होने वाली त्वचा की जलन आपको परेशान कर सकती है.

1. दाढ़ी का ख्याल रखें

चेहरे के बालों को सपोर्ट करने के सबसे बुनियादी नियमों में से एक इसकी स्वच्छता बनाए रखना है. आपकी दाढ़ी को ज्यादा समय की जरूरत नहीं है लेकिन नियमित रूप से जल्दी-जल्दी धोने से मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया दूर रहेंगे. यह धूल के कणों से भी छुटकारा दिलाएगा और आपकी दाढ़ी के नीचे की त्वचा (जो अनावश्यक खुजली के लिए जिम्मेदार है) से सभी जमे हुए अतिरिक्त तेल को साफ करता है. अपनी त्वचा के प्रकार के आधार पर, आप फेशियल क्लींजर का विकल्प चुन सकते हैं. और सबसे महत्वपूर्ण बात, एक्सफोलिएट करना न भूलें, क्योंकि यह इनग्रोन हेयर की ग्रोथ को रोकेगा.

2. बियर्ड ऑयल के अतिरिक्त उपयोग से बचें

पुरुषों के लिए बियर्ड केयर प्रोडक्ट्स की वाइड रेंज को प्रयोग करते हैं और बियर्ड ऑयल इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं.बियर्ड ऑयल का इस्तेमाल दाढ़ी के नीचे स्थित स्किन को सही मात्रा में हाइड्रेशन प्रदान करता है, इस प्रकार हेल्दी दाढ़ी की ग्रोथ को बढ़ावा देता है.इसी वजह से इसे बियर्ड केयर प्रोडक्ट्स में सबसे टॉप पर रखा जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेल के ज्यादा इस्तेमाल से आपके रोम छिद्र बंद हो सकते हैं. हां, इसके अवशेष (अगर धोया नहीं गया तो) आपकी त्वचा के प्राकृतिक तेल के साथ मिल सकता है, दाढ़ी में मुंहासे और त्वचा की अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है. तो अपने दाढ़ी के तेल का प्रयोग करें लेकिन इसे विवेकपूर्ण तरीके से करें।.

3. ग्रूमिंग प्रोटोकॉल फॉलो करें

दाढ़ी बनाए रखना सभी के लिए आसान काम नहीं है क्योंकि इसके लिए बहुत धैर्य और प्रयास की आवश्यकता होती है. और इसी तरह आपकी दाढ़ी को संवारने का रूटीन भी इसके लिए आला होना चाहिए.

हर बार एक नए रेजर का उपयोग करने से लेकर ब्लेड को उसी दिशा में ले जाने तक जैसे आपकी दाढ़ी बढ़ती है, कोई भी कुछ सरल नियमों का पालन करके ग्रूमिंग गेम को आसान बना सकता है. यह आपके चेहरे की त्वचा को स्वस्थ रखता है और दाढ़ी के नीचे होने वाले मुंहासों को भी रोकता है.

मूंछे करनी हैं स्टाइल में शामिल तो अपनाएं ये 4 टॉप टिप्स

लड़को में मूंछे और बियर्ड रखने का चलन काफी समय से चल रहा है ज्यादतर आदमी विराट कोहली की तरह बियर्ड रखना पसंद करते है लेकिन उतना ही क्रेज मूंछे रखने का भी है, हालांकि मूंछे कैसी और कौन सी रखनी चाहिए इसके लिए ज़रुर है कि आपको अच्छी जानकारी हो, तो आज के आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ ऐसे ही टिप्स लेकर आए है जिससे आप अपनी पसंद की मूंछे रख सकेंगे.

1. मूंछों काटने का सही समय

मूंछों को अपने हिसाब से ट्रिम करना है तो इनको शुरुआती दिनों में ही ट्रिम कर लें. इससे इन्हें हटाना कठिन नहीं होता है.लेकिन असल शेप देने का समय होगा इसके करीब 4 हफ्ते बाद. इस वक्त आप मूंछों के कंघे और वैक्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस दौरान आप मूंछों के गैप भी सेट कर पाएंगे

2. मूंछों वाला कंघा

मूंछो पर कंघे का इस्तेमाल करना बेहतर होता है, इससे आप वैक्स कराने के बाद भी कर सकते है.तब आप वैक्स को बराबरी से फैला भी सकते है. मूंछो में गैप करने के लिए भी कंघा काम आता है.

3. गीली मूंछें हैं तो

मूंछें जब गीली होती हैं तो उन्हें काटने और ट्रिम करने की कोशिश बिल्कुल न करें. गीले बाल भारी हो जाते हैं और काटना मुश्किल होता है. गीले बालों को काटने के बाद जब ये सूखेंगे तो ये जरूरत से ज्यादा छोटे लग सकते हैं. इसलिए इन्हें सूखने पर ही काटें.

4. फेस स्क्रब के फायदे

मूंछें अच्छे से बढ़ें इसके लिए जरूरी है कि उनके पीछे स्किन साफ़ सुथरी रहे. इसमें डेड स्किन बिल्कुल भी ना हो. इसके लिए जरूरी है कि अच्छा फेस स्क्रब इस्तेमाल किया जाए. इसके पहले शैंपू और कंडिशनर का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए.

 

 

जानें आंवला खाने के अनगिनत फायदे, स्किन के लिए काफी फायदेमंद

मानसून एक ऐसा मौसम है जो भीषण गर्मी से बचाने में फायदेमंद होता है इस मौसम को सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. हालांकि ये मौसम सेहत के लिए इतना लाभकारी नहीं होता है इस मौसम में लोगों की इम्यूनिटी वीक हो जाती है जिस कारण से कई तरह की बिमारियां लगने का खतरा रहता है. ऐसे में ज़रुरी है कि आप वो चीजे खाएं जो आपकी सेहत को तंदूरस्त रखे तो ऐसे में मौसम में सबसे फायदेमंद होता है आंवला, इससे खाने के कई फायदे होते है जो आज हम आपको इस लेख में बताएंगे, आवंला आपकी स्कीन से जुड़ी बिमारियों को भी दूर करता है. इतना ही नहीं किसी भी तरह की एलर्जी से आपको दूर रखने में कामयाब होता है.

1. इम्युनिटी बूस्टर

मानसून के मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया, फंगस और वायरस तेजी से फैलने लगते हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी और अन्य कई बीमारियों से लोग परेशान रहते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी इम्युनिटी पर घ्यान दें.इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए आप अपनी डाइट में आंवला जरूर शामिल करें यह विटामिन-सी का समृद्ध स्रोत है.जो बारिश के मौसम में आपकी इम्युनिटी बढ़ाता है. जिससे आप सर्दी, फ्लू या अन्य संक्रमण से बच सकते हैं.

2. स्किन के लिए फायदेमंद

मानसून में ह्यूमिडिटी के कारण चकत्ते, मुंहासे और फंगल संक्रमण जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इस मौसम में अगर आप आंवला खाते हैं, तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण खून को साफ करने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है. जिससे आप बारिश के मौसम मे त्वचा से जुड़ी समस्या से राहत पा सकते हैं.

3. सांस संबंधी समस्या

बरसात में सांस संबंधी समस्या बढ़ सकती है। इस मौसम में एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए. आंवला इन समस्याओं को कम कर सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. जिन लोगों को सांस संबंधी समस्या है, आंवला उनके लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है.

 

त्वचा की टैनिंग से लेकर एलर्जी तक को दूर करने के ये है तरीकें

चिलचिलाती मौसम के साथ त्वचा पर टैनिंग और एलर्जी की समस्या भी होने लगती है. ऐसे में आपको खुद को बचाने की कोशिश करनी होती है. धूप में जानें से पहले आपको कई बातों का खास ध्यान रखना होता है. हालांकि, लोगों को सही सनस्क्रीम का चुनाव करने में दिक्कत होती है.

1. त्वचा एलर्जी का उपचार

हल्की एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लिए, त्वचा को ठंडे पानी से धोने से आम तौर पर मदद मिलती है, साथ ही सीधी धूप में बाहर न निकलने की सावधानी भी बरतनी पड़ती है. बच्चों के लिए, प्रभावित क्षेत्र पर थोड़ी मात्रा में पेट्रोलियम जेली लगाने से त्वचा को आराम मिलेगा और पोषण मिलेगा. प्रभावित क्षेत्र को ठंडे पानी से धोने के बाद त्वचा को नमी देने के लिए कैलामाइन लोशन का भी उपयोग किया जा सकता है. एंटीहिस्टामाइन खुजली को कंट्रोल कर सकता है, जबकि सामयिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और एंटीबायोटिक्स त्वचा की सूजन को कम करता है और माध्यमिक संक्रमण में मदद करता है.

2. सनस्क्रीन के प्रकार

भौतिक और रासायनिक सनस्क्रीन के प्रकार होते हैं, जहां पहले वाले में जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे खनिज होते हैं, जो यूवी किरणों को प्रतिबिंबित या बिखेरते हैं जो यूवी किरणों को विक्षेपित करते हैं, और बाद वाले अवशोषित करते हैं. यूवी किरणें और यूवी किरणों को त्वचा तक पहुंचने से रोकती हैं.

हालांकि, उनमें मौजूद सामग्री त्वचा की लालिमा या सूजन, खुजली या चुभन, उभरे हुए उभार या पित्ती, स्केलिंग या रक्तस्राव, और दाने या तरल पदार्थ से भरे घावों जैसे लक्षणों के साथ कई त्वचा एलर्जी को ट्रिगर कर सकती है.

3. सनस्क्रीन की भूमिका

सनस्क्रीन शरीर को पराबैंगनी यानी कि यूवी विकिरण के हानिकारक प्रभावों से स्किन को बचाता है. इन प्रभावों में समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ना और त्वचा कैंसर शामिल हैं. आजकल, सनस्क्रीन के कई अलग-अलग विकल्प बाजार में मौजूद हैं जिनमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो त्वचा की एलर्जी, लालिमा और सूजन का कारण बन सकते हैं.

दिल की बात जुबां पर लाएं लड़कियां

स्कूल की दहलीज पार कर मंजू पहली बार जब कालेज पहुंची तो उस की नजर अपनी ही कक्षा के एक हैंडसम लड़के पर टिकी. पहली नजर में ही उसे उस से प्यार हो गया. वह रोजाना उस लड़के को ताकती रहती. उस का ध्यान व्याख्यान पर कम, उस लड़के पर अधिक रहता. हर समय वह उस के खयालों में खोई रहती. रात को भी उसी के सपने देखती. वही उस के सपनों का राजकुमार था.

मंजू के इस एकतरफा प्यार से सभी अनजान थे. मंजू ने अपने मन की बात कभी अपनी सहेलियों तक को न बताई. यहां तक कि घर में अपनी बड़ी बहन और भाभी को भी नहीं. ऐसे में भला उस का प्यार परवान कैसे चढ़ सकता है? प्यार तभी परवान चढ़ता है जब दोनों के दिल एकदूसरे के लिए धड़कते हों. लेकिन यहां तो वह लड़का भी नहीं जानता कि मंजू नाम की कोई लड़की उसे चाहती है.

एक वर्ष बीत गया. मंजू कभी अपने दिल की बात जबां पर नहीं लाई. एक दिन उस ने किसी अन्य लड़की को उस लड़के से हंस कर बात करते हुए देख लिया. वह भी उस से हंस कर बात कर रहा था. मंजू के मन में खटका हुआ. लेकिन उस में इतना साहस नहीं था कि वह अपने प्यार का इजहार कर पाती. नतीजतन, वह लड़का उस के हाथ से निकल गया.

काश, समय रहते वह अपने सपने के राजकुमार से दोस्ती बढ़ाती और फिर अपने प्यार का इजहार करती तो आज उसे इस तरह पछतावा न होता. लेकिन अब पछताने से क्या फायदा जब चिडि़या चुग गई खेत.

प्यार में हिचकिचाहट

संगीता के पिता सरकारी अधिकारी हैं. पिछले वर्ष उन का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया. नए शहर में नए लोगों के बीच उस की जिंदगी में एक लड़का आया जो उसी मल्टी स्टोरी बिल्ंिडग में पड़ोस वाले फ्लैट में रहता था. कुछ ही दिनों में दोनों परिवारों के बीच अच्छा परिचय हो गया.

संगीता पड़ोस के जिस लड़के को चाहने लगी थी, वह उस से 2 वर्ष सीनियर था. संगीता बीए फर्स्ट ईयर में थी और वह बीए फाइनल में था. एक ही कालेज में होने के कारण उन के बीच अच्छी दोस्ती हो गई. लेकिन संगीता की नजर में वह दोस्त से ऊपर था. वह उस के दिल में बस चुका था. वह उसे अपना हमसफर बनाना चाहती थी.

संगीता से बस एक ही चूक हुई कि वह अपने दिल की बात उसे बता न पाई. इस बीच लड़के के पिता का ट्रांसफर अन्य जगह हो गया और वह अपने परिवार के साथ चला गया. काश, संगीता ने उस से अपने प्यार का इजहार किया होता तो आज स्थिति भिन्न होती.

संगीता का प्यार अधूरा रह गया. उस के सपने पूरे होने से पूर्व ही दफन हो गए.

मंजू और संगीता की भांति ऐसी अनेक लड़कियां हैं जो यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही अपनी जिंदगी के तानेबाने बुनने लगती हैं. जिन को वे अपने सपनों का राजकुमार मानती हैं, उन्हें अपना दिल दे बैठती हैं, लेकिन दिल की बात जबां पर लाने में हिचकिचाती हैं.

वैसे, किसी लड़की का किसी लड़के से प्रेम करना गलत नहीं है. इस में भी जज्बात होते हैं. उस का मन हिलोरें भरता है, उस का दिल किसी के लिए धड़क सकता है. इस में असामान्य कुछ भी नहीं है. विडंबना यह है कि आज भी लड़कियां अपने प्यार का इजहार करने में शर्म का अनुभव करती हैं. ऐसे में उन के मन की मुराद अधूरी रह जाती है. जब आप किसी से प्यार करती हैं तो उसे व्यक्त करने में संकोच कैसा? जब कोई लड़का अपने प्यार का इजहार सहज रूप से या बेधड़क हो कर कर सकता है तो लड़की क्यों नहीं?

प्यार तो प्यार है चाहे किसी लड़के को लड़की से हो या लड़की को किसी लड़के से. इस के इजहार में विलंब नहीं करना चाहिए. जब आप किसी को चाहती हैं तो उस से कहती क्यों नहीं?

एक छोटी सी भूल की वजह से जिंदगीभर आप को अपने प्यार से दूर रहना पड़ता है. पहले प्यार को कभी भुलाया नहीं जा सकता. इसलिए यदि आप अपने प्यार को पाना चाहती हैं तो पहली फुरसत में अवसर मिलते ही उस से ‘आई लव यू’ कह दें. यदि सामने वाला इसे स्वीकार कर लेता है तो आप के मन की मुराद पूरी हो जाएगी और यदि किसी मजबूरीवश वह आप के प्यार को कुबूल न कर पाए तो इसे जिंदगी का एक कड़वा घूंट सम झ कर पी जाएं. उसे भूलने की कोशिश करें. आगे अपने जीवन की नई शुरुआत करें. हो सकता है जीवन में आप को इस से भी अच्छा हमसफर मिले. शादी तभी कामयाब होती है जब प्यार दोनों तरफ से हो.

Wax कराने से पहले पुरुष जान लें ये बातें

वैक्सिंग कराने में पुरुषों को थोड़ा अजीब लगता है लेकिन आजकल पुरुषों में भी वैक्सिंग कराने का चलन शुरु हो गया है. वैक्सिंग के दौरान होने वाले दर्द को पुरुष सही नहीं मानते है. पीठ, छाती और पैरों में वैक्सिंग से ज्यादा शेविंग पसंद करते है. लेकिन आजकल वैक्सिंग फैशन का हिस्सा बन चुकी है चाहे वो कोई सेलिब्रिटी हो या फिर आम आदमी वैक्सिंग कराना पसंद करते है.

पुरुषों और महिलाओं के लिए वैक्सिंग में बहुत अंतर नहीं होता है. हालांकि, कुछ चीजें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए. अगर आप भी वैक्स करवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपके लिए कुछ वैक्सिंग टिप्स बताने जा रहे हैं.

वैक्सिंग के समय आपको दर्द कम हो और प्रोसेस आसान हो, तो किसी प्रोफेशनल से वैक्स कराना सुनिश्चित करें. आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताने जा रहे हैं, जो हर आदमी को वैक्स कराने से पहले पता होनी चाहिए.

1. अपनी स्किन को एक्सफोलिएट करें

आप जिस पार्ट में वैक्स कराना चाहते हैं, उस पार्ट को एक्सफोलिएट करने के लिए आप बाजार से खरीदे गए या नैचुरल स्क्रब का उपयोग कर सकते हैं. वैक्सिंग सेशन से कम से कम दो दिन पहले यह काम सुनिश्चित कर लें. यह आपकी त्वचा को कुछ घंटों के लिए थोड़ा संवेदनशील बना सकता है. लूफै़ण का उपयोग करने से भी स्किन को वैक्सिंग के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है.

2. आइस पैक से दर्द कम करें

आइस या कोल्ड पैक वैक्सिंग के दौरान दर्द को कम कर सकते हैं. वैक्सिंग के दौरान बर्फ, स्ट्रिपिंग से पहले आपकी स्किन को ठंडा और सूथिंग करने में मदद करती है. यह आपकी त्वचा पर लाल चकतों, खुजली और जलन को रोकने में भी मदद करेगा. एलोवेरा जेल भी इस काम को पूरा कर सकता है.

3. बेहतर क्वालिटी के वैक्स का इस्तेमाल करें

वैक्स को अपनी आवश्यकताओं के साथ मिलाएं और बेहतर क्वालिटी वाले वैक्स का चुनाव करें. खासकर अगर आप पहली बार वैक्स करवाने जा रहे हैं, तो ये पाइंट आपके लिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. 

4. तुरंत एक्सरसाइज न करें

ज्यादातर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि वैक्सिंग करवाने के तुरंत बाद आपको एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. आपके वैक्सिंग सेशन के बाद कम से कम 24 घंटे तक एक्सरसाइज करने से बचने की सलाह दी जाती है.

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