55 वर्षीय राजेश की पत्नी का देहांत करीब 5 साल पहले हो गया था. राजेश के दो बच्चे हैं, दोनो की शादी हो चुकी है. दोनों वेल सेटेल्ड हैं. राजेश सरकारी कर्मचारी है. दिखने में अभी भी शरीर लम्बा-चैड़ा और सुडौल है. चूंकि राजेश बच्चों से अलग रहता है इसलिए अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए किसी महिला दोस्त की तलाश में भी रहता है और इर्दगिर्द तांकझांक भी करता है. लेकिन इस उम्र में वह शादी नहीं करना चाहता. उसे महिला दोस्त तो चाहिए, मगर जीवनसंगिनी नहीं.
कहने की बात यह है कि 50 साल पार करने के बाद महिला व पुरुष की सोच में जमीन-आसमान का अंतर आ जाता है. महिला 50 साल बाद भी यदि अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरुआत करती हैं तो वह कोशिश करती है कि किसी के साथ सेटेल हो. जबकि 50+का पुरुष मौज मस्ती और जिंदगी जीने पर यकीन रखता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि 25 वर्षीय युवा और 50 वर्षीय अधेड़ पुरुषों की सोच में अच्छा खासा पफर्क होता है. 50 साल का व्यक्ति ज्यादा समझदार, व्यवहारिक और लॉजिकल तरीके से सोचते वाला होता है. इसलिए दोनो का डेटिंग फंडा भी एक दूसरे से भिन्न होता है.
लेकिन जहां तक बात महिलाओं की है तो वह पुरुषों से बिल्कुल उलट होती हैं. महिलाएं हमेशा खुद को सामाजिक रीति रिवाजों से अलग नहीं कर पातीं. अब आप 53 वर्षीय सीमा को ही लें. सीमा बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी रही हैं. नतीजतन बहुत कम उम्र में उसने सरहानीय सपफलता हासिल कर ली. लेकिन इसका घातक परिणाम उसकी निजी जिंदगी में देखने को मिला. उसकी उम्र के लड़के या तो अभी सफलता की सीढ़िया चढ़ रहे थे या फिर प्रारंभ कर रहे थे. नतीजतन उसे कोई लड़का नहीं भाया. इसके बावजूद उसके माता-पिता ने उसकी शादी एक अधेड़ उम्र के पुरुष से कर दी जिसके साथ घूमना-फिरना, रोमांस करना उसे कतई पसंद नहीं आया.
आखिरकार उसने उससे तलाक ले लिया. जिंदगी में इतने उतार चढ़ाव के बाद 50 साल के पड़ाव से गुजरते हुए सीमा को किसी साथी की कमी बहुत खलती है. यही कारण है कि 50 साल का होने के बाद भी वह अपने लिए किसी ऐसे पार्टनर की तलाश कर रही है जो उसकी जिंदगी मंे ठहराव ला सके. सीमा अकेली ऐसी महिला नहीं है जिसे ठहराव के लिए किसी साथी की कमी न खलती हो. असल में हर महिला ऐसा ही चाहती है. पुरुष जहां इस उम्र में जिंदगी की तमाम जद्दोजहद, परेशानियों असफल वैवाहिक आदि से तनावग्रस्त होकर फिर से शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते, वे नए सिरे से परिवार बनाना, बच्चों की परवरिश करना, पत्नी के नाज नखरे सिर पर उठाने जैसी चीजों से ऊब हो चुके होते हैं.
वहीं महिलाएं इस उम्र में भी शुरु से शुरु करना चाहती हैं. शायद इसलिए क्योंकि महिला स्वभाव से ही केयर करने वाली होती है. वह चाहे मां की भूमिका में हो, बहन की भूमिका में हो, पत्नी की भूमिका में हो या गर्लप्रफेंड की भूमिका में. वह हर रूप में पुरुष की बच्चे की तरह देखरेख करना चाहती है. 50 वर्षीय पुरुषों को इन सब बातों से कोफ़्त होने लगती है. मनोविदों का मानना है कि महिलाओं की ऐसी छवि के पीछे प्रमुख वजह यह है कि महिलाएं हमेशा से ही पुरुषों पर आश्रित रहती हैं. उन्हें हर कदम पर ऐसे व्यक्ति की जरुरत होती. जो उनकी दूसरों से रक्षा कर सके. जबकि पुरुषों को किसी के अंडर रहने की आवश्यकता नहीं होती.
62 वर्षीय अजय मागो के मुताबिक, ‘आज से 15 साल पहले मेरी पत्नी मुझे बिना तलाक दिये छोड़कर चली गई थी. खैर, वह मेरा गुजरा हुआ कल है. इसलिए उसे याद करके कोई फायदा नहीं है. अगर चाहता तो शायद तब शादी कर सकता था. मगर जैसे जैसे उम्र निकलती गई, मेरा इस बारे में विश्वास दृढ़ होता गया कि आप 50-55 साल के बाद नए सिरे से घर नहीं बना सकते. इसके पीछे कई वजहें हैं. पहली तो समाज इसकी इजाजत नहीं देता.
अगर मैं ऐसा करता तो निश्चित रूप से मेरे बच्चों को कापफी बुरा लगता. उनके दोस्त उन्हें ताना देते हुए अजीबोगरीब कमेंट करते. सो, मैं अपनी खुशी के लिए उन्हें दांव पर नहीं लगा सकता. इसके अलावा नए सिरे से घर की शुरुआत यानी एक और पत्नी, उसके बच्चे और उसके बच्चे की जिम्मेदारी. कुल मिलाकर बात यह हुई कि 80 साल की उम्र तक मैं बच्चों की परवरिश से जूझता रहूं. मेरे हिसाब से यह मुमकिन नहीं है. अतः मैं 50 साल के बाद नये सिरे से घर की शुरुआत करने के पक्ष में नहीं हैं.’
लब्बोलुआब यह कि महिला चाहे उम्र के किसी भी पड़ाव में क्यों न हो उसे हर वक्त सहारे की जरुरत होती है. जबकि पुरुषों की सोच 50 साल बाद बिल्कुल उलट जाती है. विशेषकर उन पुरुषों की जिनके साथ जिंदगी की असपफल दास्तानें जुड़ी हुई हैं. सो, महिलाएं ध्यान रखें अगर आप किसी 50$ पुरुष के साथ डेटिंग कर रही हैं तो उससे शादी करने का इरादा न बना लें. क्योंकि वह आपको अपनी संगिनी बनाना नहीं चाहता. वह तो सिपर्फ अपने आपको इंटरटेन कर रहा है. इसके उलट पुरुष भी इस बात का खास ख्याल रखें कि यदि 50+महिला आपके साथ डेटिंग कर रही है तो वह उस उम्र में भी आपको अपना जीवनसाथी बनाने की चाहत रखती है. 50 साल से ज्यादा उम्र का पुरुष परिपक्व होता है, माहौल से परिचित होता है, उसके लिए कोई चीज नई नहीं होती. इसलिए उनकी सोच अलग होती है, चाहत अलग होती है.