एक मुस्लिम शख्स द्वारा हिंदू लड़की से विवाह का मामला, छत्तीसगढ़ में इन दिनों कुछ इस तरह सरगर्म है की क्या शहर क्या परिवार, क्या हिंदू मुस्लिम और बौद्धिक वर्ग सहित पुलिस और न्यायालय के साथ-साथ राजनीति के धुरंधर इस मामले में इनवौल्व हो चुके हैं.

और सात माह से अंजलि नामक युवती जो 23 वर्ष की है के मानवअधिकारों को ताक में रखकर, सभी अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग भज रहे है  परिणाम स्वरूप अंजलि जो एक तरह से सखी सेंटर में निरुद्ध है को, अपनी आवाज दुनिया को सुनाने की खातिर महात्मा गांधी के…  उपवास, भूख हड़ताल को अपना हथियार बनाना पड़ा. छत्तीसगढ़ के गांधीवादी, डॉक्टर गुलाब राय पंजवानी कहते हैं, यह मामला एक इंसान के अधिकारों का है यह सच भी है साभार ऊपर मानूस सत्य!

शायद इसीलिए गांधी के बताए रास्ते पर चल अंजलि को गूंगे बहरी व्यवस्था को अपनी आवाज सुनाने भूख हड़ताल करनी पड़ी.

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अंजलि इब्राहिम का मामला 23 फरवरी 2018 के बाद सुर्खियां बना .आज देश दुनिया में लव जिहाद के नाम पर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का यह मामला एक तरह से छत्तीसगढ़ सरकार और प्रशासन के लिए एक बवंडर बन गया है.

क्या है मामला जानिए

दरअसल, छत्तीसगढ़ के अशोक जैन की 23 वर्षीय पुत्री ने वहीं के एक मुस्लिम शख्स इब्राहिम से आर्य समाज में विवाह कर लिया .इब्राहिम ने विवाह से पूर्व आर्य समाज में अपना धर्म बदल हिंदू बन गया और उसे आर्यन आर्य नाम मिल गया. उसने और अंजलि ने विवाह कर लिया मगर इसके बाद इसे कुछ कतिपय तत्वों ने लव जिहाद का नाम दे दिया.

सनद रहे 2018 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की हिंदू हितों की पोषक सरकार थी, तब गली गली में हिंदुत्व की ढोल पीटती संस्थाएं, लोग थे और  शासन-प्रशासन में उनकी पुछपरख भी थी. ऐसे मे अंजलि के पिता अशोक जैन के सक्रिय होते और अंजलि को मनोरोगी निरूपित करने के बाद मामला सरगर्म होने होते चला गया. इब्राहिम जेल चला गया अंजली अशोक जैन के घर पहुंच गई. मामला तब चर्चा में आया जब इब्राहिम ने उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक अंजली का मामला लेकर न्याय की गुहार लगाई.

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चूंकि मामले में कई प्रतिष्ठित ताकतें अपना जोर लगा रही थी ऐसे में अंजली का यह मामला पेचीदा होता चला गया और अंततः कोर्ट के आदेश पर अंजलि को स्वतंत्र सोच की खातिर रायपुर के सखी सेंटर में रखा गया है,जहां 20 नवंबर को, उसकी भूख हड़ताल के बाद उसे छोड़ने का निश्चय किया गया है.

भूख हड़ताल से हड़कंप

अंजली बालिग है. देश में संविधान का शासन है. उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय है . यह सब होने के बाद भी एक लड़की किस तरह तमाशा बन  कर दुनिया में भारत के मानव अधिकार हनन की नजीर बन गई यह देखने लायक बात है. एक छोटी सी चीज किस तरह दबाव प्रभाव में अपनी प्राकृतिक, स्वतंत्रता, अस्तित्व को खो बैठती है यह भी अंजली इब्राहिम का विवाह की परते विहूप बन कर हमें नग्न सच दिखा रही हैं.

इस संपूर्ण मामले में अशोक जैन और उसके परिवार की अपनी कुंठा, अधिकार और प्रभाव है. उन्होंने कथित रूप से सात याचिकाएं अदालत में लगा रखी है दूसकी तरफ इब्राहिम आर्य अंजली आर्य है जो एक भारतीय नागरिक की हैसियत से अपनी कथित पत्नी अंजलि को पाना चाहता है और न्यायालय की देहरी पर मत्था टेके हुए हैं.

एक तरफ हिंदुत्व व अतिवादी संगठन है कुछ चेहरे और नाम है  जो इस साधारण से प्रकरण को अपने अपने ढंग से देखते और भूनाने की जुगत में है . तो क्या अंजलि को जीने का हक है… यह बहुत जल्द स्पष्ट होने वाला है या फिर वह भी एक चीड़, पक्षी की भांति दबोच दी जाएगी कैद रखी जाएगी.

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20 नवंबर को प्रशासन द्वारा आम सूचना के अनुसार दिन के 11:00 बजे सखी सेंटर से अंजलि को एक तरह से रिहा कर दिया जाएग . विगत लंबे अरसे से वह यहां कोर्ट के एक आदेश के अनुसार रखी गई थी ताकि स्वतंत्र रूप से सोच विचार कर वह अपने भविष्य का निर्णय स्वयं करें . पिता, परिजनों व इब्राहिम यानी आर्यन आर्य से बहुत दूर. आगे यह स्पष्ट होगा की वह कौन सी डगर जाएगी- क्या 11:00 बजे बाहर आकर वह इब्राहिम का हाथ थामेगी  या फिर अपने पिता के घर जाना पसंद करेगी.

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