Family Story : ईशा बिजनौर जिले के नगीना इलाके में अपने अम्मीअब्बा के साथ रहती थी. उस से बड़ी दो बहनों की शादी पहले ही हो चुकी थी, बाकी के 2 भाई मुंबई में स्टोर चलाते थे.
घर पर केवल ईशा और उस के अम्मीअब्बा ही रहते थे. उन का घर मेन रोड पर था. जब ईशा छत पर कपड़े फैलाने जाती थी, तो अकसर आनेजाने वाले लड़के उसे हसरतभरी निगाहों से देखते थे.
ईशा की उम्र अभी 17 साल थी, पर वह थी बड़ी गजब की खूबसूरत. सुनहरे बाल, गोरा चमकता चेहरा, छोटीछोटी कत्थई आंखें, सुर्ख होंठ, पतली कमर, उभरी हुई छाती. ऐसा लगता था जैसे सारा रस छाती में भर गया हो, जिसे पीने के लिए हर कोई बेताब रहता था और उसे अपना बनाने की तरकीब सोचता रहता था.
उन्हीं में से एक लड़का था इमरान. ईशा जब भी छत पर जाती थी, तब इमरान हमेशा उसे हसरतभरी निगाहों से देखता रहता था और वह ईशा का ऐसा दीवाना बना हुआ था कि दोपहर की भरी गरमी हो या तूफानी बारिश या फिर कड़ाके की ठंड... ईशा की एक झलक पाने के लिए वह बेकरार रहता था. इन सब मौसम की परवाह न करते हुए उस के घर के पास खड़ा रहता था.
ईशा समझ गई थी कि इमरान उसे दिलोजान से चाहता है. ईशा के दिल में भी इमरान के लिए प्यार के बीज फूटने लगे थे और अब वह भी कोई न कोई बहाना बना कर छत पर आ जाती और इमरान को अपनी एक कातिल मुसकान से घायल कर जाती.
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