छत्तीसगढ़ का नवीन विधानसभा भवन बनाम केंद्र सरकार का नवीन संसद भवन आज पुनः चर्चा का बयास बना हुआ है. एक तरह से भूपेश बघेल की गुगली पर नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सदर जे पी नड्डा आउट होने के हालात में है परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी पर सीधे आंच आ रही है .

दरअसल, छत्तीसगढ़ में बन रहे नए विधानसभा भवन पर प्रश्नचिन्ह लगा कर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक तरह से यह स्वीकार कर लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की सरकार द्वारा देश की राजधानी में बनाया जा रहा नवीन संसद भवन औचित्यहीन है. कैसे और किस तरह, आइए आज इस रिपोर्ट में नीर क्षीर विवेक के साथ तथ्य आपके सामने रख रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप स्वयं निष्कर्ष निकाल लें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलत है या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल.

दरअसल , हाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में जेपी नड्डा ने लिखा कि आप सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central vista project) का विरोध कर रही हैं. वहीं आपके छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार करोड़ों रुपए से नए विधानसभा भवन का निर्माण करवा रही है.

लाख टके का सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ एक नया प्रदेश है लगभग 21 वर्ष होने जा रहे हैं प्रदेश को गठित हुए और अगर विधानसभा भवन बनाया जा रहा है तो उसकी परिकल्पना किसने की थी?

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शायद जेपी नड्डा को पता नहीं है कि डॉ रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे तो लगभग 7 वर्ष पूर्व डॉ रमन सरकार में नया विधानसभा भवन बनाने के लिए प्रयास किया था 800 करोड़ रूपए की व्यवस्था की जा रही थी . मगर डॉक्टर रमन सिंह और बड़े बड़े कामों में उलझ गए! और विधानसभा भवन की कल्पना पूरी नहीं कर पाए.

छ.ग. विधानसभा का भवन 6 वर्ष पूर्व का प्रोजेक्ट

जेपी नड्डा शायद आपको पता नहीं है कि डॉ रमन सिंह के समय में यह तय हो गया था कि छत्तीसगढ़ के‌ नया रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन बनेगा. इस दिशा में डॉ रमन सरकार ने अलग-अलग कंपनियों के डिजाइन को लेकर प्रजेंटेशन की तैयारी की थी इसके बाद किसी एक डिजाइन पर मुहर लगनी थी.

भवन के निर्माण पर अंतिम मुहर लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा गठित इस समिति में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित दस सदस्यों को शामिल थे. इस हेतु नया रायपुर में भवन के निर्माण के लिए तीस एकड़ जमीन आरक्षित की गई थी नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने विधानसभा भवन के साथ ही प्रस्तावित अन्य भवनों के लिए भी जमीन आरक्षित कर दी गई थी. बताया गया था कि विधानसभा भवन के निर्माण में लगभग 80 से सौ करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी. जानकारी के मुताबिक 2015 के राज्योत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किए जाने की तैयारी चल रही थी. रमन सिंह की सरकार सोती रही और विधानसभा का निर्माण नहीं हो पाया. भूपेश बघेल सरकार में इसे अपनी प्राथमिकता में बढ़ चढ़कर लिया है तो भाजपा नेताओं के पेट में दर्द शुरू हो गया है.

अभी विधानसभा के नए भवन को बनाने के लिए 270 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है. तेजी से काम चल रहा है.

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सोनिया और राहुल की थी मौजूदगी

29 अगस्त 2020 को वह ऐतिहासिक दिन था जब भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के नवीन विधानसभा भवन का विधिवत भूमि पूजन का आयोजन किया था। जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी दिल्ली से वर्चुअल रूप से जुड़ी थी और उद्घाटन किया था .

सोनिया गांधी ने देश की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा था- देश और समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतें लोकतंत्र के सामने चुनौती बन गई हैं.

कहा जा सकता है कि एक नवीन प्रदेश होने के कारण छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन अपने आप में एक आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन की तुलना केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे संसद भवन से करना अपने आप में बेमानी है. कुल जमा भूपेश बघेल ने जो गुगली फेंकी उसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा साहब फंस गए हैं और अब जवाब देना है प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को.

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